नयी दिल्ली: पिछले कई दिनों से जारी लगातार बारिश ने एनसीआर की तस्वीर बदल दी है। मौसम विभाग के ताजा पूर्वानुमान के मुताबिक आने वाले कुछ दिनों तक बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। 4 से 7 सितंबर तक गरज-चमक के साथ बारिश और बादल छाए रहने की संभावना जताई गई है, जबकि 9 सितंबर तक अलग-अलग इलाकों में सामान्य से मध्यम बारिश होने की चेतावनी है। लगातार हो रही बारिश के चलते एनसीआर का डूब क्षेत्र पूरी तरह से जलमग्न हो चुका है। नदी और नालों का जलस्तर लगातार बढ रहा है, जिसके कारण निचले इलाकों में पानी भर गया है। कई गांव और बस्तियां प्रभावित हैं और वहां के लोग सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने को मजबूर हो गए हैं। प्रशासन ने ऐसे प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों को तेज कर दिया है। जिला प्रशासन की रिपोर्ट के अनुसार, अब तक लगभग 20,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। इसके साथ ही करीब 3,000 मवेशियों को भी सुरक्षित बाहर निकाला गया है। प्रभावित क्षेत्रों में प्रशासन की टीमें तैनात हैं और जरूरतमंद लोगों तक राशन, पानी और अन्य जरूरी सामान पहुंचाने का काम लगातार किया जा रहा है। प्रशासन की ओर से अस्थायी राहत शिविर भी लगाए गए हैं, जहां प्रभावित लोग शरण ले रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने भी विशेष सतर्कता बरतते हुए 6 मोबाइल मेडिकल टीमों को प्रभावित इलाकों में भेजा है।
गीता कॉलोनी श्मशान घाट में घुसा यमुना का पानी, अंतिम संस्कार हो रहा प्रभावित
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में यमुना नदी के बढते जलस्तर ने कई इलाकों को बुरी तरह प्रभावित किया है। इनमें दिल्ली का गीता कॉलोनी इलाका भी शामिल है, जहां श्मशान घाट के अंदर करीब 10 फीट पानी भर गया है। स्थिति यह है कि बाढ का पानी आने के कारण श्मशान घाट में अंतिम संस्कार की गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं। गीता कॉलोनी श्मशान घाट के प्रधान संजय शर्मा ने आईएएनएस से बातचीत में बताया कि 2023 में जैसे हालात थे, इस बार भी वही स्थिति है। श्मशान घाट आने वाले लोग काफी परेशान हैं और इसके बावजूद हम लोग यहां अंतिम संस्कार करा रहे हैं। अगर बाढ का पानी ऐसे ही बढता रहा तो अंतिम संस्कार की प्रक्रिया को बंद भी करना पड़ सकता है। उन्होंने कहा, त्त्सरकार की तरफ से श्मशान घाट में कोई व्यवस्था नहीं की गई है। जब बाढ का पानी घाट में घुसा तो तुरंत ही नीचे की लाइटों को काट दिया गया, जबकि ऊपरी कमरों में लाइट की व्यवस्था को बरकरार रखा गया है।त्त् बता दें कि यमुना नदी का जलस्तर गुरुवार सुबह पुराने रेलवे ब्रिज पर 207.48 मीटर दर्ज किया गया है, जो खतरे के निशान 205.33 मीटर से काफी ऊपर है। यमुना नदी के बढते जलस्तर से न केवल गीता कॉलोनी श्मशान घाट, बल्कि निगमबोध घाट और वजीराबाद श्मशान घाट भी प्रभावित हुए हैं। नगर निगम ने इन श्मशान घाटों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है और लोगों से वैकल्पिक स्थानों का उपयोग करने का आग्रह किया है। अधिकारियों के अनुसार, दिल्ली में अब तक 14,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। राहत और बचाव कार्य जारी हैं। प्रभावित लोगों के लिए आईटीओ, मयूर विहार और गीता कॉलोनी में राहत शिविर स्थापित किए गए हैं। राजस्व विभाग के अनुसार, 8,018 लोगों को तंबुओं में और 2,030 लोगों को 13 स्थायी आश्रय स्थलों में स्थानांतरित किया गया है। –आईएएनएस एफएम/
यमुना नदी का जलस्तर 207 मीटर के पार
दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढता ही जा रहा है। गुरुवार सुबह 7 बजे पुराने रेलवे ब्रिज पर 207.48 मीटर दर्ज किया गया। नदी के उफान के कारण दिल्ली के कई निचले इलाकों में बाढ का पानी घुस गया है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सुबह 6 बजे से 7 बजे तक जलस्तर 207.48 मीटर पर स्थिर रहा। अधिकारियों ने बताया कि सुबह 5 बजे यह 207.47 मीटर था और रात 2 बजे से सुबह 5 बजे तक यह इसी स्तर पर बना रहा। बाढ का पानी दिल्ली सचिवालय की ओर बढ गया, जहां मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्रियों और वरिष्ठ नौकरशाहों के कार्यालय स्थित हैं। इसके अलावा, वासुदेव घाट के आसपास के क्षेत्र भी पानी में डूब गए हैं। यमुना के बढते जलस्तर ने यमुना बाजार, गीता कॉलोनी, मजनू का टीला, कश्मीरी गेट, गढी मांडू और मयूर विहार जैसे इलाकों को बुरी तरह प्रभावित किया है, जहां आवासीय और व्यावसायिक इमारतें स्थित हैं। अधिकारियों के अनुसार, अब तक 14,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। राहत और बचाव कार्य जारी हैं। प्रभावित लोगों के लिए आईटीओ, मयूर विहार और गीता कॉलोनी में राहत शिविर स्थापित किए गए हैं। राजस्व विभाग के अनुसार, 8,018 लोगों को तंबुओं में और 2,030 लोगों को 13 स्थायी आश्रय स्थलों में स्थानांतरित किया गया है। बाढ का पानी दिल्ली के सबसे पुराने और व्यस्त निगमबोध घाट में भी घुस गया है, जिससे वहां अंतिम संस्कार की प्रक्रिया बाधित होने की आशंका बढ गई है। कश्मीरी गेट के पास श्री मरघट वाले हनुमान बाबा मंदिर तक भी पानी पहुंच गया है। बुधवार शाम को जारी बाढ नियंतण्र बुलेटिन में कहा गया है कि गुरुवार सुबह 8 बजे पुराने रेलवे ब्रिज पर जलस्तर 207.48 मीटर रहेगा, लेकिन इसके बाद नदी के जलस्तर में कमी आने की संभावना है। पुराने रेलवे ब्रिज यमुना के प्रवाह और बाढ के जोखिम का आकलन करने के लिए एक महत्वपूर्ण निगरानी ¨बदु बना हुआ है।
यमुना बैंक मेट्रो स्टेशन के नजदीक पहुंचा बाढ का पानी, रास्ता बंद
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में यमुना नदी के बढते जलस्तर का असर अब मेट्रो पर भी दिखाई देने लगा है। यमुना नदी के बढते जलस्तर के कारण यमुना बैंक मेट्रो स्टेशन तक जाने वाली सड़क को बंद कर दिया गया है। इसकी जानकारी दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) ने दी है। दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) ने गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में सड़क के बंद होने की जानकारी दी। डीएमआरसी ने बताया कि यमुना नदी का जलस्तर बढने के कारण यमुना बैंक मेट्रो स्टेशन तक जाने वाली सड़क वर्तमान में बंद है। कृपया अपनी यात्रा की योजना बनाते समय वैकल्पिक रास्तों का इस्तेमाल करें। हालांकि, स्टेशन सामान्य रूप से काम कर रहा है और इंटरचेंज सुविधा उपलब्ध है। बता दें कि यमुना नदी का जलस्तर गुरुवार सुबह पुराने रेलवे ब्रिज पर 207.48 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान (205.33 मीटर) से काफी ऊपर है। इससे दिल्ली के निचले इलाकों जैसे गीता कॉलोनी, मयूर विहार, यमुना बाजार, मजनू का टीला और कश्मीरी गेट में बाढ का पानी घुस गया है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सुबह 6 बजे से 7 बजे तक जलस्तर 207.48 मीटर पर स्थिर रहा। अधिकारियों ने बताया कि सुबह 5 बजे यह 207.47 मीटर था और रात 2 बजे से सुबह 5 बजे तक यह इसी स्तर पर बना रहा। बाढ का पानी दिल्ली सचिवालय की ओर बढ गया, जहां मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्रियों और वरिष्ठ नौकरशाहों के कार्यालय स्थित हैं। इसके अलावा, वासुदेव घाट के आसपास के क्षेत्र भी पानी में डूब गए हैं। बुधवार शाम को जारी बाढ नियंतण्रबुलेटिन में कहा गया है कि गुरुवार सुबह 8 बजे पुराने रेलवे ब्रिज पर जलस्तर 207.48 मीटर रहेगा, लेकिन इसके बाद नदी के जलस्तर में कमी आने की संभावना है। पुराने रेलवे ब्रिज यमुना के प्रवाह और बाढ के जोखिम का आकलन करने के लिए एक महत्वपूर्ण निगरानी ¨बदु बना हुआ है