Justice for chawla gangrape victim: देश की सर्वोच्च अदालत द्वारा छावला गैंगरेप पीड़िता दिवंगत अनामिका (बदला हुआ नाम) के तीनों आरोपियों को बरी किये जाने से उत्तराखंड समाज ही नहीं अपितु पूरे देश का समाज दुखी और स्तब्द हैं। लोगों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने तीनों धोशियों को बरी कर दिया है तो फिर बिटिया अनामिका का दोषी कौन है। क्योंकि उस बिटिया के साथ दरिंदगी तो हुयी है।
गौरतलब है कि देश की राजधानी दिल्ली के नजफगढ़ इलाके में 10 साल पहले 09 फरवरी 2012 को तीन युवकों द्वारा नजफगढ़ की अनामिका (बदला हुआ नाम) का अपहरण कर उसके साथ गैंगरेप और बाद में उसकी हत्या कर हरियाणा के खेतों से फेंक देने का मामला सामने आया था। उसकी सहेलियों ने किरन के अपहरण की खबर पुलिस व उसके घरवालों को दी। परन्तु पुलिस ने इस पर कोई कार्यवाही नहीं की। जिसके बाद उत्तराखंड समाज के लोगों ने सड़कों पर निकलकर इस घटना का जबरदस्त विरोध किया। जिसके बाद पुलिस हरकत में आई और 14 फरवरी को निर्भया की लाश सड़ी गली हालत में पुलिस को हरियाणा के खेतों से मिली। जिसके बाद पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा। जिसके बाद द्वारका कोर्ट ने दोषियों को फाँसी की सजा निर्धारित की और फिर हाईकोर्ट ने भी फांसी की सजा को बरकरार रखा। और बीते 7 नवम्बर को सुप्रीम कोर्ट ने तीनों आरोपियों को बरी कर दिया।
इसी को लेकर आगे की रणनीति तैयार करने के लिए ट्रांस हिंडन क्षेत्र इंदिरापुरम, वैशाली तथा कौशाम्बी के प्रभुद्ध लोगो द्वारा सामाजिक कार्यकर्ता संजय चौहान के निवास स्थान इंदिरापुरम गाजियाबाद में एक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में अनामिका बिटिया को इंसाफ दिलाने के लिए रणनीतिक चर्चा हुई।
बैठक में उपस्थित सभी लोगों ने एक मत होकर कहा कि गाजियाबाद क्षेत्र के सर्व समाज को भी इस दिशा में पहल करनी चाहिये, ताकि जल्दी ही इस फैसले के खिलाफ रिव्यू पेटिशन दाखिल की जाए। सभी का कहना था कि जल्द ही दिल्ली के जंतर मंतर पर इस फैसले के खिलाफ एक विशाल धरना आयोजित होगा, जो वर्तमान में हो रहे धरना प्रदर्शन की परिणीति होगी।
बैठक में सभी लोगो से यह निवेदन भी किया गया कि, बिटिया को न्याय की रोशनी दिलाने के लिये, तय कार्यक्रम के अनुसार, सभी लोग आगामी रविवार 20 नवम्बर, 2022 को, दिवंगत बिटिया के नाम से एक – एक दिया प्रज्वलित कर श्रद्धाजंलि अर्पित करेंगे।
केंडिल की श्रंखला की पहली कड़ी में -पहला केंडल मार्च, आगामी शनिवार, 19 नवम्बर को शाम 6 बजे से, न्याय खण्ड -1 के सुभाष पार्क (निकट शनि बाज़ार चौक) से आरंभ किया जायेगा और उसके पश्चात लगातार इस तरह के प्रदर्शन अन्य क्षेत्रों में भी क्रमवार आयोजित किये जाते रहेंगे।
बैठक में सर्वसम्मति से यह तय हुआ कि, जल्दी ही एनसीआर क्षेत्र गाजियाबाद की कई कालोनियों में सर्व समाज के सहयोग से धरना प्रदर्शन और केंडिल मार्च के आयोजन कर माननीय सुप्रीम कोर्ट से यह निवेदन किया जाएगा कि इस मामले में दोषियों की पहचान कर उन्हें शख्त से शख्त सजा दी जाए।
आज की बैठक में यह भी निर्णय हुआ कि सर्व समाज के सभी प्रबुद्ध सामाजिक लोगो, दिल्ली – एनसीआर में सक्रिय सामाजिक समितियों से विचार विमर्श कर इसके लिये दिशा तय की जाए तथा सभी की ओर से भी पहल हो कि, अनामिका बिटिया को न्याय मिले…उनके असली गुनहगारों को उनके किये की सज़ा मिले… देश मे कानून का राज स्थापित हो…और बिटिया के साथ हैवानियत करने वाले उन नर पिशाचों को जल्द से जल्द कानून के शिकंजे में लाये..!
बैठक में उत्तराखण्ड एकता समिति इंदिरापुरम, धरोहर इंदिरापुरम, नई पहल नई सोच, गर्जिया सोसाइटी, पूर्व सैनिक संगठन, सर्च माई चाइल्ड फाउंडेशन, उत्तराखंड महासंघ- गाजियाबाद, मानव अधिकार मिशन,तथा ट्रांस हिंडन आदि समिति से सर्वश्री दिनेश घिल्डियाल जी, किशोरी लाल ममगई, खुशहाल बिष्ट जी, राजेन्द्र रावत जी, जगमोहन सिंह रावत, संजय चौहान, उमेश बन्दूनी, शैलेंद्र सिंह, श्रीमती कुसुम कंडवाल भट्ट , हंसा तिवारी, पंडित नरेंद्र जदली, जगदीश रावत, मदन बिष्ट, बॉबी रावत, हरीश कडाकोटी, शिवराज रावत,शलेंन्द्र सिंह, संदीप रावत, दिलबर सिंह बिष्ट, मनीष सेनगुप्ता, रविन्द्र सिंह , पुरन जी, गीता चौहान, प. वीरेंद्र जुयाल ‘उपिरि’ सहित कई अन्य सामाजिक लोगो ने अपने विचार साझा किए।