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नोएडा: पिछले 5 दिनों से इंदिरापुरम के रामलीला मैदान में चल रहे 8वें उत्तराखंड महाकौथिग मेले का मंगलवार को रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ सफलतापूर्वक समापन हो गया है। शुक्रवार से शुरू हुए पांच दिवसीय महाकौथिग मेले के अंतिम दिन आज क्रिसमस डे की छुट्टी होने के कारण अपार भीड़ रही, दिल्ली/एनसीआर के कोने-कोने से मंगलवार को उत्तराखंड मूल के लोग महाकौथिग को देखने इंदिरापुरम के रामलीला मैदान में पहुंचे।maha-kauthig

महाकौथिग के आखिरी दिन रही गढ़रत्न नरेन्द्र सिंह नेगी के गीतों की धूम

मंगलवार को उत्तराखंड की लोक संस्कृति के ध्वजवाहक गढ़रत्न नरेन्द्र सिंह नेगी के लोक गीतों कि धूम रही. नेगी दा ने अपनी मधुर आवाज में एक से बढ़कर एक पुराने लोक गीत सुनाकर हजारों कि संख्या में पहुंचे दर्शकों को पहाड़ की याद दिला दी। हजारों दर्शकों की फरमाइस पर उन्होंने लोकप्रिय गीत मेरे को पहाड़ी मत बोलो मैं देहरादून वाला हूं.. भी सुनाया।maha-kauthig-mela

इसके अलावा उत्तराखंड की लोकप्रिय गायिका कल्पना चौहान द्वारा प्रस्तुत सदाबहार पहाड़ी लोकगीत बेडू पाको बारामासा पर दर्शकों ने जमकर डांस किया। वहीँ उत्तराखंड के प्रसिद्द हास्य कलाकार घनानंद “घना भाई” ने अपने चिरपरिचित अंदाज में पहाड़ी हास्य व्यंगों से दर्शकों को हंसा-हंसाकर लोटपोट कर दिया।maha-kauthig

इंदिरापुरम महाकौथिग मेले के मुख्य संयोजक राजेंद्र चौहान तथा अध्यक्ष जगत रावत रावत ने मेले के सफल समापन पर सभी दर्शकों का हार्दिक आभार व्यक्त किया और साथ ही अगले वर्ष दुबारा महाकौथिग में पधारने के लिए निमंत्रण भी दिया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की लोक संस्कृति और भाषा साहित्य को बढ़ावा देने के लिए पिछले 8 वर्षों से प्रत्येक वर्ष इंदिरापुरम में महाकोथिक मेले का आयोजन किया जा रहा है।

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