Insurance policyholder : अगर आप अपनी बीमा कंपनी की सेवाओं से संतुष्ट नहीं या आपकी बीमा कंपनी पॉलिसी में दी गई शर्तों का पालन नहीं कर रही है या आपकी शिकायत का निवारण नहीं कर रही है तो आप बीमा कंपनी के खिलाफ अपनी शिकायत दर्ज कर बीमा लोकपाल के जरिए इसका समाधान बीमा लोकपाल के जरिए पा सकते हैं। इसके लिए आपको जिस बीमा कंपनी से शिकायत करनी है, उस क्षेत्र में आने वाले बीमा लोकपाल में जाकर संपर्क कर सकते हैं। बीमा लोकपाल में शिकायत बिल्कुल फ्री है।

बीमा लोकपाल क्या है?

सबसे पहले आपको जानना होगा कि बीमा लोकपाल क्या है?। दरअसल सरकार ने पॉलिसी होल्डर्स की शिकायतों को निष्पक्ष तरीके से निपटाने के लिए बीमा लोकपाल स्कीम की शुरुआत की थी। देश में कोई भी पॉलिसीधारक अगर किसी भी बीमा सेवा से नाखुश है और उसकी समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है तो वो बीमा लोकपाल में शिकायत कर सकता है। वर्तमान में देशभर में कुल 17 बीमा लोकपाल कार्यालय मौजूद हैं। इसकी पूरी लिस्ट लोकपाल की वेबसाइट http://www.ecoi.co.in/ombudsman.html पर जाकर देख सकते हैं.

कहाँ और कैसे करें शिकायत

बीमा कंपनी की सेवाओं से असंतुष्ट पालिसी धारकों को बीमा कंपनी से उनकी शिकायत के निवारण के लिए शुक्रवार को बीमा लोकपाल कार्यालय दिल्ली में बीमा लोकपाल सुधीर कृष्णा और उपभोक्ता नीति विशेषज्ञ प्रो. विनोद कुमार मिश्रा की अध्यक्षता में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गयी।

प्रेस कॉन्फ्रेंस का मुख्य उद्देश्य बीमा लोकपाल की सुविधा एवं जानकारी का प्रचार प्रसार करने के साथ साथ पॉलिसीधारकों को बीमा कंपनी के शिकायत अधिकारी से संतोषजनक जवाब न मिलने पर यह बताना था कि वह इसके लिए नजदीकी बीमा लोकपाल कार्यालय से संपर्क करें।

बीमा लोकपाल बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (ईरडा) और बीमा लोकपाल परिषद् मुंबई द्वारा बनाया गया एक वैकल्पिक शिकायत निवारण मंच है। जिसका उद्देश्य है कि पॉलिसीधारक को बीमा कंपनी से संतोषजनक उत्तर ना मिलने पर न्यायिक प्रणाली के तहत निष्पक्ष तरीके से उसका निवारण करना है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि वित्त मंत्रालय द्वारा जारी बीमा लोकपाल अधिनियम 2017 के अंतर्गत पुरे भारतवर्ष में 17 बीमा लोकपाल कार्यालय बनाए गए हैं।  इन सबके द्वारा वर्ष 2021-2022 में कुल 40,527 शिकायतों का निपटारा किया गया है। जिसमें दिल्ली बीमा लोकपाल कार्यालय द्वारा 3830 शिकायतों का निपटारा किया गया  जो की सम्पूर्ण भारत का 9.4% है। दिल्ली लोकपाल कार्यालय सभी रजिस्टर्ड शिकायत को  30 दिनों के अंदर अंदर निपटाने का प्रयास करता है। दिल्ली बीमा लोकपाल सुधीर कृष्णा ने कहा कि पॉलिसीधारक को अपनी शिकायत को रजिस्टर करने की  प्रक्रिया व बीमा खरीदते वक्त क्या क्या सावधानी रखनी चाहिए इस पर संक्षिप्त जानकारी दी।

बीमा लोकपाल कार्यालय को संपर्क करने से पहले इन बातों का रखें ध्यान  

  • आपको अपनी शिकायत बीमा कंपनी की शिकायत निवारण विभाग से अवश्य करनी है
  • आप अपनी शिकायत बीमा लोकपाल कार्यालय में 1 वर्ष के अंदर कर सकते हैं
  1. बीमा कंपनी के पुनः विचारन्य पत्र को मना करने के पत्र की तिथि से, और
  2. पुनः लिखित विचारन्य पत्र का संतोषजनक उत्तर न मिलने पर, और
  3. पुनः लिखित विचारण पत्र को भेजने की तिथि से 30 दिन में उत्तर न मिलने पर
  • प्रत्येक प्रथक शिकायत के आधार पर लोकपाल 1 वर्ष की देरी की अवधि को माफ कर सकते हैं।
  • राहत की राशि 30 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए
  • कोई भी शिकायत किसी एक विषय में किसी अन्य न्यायालय, उपभोक्ता फोरम अथवा मध्यम से खारिज एवं लंबित होने की स्थिति में लोकपाल कार्यलय में विचारणीय नहीं है।

बीमा पॉलिसी खरीदने से पहले और बाद में क्या  सावधानी रखें 

  • अवास्तविक ब्याज दर और अन्य सुविधाओं जैसे ब्याज मुक्त ऋण, लेप्स पॉलिसी को पुनर्चलन करना या फिर उसको पोर्ट करना, बोनस/कमीशन
  • प्रपोजल फार्म व वेरिफिकेशन काल के समय सिर्फ सत्य प्रामाणिक जानकारी दें और लिखें।  एजेंट ब्रोकर के कहने पर ना जाएं।
  • पॉलिसी मिलने पर ध्यानपूर्वक अध्ययन करें अगर कोई अतिरिक्त जानकारी दी गई हो तो बीमा कंपनी को फ्री लुक समय अवधि में संपर्क करें।

बीमा लोकपाल द्वारा शिकायत का निस्तारण करने की प्रक्रिया 

  • शिकायत के साथ सभी जरुरी दस्तावेज, पॉलिसी और बीमा कंपनी से किये गए पत्राचार की प्रतिलिपि मिलने के उपरांत, कार्यालय द्वारा शिकायत को रजिस्टर्ड किया जाता है और बीमा कंपनी से उसका जवाब मांगा जाता है।
  • सुनवाई के दौरान अगर दोनों के मध्य हुई समझौता हो जाता है जो लोकपाल के अनुसार दोनों पक्षों के लिए उचित और न्यायसंगत हो तो वह समझौते को अवार्ड तब्दील कर देता है।
  • यदि सुनवाई के दौरान कोई समझौता दोनों पक्षों में नहीं होने पर सुनवाई को योग्यता के आधार पर नियम 17 के तहत अवार्ड जारी किया जाता है।
  • योग्यता के आधार पर किए गए अवार्ड बीमा कंपनी पर बाध्यकारी है ले जा सकते।
  • योग्यता के आधार पर अवार्ड पर शिकायत कर्ता पर किसी तरह का बंधन नहीं है, वह किसी भी फोरम/न्यायलय में जा सकता है।
  • दिल्ली कार्यालय में 50% से अधिक रजिस्टर शिकायतों का निपटारा मध्यस्ता के आधार पर किया जाता है।

उपभोक्ता ऑनलाइन शिकायत कैसे रजिस्टर करे 

  • बीमा अधिनियम 2021(संशोधित) के अनुसार कम्पलेंट की सुनवाई ऑन लाइन  भी की जा सकती है। आज के समय में अधिकतर सुनवाई ऑनलाइन ही की जा रही है।
  • ऑनलाइन सुविधा अधिकतर उपभोक्ताओं को पसंद आ रही है। लेकिन अभी भी अधिकतर शिकायतकर्ता अपनी कम्पलेंट कार्यालय में लिखित रूप में देना ही पसंद करते हैं। दोनों ही स्थिति में यह कार्यालय इन शिकायतों का एकानुसार संज्ञान लेता है।