दिल्ली: रविवार को दिल्ली के विनोद नगर डीडीए मैदान में समाजसेवी विनोद बच्छेती द्वारा आयोजित सांस्कृतिक, साहित्यिक एवं सामाजिक एकता का उत्तराखंडी सांस्कृतिक महाकुंभ में दिल्ली/एनसीआर के हजारों उत्तराखंडियों ने शिरकत की। इस मौके पर गढ़वाली-कुमाऊंनी भाषा को संविधान के आठवीं सूची में शामिल करने के लिए हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। जिसमे दूर दूर से आये हजारों उत्तराखंडियों ने बढ़चढ़ कर भाग लिया। इस महाकुंभ के कर्ताधर्ता विनोद बछेती ने बताया कि गढ़वाली-कुमाऊंनी भाषा को संविधान के आठवीं सूची में शामिल करने के लिए केंदीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह को इन हस्ताक्षर पत्रों को संलग्न कर एक ज्ञापन सौंपा जायेगा। ताकि हजारों उत्तराखंडियों के हस्ताक्षर रूपी ज्ञापन पर वै जल्द से जल्द एक सकारात्मक फैसला लेने को मजबूर हो सकें।
सांस्कृतिक महाकुंभ कार्यक्रम का संचालन उत्तराखंड के प्रसिद्द मंच संचालक, प्रत्रकार एवं लोककवि गणेश खुगशाल (गणी भाई) द्वारा किया गया।
इस दौरान गणेश खुगशाल (गणी) को महाकवि कन्हैयालाल डंडरियाल लोकभाषा पत्रकारिता सम्मान से सम्मानित किया गया इसके अलावा उत्तराखंड की कवयित्री श्रीमती बीना बेंजवाल को महाकवि कन्हैयालाल डंडरियाल साहित्य सम्मान से सम्मानित किया गया।
इससे पहले दिल्ली/एनसीआर के गढ़वाली-कुमाऊंनी और जौनसारी भाषा सीखने वाले सैकड़ों बच्चों को सर्टिफिकेट, स्कूल बैग तथा ट्रॉफी देकर पुरस्कृत किया गया। बतादें कि विनोद बछेती द्वारा अपनी लोकभाषा बचाए रखने के लिए दिल्ली/एनसीआर के बच्चों को गर्मियों की छुट्टीयों में गढ़वाली-कुमाऊंनी और जौनसारी भाषा सिखाने के लिए जगह-जगह सेंटर खोले गए गए हैं जहाँ दिल्ली एनसीआर के सैकड़ों बच्चे अपनी लोक भाषा सीख रहे हैं।
इसके बाद उत्तराखंड के स्वर सम्राट गढ़रत्न डॉ. नरेन्द्र सिंह नेगी एवं कुमाउनी लोक गीतों के प्रोद्धा हीरा सिंह राणा जी अपने लोक गीतों से इस सांस्कृतिक महाकुंभ में पहुंचे हजारों दर्शकों को देवभूमि उत्तराखंड की वादियों में ले गए।
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