इसी महीने 7 दिसंबर से संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है। सोमवार देर शाम अरुणाचल प्रदेश के तवांग में चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच हुई झड़प के बाद सियासत भी गर्म हो गई है। शीतकालीन सत्र में कई दिनों से विपक्ष मोदी सरकार को घेरने के लिए तैयारियों में जुटा था। मंगलवार को सत्र की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस समत तमाम विपक्षी दलों के नेताओं ने हिमाचल में चीन सैनिकों के साथ हुई झड़प के मुद्दे पर जबरदस्त हंगामा किया। इसके साथ विपक्ष ने केंद्र सरकार से जवाब भी मांगा।
अरुणाचल प्रदेश के तवांग में 9 दिसंबर को भारत-चीन के बीच झड़प को लेकर संसद के दोनों सदनों में जबरदस्त हंगामा जारी है। हंगामे की वजह से लोकसभा को 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि चीन लगातार घुसपैठ कर रहा है और सरकार मूक दर्शक बनी हुई है। वहीं कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला, नासिर हुसैन, शक्ति सिंह गोहिल, रंजीत राजन और आप सांसद राघव चड्डा ने भी इस मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस दे दिया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि देश से बड़ा कोई नहीं है, लेकिन मोदी जी अपनी छवि बचाने के लिए देश को खतरे में डाल रहे हैं।
तवांग में भारत-चीन आमने-सामने होने पर लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन ने कहा कि, सरकार को इस पर बयान देना चाहिए। ये होता रहा है। चीन ने हमारी जमीन पर कब्जा कर लिया है। लद्दाख, उत्तराखंड से वे अरुणाचल पहुंचे हैं। हमें चीन की साजिश से निपटने के लिए सरकार की तैयारी जानने का अधिकार है। एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी और कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने संसद में स्थगन प्रस्ताव पेश किया है। यह प्रस्ताव देश की किसी गंभीर समस्या पर चर्चा के लिए लाया जाता है। इस पर गृहमंत्री अमित शाह ने संसद के बाहर कहा कि भारत की एक इंच जमीन पर चीन ने कब्जा नहीं किया। उन्होंने कहा कि हमारे सैनिकों ने बहादुरी दिखाई।
कांग्रेस दोहरा व्यवहार कर रही है। कांग्रेस ने प्रश्न काल चलने नहीं दिया। हमने जवाब देने की बात कह दी थी। उसके बावजूद इन्होंने संसद नहीं चलने दी। गृह मंत्री शाह ने आरोप लगाया कि चीन पर कांग्रेस का रवैया दोहरा है। राजीव गांधी फाउंडेशन का सवाल प्रश्न काल में रखा गया था। गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कांग्रेस पार्टी ने 2006-07 में चीनी दूतावास से शोध के लिए पैसा लिया था। जिस वक्त गलवान में हमारे जवान चीनी सेना के साथ भिड़ रहे थे तब वो चीनी नेताओं के साथ मिल रहे थे। 2011 में कांग्रेस सरकार ने चीन की धमकी के बाद बॉर्डर पर धेमचौक में रोड और आधारभूत ढांचा का निर्माण रोक दिया था। कांग्रेस के समय ही हजारों किलोमीटर को जमीन हमसे हड़प ली गई है। ये बीजेपी की सरकार है, एक इंच जमीन पर भी कोई कब्जा नहीं कर सकता।
चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दिया जवाब
विपक्षी सांसदों के हंगामे के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में दोपहर 12 रक्षा मंत्री ने अरुणाचल प्रदेश में चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प में बयान देते हुए कहा कि 9 दिसंबर 2022 को पीएलए ट्रूप्स ने तवांग में एलएसी का उल्लंघन कर नियम तोड़े थे। भारतीय सेना ने पीएलए को अतिक्रमण से रोका। उन्हें उनकी पोस्ट पर जाने के लिए मजबूर कर दिया। रक्षा मंत्री ने कहा कि इस घटना में दोनों ओर के कुछ सैनिकों को चोटें भी आई हैं। हमारे किसी भी सैनिक की न तो मृत्यु हुई है और न कोई गंभीर रूप से घायल हुआ है। समय से हमने हस्तक्षेप किया। इसकी वजह से चीनी सैनिक वापस चले गए। इसके बाद लोकल कमांडर ने 11 दिसंबर को चाइनीज काउंटर पार्ट के साथ व्यवस्था के तहत फ्लैग मीटिंग की।
चीन को ऐसे एक्शन के लिए मना किया गया और शांति बनाए रखने को कहा। इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज सुबह राजधानी दिल्ली स्थित अपने आवास पर बैठक बुलाई। इस हाई लेवल बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर, सीडीएस लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के प्रमुख, एनएसए अजीत डोभाल समेत तमाम अधिकारी मौजूद रहे। दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी तवांग मुद्दे पर वरिष्ठ मंत्रियों के साथ हाई लेवल मीटिंग की। बता दें कि इसी महीने 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच जमकर झड़प हुई थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक जिसमें 6 भारतीय सैनिकों को चोटें आई हैं। वहीं कई चीनी सैनिक भी घायल हुए हैं।