नई दिल्ली : उत्तराखंड भू-कानून संघर्ष समिति (दिल्ली-एनसीआर) की अगुवाई में आज (मंगलवार को) प्रवासी उत्तराखंडियों द्वारा उत्तराखंड सरकार के दिल्ली स्थित स्थानिक आयुक्त कार्यालय के बाहर सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया गया। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत आज भू-कानून संघर्ष समिति के तत्वाधान में दिल्ली-एनसीआर के सैकड़ों लोग कोटला रोड़ स्थित स्थानिक आयुक्त कार्यालय के बाहर एकत्रित हुए। जहाँ विभिन्न संस्थाओं से जुड़े उत्तराखंड समाज के लोगों द्वारा उत्तराखंड में जमीनों की हो रही खरीद-फरोख्त पर रोक लगाने एवं पड़ोसी राज्य हिमाचल की तरह उत्तराखंड में भी सख्त कानून बनाए जाने की मांग को लेकर 11 बजे से शाम 4 बजे तक सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया गया।
इस मौके पर भू-कानून संघर्ष समिति द्वारा उत्तराखंड में सख्त भू-कानून बनाए जाने एवं उसे तुरंत लागू किए जाने की मांग को लेकर स्थानीय आयुक्त के माध्यम से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को निम्नलिखित मांगों के साथ ज्ञापन भेजा गया।
मुख्यमंत्री को भेजे गए ज्ञापन में कहा गया कि प्रदेश सरकार द्वारा भू-सुधार कानूनों में संशोधन करके राज्य में भूमि खरीद की असीमित छूट दे दी गई है, जिससे राज्य में भूमिहीन हो रहे हैं स्थानीय नागरिकों में काफी रोष है। सरकार द्वारा भूमि खरीद की असीमित छूट दिए जाने से पिछले कुछ वर्षों में बाहरी लोगों द्वारा जमीनों की खरीद-फरोख्त की जा रही है, जिसके कारण प्रदेश की संस्कृति सभ्यता आदि को भारी खतरा होने की आशंका के चलते आज स्थानीय लोग अपनी जमीन की चौकीदारी करने को मजबूर हो रहे हैं।
उत्तराखंड की सामाजिक सांस्कृतिक एवम मूल अवधारणा को बनाए रखने हेतु संघर्ष समिति उत्तराखंड की जनता की ओर से तुरन्त प्रभाव से 2018 का कानून रद्द करने तथा हिमाचल की तर्ज पर सशक्त भू संरक्षण कानून बनाए जाने की मांग करती है।
इस मौके पर धरना देने वालों में भू कानून संघर्ष समिति के अलावा दिल्ली में कार्यरत उत्तराखंड की विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के लोग भी शामिल थे। जिनमे मुख्य रूप से निम्न संस्थाओं ने भाग लिया।
- उत्तराखंड आवाज मंच,
- शिक्षा से शिखर तक
- यूथ फ़ॉर यूके
- गढ़वाल हितैषिणी सभा