Chhawla gang rape case Vinod arrested in murder case

नई दिल्ली  : दिल्ली पुलिस ने द्वारका क्षेत्र में एक ऑटोरिक्शा चालक की हत्या करने के आरोप में दो बदमाशों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में से एक आरोपी विनोद को कुछ समय पहले ही देश की सर्वोच्च अदालत  ने वर्ष 2012 में छावला गैंग रेप एवं हत्या के मामले में बरी किया था। दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि विनोद के अलावा अन्य आरोपी की पहचान पवन के रूप में हुई है।

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक गत 26 जनवरी को द्वारका सेक्टर13 में नेताजी सुभाष अपार्टमेंट के बाहर मुनिरका निवासी 44 वर्षीय ऑटो ड्राइवर की गला रेतकर हत्या कर दी गयी थी। हत्या के बाद लूटपाट की घटना को भी अंजाम दिया था। इस मामले में पुलिस ने दो बदमाशों को गिरफ्तार किया है। इसमें से एक बदमाश विनोद को सुप्रीम कोर्ट ने छावला गैंगरेप के मामले में बरी किया था।

पुलिस ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि ऑटोरिक्शा में चढने के बाद उन्होंने द्वारका पहुंचने पर चालक से लूटपाट का प्रयास किया और जब ऑटो चालक ने इसका प्रतिरोध किया तो उन्होंने उसे चाकू घोंप दिया और वहां से फरार हो गए। जानकारी के मुताबिक आरोपी विनोद छावला सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले में करीब 10 साल जेल में बंद था और हाल में जेल से छूटा था।

मृतक ऑटो ड्राइवर के भाई ने बताया कि यदि विनोद छावला गैंगरेप मामले में जेल में ही बंद रहता तो इस तरह की वारदात को अंजाम नहीं दे पाता और उसका भाई आज जिंदा रहता। वह अकेला सदस्य था जो अपने परिवार का भरण पोषण करता था। उन्होंने बताया कि जब वे अपने भाई की हत्या की जानकारी लेने के लिए द्वारका नॉर्थ थाने पहुंचे थे। तब उन्हें पुलिस ने बताया कि जो दो लोग पकड़े गए हैं, उनमें से एक विनोद है, जो छावला हत्याकांड में भी शामिल था। यह जानकार उन्हें और दुख हुआ।

गौरतलब है कि दिल्ली के छावला इलाके में 9 फरवरी 2012 को एक उत्तराखंड मूल की एक19 वर्षीय युवती ( नजफ़गढ़ की दामिनी) का तीन लड़कों ने अपहरण करके सामूहिक बलात्कार और उसके बाद उसकी हत्या कर दी गयी थी। तीन दिन बाद युवती का क्षत-विक्षत शव मिला था। युवती गुरूग्राम साइबर सिटी इलाके में काम करती थी। इस मामले में दिल्ली की एक निचली अदालत ने तीनों आरोपियों को मौत की सजा सुनाई थी, जिसे दिल्ली दिल्ली हाईकोर्ट ने बरकरार रखा था। आरोपियों ने सजा के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया था, जिस पर शीर्ष अदालत ने 7 नवंबर 2022 के अपने फैसले में निचली अदालत और उच्च न्यायालय के फैसले को रद्द कर तीन आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था। तीनों आरोपियों में से एक आरोपी विनोद था, जिसे अब ऑटो ड्राइवर की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया है। विनोद ने अपने एक अन्य साथी पवन के साथ मिलकर ऑटो ड्राइवर की गला रेतकर हत्या की थी।