CBSE guidelines for board exams: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने वर्ष 2026 में होने वाली 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के लिए नई गाइड लाइन जारी की है. CBSE ने 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को लेकर अहम बदलाव किए हैं। बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि आगामी परीक्षा में शामिल होने के लिए छात्रों को कुछ नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा। यदि कोई छात्र इन शर्तों का उल्लंघन करता है, तो उसे बोर्ड परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इस संबंध में आधिकारिक वेबसाइट cbse.gov.in पर नोटिस जारी की गई है।
अब 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा दो वर्षीय प्रोग्राम मानी जाएगी। यानी किसी भी विषय की बोर्ड परीक्षा में शामिल होने के लिए छात्र को उस विषय की दो साल तक पढ़ाई करना अनिवार्य होगा। उदाहरण के लिए, अगर छात्र ने नौवीं कक्षा में फैशन डिजाइनिंग और पेंटिंग को वैकल्पिक विषय के रूप में लिया है, तो उसे नौवीं के साथ-साथ दसवीं में भी ये दोनों विषय पढ़ने होंगे। छात्र दसवीं कक्षा में अपना विषय नहीं बदल सकेगा। यही स्थिति 11वीं और 12वीं कक्षा में भी लागू होगी।
बोर्ड ने यह भी स्पष्ट किया है कि नौवीं-10वीं कक्षा में छात्र को पांच मुख्य विषयों के साथ दो अतिरिक्त विषय और 11वीं-12वीं कक्षा में छात्र को पांच मुख्य विषयों के साथ एक अतिरिक्त विषय लेने की अनुमति होगी। बोर्ड ने 75% उपस्थिति और आंतरिक मूल्यांकन भी अनिवार्य कर दिया गया है। जिसके मुताबिक बोर्ड परीक्षाओं में बैठने के लिए कम से कम 75 प्रतिशत उपस्थिति बनाए रखनी होगी और सभी विषयों में आंतरिक मूल्यांकन अनिवार्य होगा। अगर छात्र स्कूल नहीं आते हैं, तो उनका आंतरिक मूल्यांकन नहीं किया जाएगा और न ही परिणाम घोषित किया जाएगा। नियमों का पालन नहीं करने वाले छात्रों को आवश्यक पुनरावृत्ति श्रेणी में रखा जाएगा। बोर्ड ने स्कूलों को बिना अनुमति नया विषय शुरू करने से मना किया है।
सीबीएसई परीक्षा नियंत्रक डॉ. संयम भारद्वाज ने बताया कि ये बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)-2020 के अनुरूप हैं और शिक्षा प्रणाली को और अधिक पारदर्शी व प्रभावी बनाने के उद्देश्य से लागू किए जा रहे हैं। सीबीएसई ने स्कूलों को चेतावनी दी है कि वे बोर्ड की अनुमति के बिना कोई नया विषय शुरू नहीं कर सकते। अगर स्कूल के पास मान्यता प्राप्त शिक्षक, प्रयोगशालाएं और संसाधन नहीं हैं, तो वे किसी भी विषय को मुख्य या अतिरिक्त विषय के रूप में नहीं पढ़ा पाएंगे। वहीं, जिन छात्रों ने पहले अतिरिक्त विषय लिए थे और जो कंपार्टमेंट या आवश्यक पुनरावृत्ति की श्रेणी में हैं, उन्हें निजी परीक्षार्थी के रूप में परीक्षा देने की अनुमति दी जाएगी।
CBSE New Guideline: सीबीएसई द्वारा जारी 7 अनिवार्य नियम
दो वर्षीय अध्ययन अनिवार्य
कक्षा 10 और 12 को बोर्ड ने दो वर्षीय कार्यक्रम माना है। यानी, छात्र को कक्षा 9 से 10 और कक्षा 11 से 12 तक लगातार अध्ययन करना आवश्यक है।
न्यूनतम 75% अटेंडेंस जरूरी
अटेंडेंस को लेकर भी गाइडलाइन जारी हुई है। बोर्ड परीक्षा में बैठने के लिए छात्र की अटेंडेंस कम से कम 75% होनी चाहिए।
इंटरनल असेसमेंट अनिवार्य
दोनों वर्षों में छात्रों का इंटरनल असेसमेंट होना आवश्यक है। यदि यह प्रक्रिया पूरी नहीं होगी, तो परिणाम घोषित नहीं किया जाएगा।
अतिरिक्त विषयों की सीमा
कक्षा 10 के छात्र अधिकतम 2 अतिरिक्त विषय और कक्षा 12 के छात्र 1 अतिरिक्त विषय चुन सकते हैं। इसकी पढ़ाई भी पूरे दो वर्षों तक करना होगा।
विद्यालय द्वारा स्वीकृत विषय ही मान्य
ऐसे विषय जिन्हें स्कूल में पढ़ाने या संचालित करने की सुविधा उपलब्ध नहीं है (जैसे शिक्षक या प्रयोगशाला), उन्हें छात्र बोर्ड परीक्षा में नहीं चुन पाएंगे।
कंपार्टमेंट और रिपीट की स्थिति
यदि किसी छात्र को अतिरिक्त विषय में “कंपार्टमेंट” या “एसेंशियल रिपीट” मिलता है, तो वह प्राइवेट उम्मीदवार के रूप में दोबारा परीक्षा दे सकेगा।
अतिरिक्त विषयों पर विशेष नियम
जो छात्र उपरोक्त नियमों का पालन नहीं करेंगे, उन्हें अतिरिक्त विषय प्राइवेट उम्मीदवार के रूप में लेने की अनुमति नहीं मिलेगी।