corona positive student in ranikhet school

उत्तराखंड में करीब 7-8 महीने के बाद 2 नवंबर (सोमवार) से 10वीं और 12वीं कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए खुल गए हैं। हालंकि पहले दिन ज्यादातर स्कूलों में सन्नाटा रहा, स्कूलों छात्र/छात्राओं की संख्या बेहद कम रही। इसबीच प्रदेश के एक स्कूल में पहले ही दिन एक कोरोना संक्रमित छात्र के पहुंचे से हडकंप मच गया।

जानकारी के मुताबिक अल्मोड़ा जनपद के रानीखेत में एक अर्द्ध सरकारी स्कूल (मिशन इंटर कॉलेज) में पहले दिन 10वीं और 12वीं कक्षाओं के कुछ छात्र स्कूल पहुंचे। इस बीच 12वीं के एक छात्र के अभिभावकों (चाचा और चाची) की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने की सूचना मिलते ही पूरे विद्यालय में हड़कंप मच गया। जिसके बाद उक्त छात्र का भी रैपिड टेस्ट कराया गया जिसमे छात्र भी कोरोना पॉजिटिव निकला। जिसके बाद पूरे विद्यालय में हड़कंप मच गया। प्रधानाचार्य के अनुसार अभिभावकों ने ही सुबह लिखित अनुमति के बाद छात्र को स्कूल भेजा था। उन्होंने बताया कि कक्षा में प्रवेश से पूर्व सभी छात्र-छात्राओं के साथ संक्रमित छात्र की भी थर्मल स्क्रीनिंग की गई थी, जिसमें उसका तापमान सामान्य पाया गया था।

एहतिहात के तौर पर प्रशासन ने तीन दिन के लिए स्कूल कालेज बंद करने के आदेश दे दिए गए हैं। संक्रमित छात्र के कक्षा अध्यापक सहित कक्षा के अन्य 15 छात्र-छात्राओं को होम आइसोलेट कर दिया गया है, सभी की कोरोना जांच की जाएगी। अब इसमें सवाल उठ रहा है कि अगर छात्र के अभिभावक बुखार से पीड़ित थे तो उन्होंने बच्चे को स्कूल भेजने की अनुमति क्यों दी। अभिभावकों की यह गलती अन्य छात्रों पर भारी पड़ सकती है।