GL Bajaj Institute

ग्रेटर नोएडा : आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में दिन प्रतिदिन प्रगति हो रही है। इसकी महत्ता को देखते हुए जीएल बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट द्वारा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और स्मार्ट कम्युनिकेशन  विषय पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया है। कार्यक्रम का शुभारंभ शुक्रवार को  केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष सरकार ने ऑनलाइन माध्यम से जुड़कर किया। मारवाड़ी यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. संदीप संचेती, पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी पटना के कुलपति प्रो. आरके सिंह,कानून और न्याय मंत्रालय भारत सरकार के संयुक्त सचिव डॉ. जीआर राघवेंद्र, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन भारत सरकार के वैज्ञानिक डॉ. प्रभात शर्मा और एकेटीयू लखनऊ के प्रति कुलपति प्रो. मनीष गौड़ ने विशिष्ट अथिति के रूप में शामिल होकर दीप प्रज्जवलन किया।

डॉ. सुभाष सरकार ने कहा कि मनुष्य की वास्तविक बुद्धि एक कृत्रिम बुद्धि का निर्माण करने में सक्षम है, जो एक स्मार्ट वर्क है। टेक्नोलॉजी के इस दौर में स्मार्ट वर्क करने वाले युवाओं की जरूरत है। इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन से बहुत लाभ होगा। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हमारे दैनिक जीवन के लगभग सभी पहलुओं में प्रवेश कर चुका है, चाहे वह स्वास्थ्य हो सेवा हो शिक्षा हो या मनोरंजन। भारत के पास इस क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में व्यापक अनुसंधान के माध्यम से देश इस क्षेत्र में अग्रणी है।

सम्मेलन में इटली की मैसिना विश्वविद्यालय के प्रो. एंटोनीनो गैलेटा, सिल्वर ट्रेडर्स फिलीपींस की सीईओ डॉ. लारा सहित देश-विदेश के कई शैक्षिक संस्थानों के विद्वानों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और स्मार्ट कम्युनिकेशन विषय पर संयुक्त चर्चा करते हुए छात्रों से अपने अनुभव साझा किए। इस दौरान जीएल बजाज सेंटर फॉर रिसर्च एंड इनक्यूवेशन के छात्रों के द्वारा प्रोजेक्ट और स्टार्ट-अप एक्सपो- 2023 की प्रदर्शनी भी लगाई गई।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. आरती खंडेलवाल और डॉ. शिल्पा चैधरी ने किया। संस्थान के निदेशक डॉ. मानस मिश्रा ने भी आर्टिफिशियल इंटिलिजेंस की महत्ता पर प्रकाश डाला। डॉ. शशांक अवस्थी ने कहा कि प्रधानमंत्री के मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियान को सफल बनाने के लिए पांच पी (प्रॉब्लम, प्रोजेक्ट, पब्लिकेशन, पेटेंट और प्रोडेक्ट) को सभी शिक्षण संस्थानों को अपनाना होगा, तभी जाकर देश के छात्र उद्योग निर्माण करने और रोजगार देने में सक्षम होंगे। इस दौरान डॉ. महावीर सिंह नरुका, डाॅ. सपना राकेश, डॉ. नरेश ढुल सहित कॉलेज के सभी प्रो फेसर और छात्र मौजूद रहे।a