dr dr purohit

श्रीनगर गढ़वाल: वरिष्ठ शिक्षाविद उत्तराखंड की लोक संस्कृति के प्रचारक प्रोफेसर दाता राम पुराहित को साल 2022 का गढ़रत्न सम्मान दिया गया है। मुंबई स्थित राजभवन में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने प्रो डीआर पुरोहित को इस सम्मान से नवाजा। प्रो डीआर पुरोहित को यह सम्मान उत्तराखंड की लोक संस्कृति को देश विदेश के महत्वपूर्ण अकादमिक मंचों पर सशक्त माध्यम से प्रचारित प्रसारित करने और उनके संरक्षण में योगदान के लिए दिया गया है।

पुरोहित एक अनुभवी लोक शोधकर्ता है, जो पिछले 2 दशकों से गढ़वाल की लोक परंपराओं जैसे की थिएटर कलाओं को खत्म होने से बचाने के लिए अथक काम कर रहे हैं। उन्होंने राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तरों के लिए संगीत और रंगमंच के कई पारंपरिक रूपों का उत्पादन किया है जिसमे “चक्रव्यूह” और “बूढदेवा” सबसे उल्लेखनीय है।

प्रोफेसर दाता राम पुरोहित से पहले ये सम्मान जीत सिंह नेगी, कन्हैयालाल डंडरियाल, नरेंद्र सिंह नेगी, डॉ. बीडी भट्ट, गौरा देवी जैसी उत्तराखंड की महान विभूतियों को दिया जा चुका है। इस पुरस्कार का आयोजन हर साल उत्तराखंड के जनसरोकारों से जुड़ी देश की महत्वपूर्ण संस्था गढ़वाल भ्रातृ मंडल मुंबई की ओर से किया जाता है। गढ़वाल भ्रातृ मंडल आजादी से भी पहले यानी साल 1928 से गढ़वाली, कुमाऊंनी, जौनसारी समेत समूचे मध्य हिमालयी क्षेत्र के आम सरोकारों से जुड़े कार्यों में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने प्रो डीआर पुरोहित, गढ़वाल भ्रातृ मंडल और समारोह में आए लोगों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंडी जनमानस की सरल और ईमानदार छवि की मिसाल देश विदेशों में दी जाती है। जो हमारे पूर्वजों की धरोहर है। इस मौके पर गढ़वाल भ्रातृ मंडल के अध्यक्ष रमण मोहन कुकरेती ने संस्था के 94 सालों के गौरवशाली इतिहास का सफरनामा पेश किया।

कार्यक्रम में समाज सेवा में अपना जीवन समर्पित करने वाली कई विभूतियों को उत्तराखंड समाज गौरव सम्मान भी दिया गया। जिनमें लोक भाषा के एक और महत्वपूर्ण हस्ताक्षर भीष्म कुकरेती, मनमोहन नौटियाल, वीरेंद्र प्रसाद बडोनी, मेजर शंभू प्रसाद मिश्रा, बंशीधर गैरोला समेत कई महत्वपूर्ण हस्तियां शामिल हैं। संचालन डॉ. राजेश्वर उनियाल ने किया।