admission in MBBS at the age of 64

नई दिल्ली : कहते है कि पढने लिखने की कोई उम्र नहीं होती है। और अगर इरादे फौलादी हों तो उम्र तो महज एक नंबर है, यह साबित कर दिखाया ओडिशा के 64 साल के एक रिटायर्ड बैंक कर्मचारी ने। जी हाँ, ओडिशा के बारगढ़ के रहने वाले जय किशोर प्रधान ने बैंक अफसर के पद से रिटायरमेंट के 4 साल बाद न सिर्फ मेडिकल का प्रतिष्ठित एग्जाम NEET क्वालीफाई किया बल्कि, 64 की उम्र में MBBS में एडमिशन लेकर इतिहास रच दिया। 64 वर्षीय जयकिशोर प्रधान को बुर्ला के वीर सुरेंद्र साई इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस एंड रिसर्च (VIMSAR) में एमबीबीएस कोर्स में एडमिशन मिला है।

इससे पहले 40 साल तक नौकरी में रहे प्रधान स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से डिप्टी मैनेजर के पद से रिटायर हुए हैं। उनका  बचपन से ही डॉक्टर बनने का सपना था। परन्तु पारिवारिक जिम्मेदारी के चलते वे उस समय अपने इस सपने को पूरा नहीं कर पाये थे जो उन्होंने रिटायरमेंट के बाद पूरा कर लिया है।

प्रधान ने स्थानीय मीडिया को बताया कि स्टूडेंट रहते हुए मैंने एमबीबीएस के लिए एंट्रेंस एग्जाम दिया था। लेकिन, तब वह फेल हो गए थे, और परिवार में सबसे बड़ा बेटा होने के कारण घर को एक कमाऊ लड़के की जरूरत थी। ऐसे में साल 1983 में मैंने एसबीआई ज्वाइन कर लिया था। इतने वर्ष नौकरी करने के बाद भी मैंने अपने सपने को नहीं छोड़ा। साल 2016 में रिटायर होने के बाद मैंने NEET की तैयारी की। मैं इस बार प्रवेश परीक्षा में बैठा और सफल हो गया। एक डॉक्टर के रूप में ट्रेनिंग के बाद मेरी इच्छा गरीबों को मुफ्त मेडिकल ट्रीटमेंट उपलब्ध कराने की है।’

जय प्रधान शारीरिक रूप से दिव्यांग भी हैं। उन्होंने आगे बताया कि 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में 25 साल से ऊपर की उम्र के लोगों को भी नीट में शामिल होने की अनुमति दे दी थी जिसके बाद विमसार में उन्हें दाखिला लेने में मदद मिली। जयकिशोर की बेटी ज्योतिप्रभा इस समय बिलासपुर में बैक्चलर इन डेंटल साइंस (BDS) की सेकंड ईयर की छात्रा हैं। वहीं बेटा जयजीत 10वीं कक्षा में पढ़ता है।