shikshak chamola

श्रीनगर गढ़वाल : शिक्षा के क्षेत्र में आज भी कई शिक्षक अपने समर्पण तथा निरन्तर अपने उत्कृष्ट कार्यों की उपलब्धि के आधार पर शैक्षिक जगत में अपनी सार्थकता सिद्ध कर रहे हैं।  इस तरह के शिक्षकों के रूप में राइका सुमाडी में हिन्दी अध्यापक के पद पर कार्यरत अखिलेश चन्द्र चमोला का नाम सर्वोपरि रूप में लिया जाता है। जो निरन्तर बाल प्रतिभाओं का मार्ग दर्शन करने के लिए तरह-तरह की गोष्ठियों का आयोजन करते रहते हैं। कोरोना महामारी के चलते जहां शैक्षिक संस्थान बंद हैं, वहीं चमोला ऑनलाइन अध्यापन कार्य करने के साथ ही छात्रों के लिए बहुउपयोगी प्रेरणा दायनी साहित्य का भी सृजन कर रहे हैं। चमोला का मानना है कि भावी पीढ़ी ही समूचे राष्ट्र की धरोहर है। इस धरोहर में आदर्श संस्कार तथा नैतिक गुणों का निर्माण करने के लिए उन्हें उचित वातावरण देना बहुत जरूरी है। हमें स्वयं में उनके समक्ष अपने आदर्श प्रस्तुत करने होंगे। चमोला के द्वारा लिखे गये कई प्रेरक प्रस॔ग राष्ट्रीय संकलनों में प्रकाशित हैं। भावी पीढ़ी में भारतीय संस्कृति के बीज रोपित हों इस के लिए चमोला द्वारा नैतिक बोध कथायें नामक पुस्तक प्रकाशित की गई है। जिसमें 155 प्रेरक प्रस॔ग समाहित किये गये हैं। प्रत्येक प्रेरक प्रस॔ग से मिलने वाली शिक्षा को भी सन्दर्भित किया गया है। छात्रों में बढती हुई नशे की प्रवृत्ति को रोकने में भी चमोला का योगदान महत्वपूर्णहै। 5000 से अधिक युवाओं को कभी नशा न करने का संकल्प पत्र भरवाने के साथ ही प्रतिज्ञा भी दिलवा चुके हैं। नशा उन्मूलन के क्षेत्र में किये गये उल्लेखनीय कार्यों को देखते हुए जनपद पौडी शिक्षा विभाग ने इन्हें नशा उन्मूलन प्रभारी का दायित्व भी दिया है। जनपद-पौडी गढवाल के विद्यालय में सप्ताह में एक बार चमोला द्वारा लिखी हुई नशा न करने की प्रतिज्ञा का वाचन किया जाता है। बच्चे नशे से दूर रहें इसके लिए चमोला बच्चों के बीच में जाकर संबाद भी स्थापित करते रहते हैं। विद्यालयों में जाकर अपने निजी व्यय पर नशा उन्मूलन के सन्दर्भ में प्रतियोगिता भी आयोजित करके छात्रों को सम्मानित भी करते हैं।

छात्रों में परीक्षा से सम्बंधित किसी तरह का भय न हो। इस भय को दूर करने के लिए चमोला ने अभी हाल ही में ”शैक्षिक नवाचार एवम् क्रियात्मक शोध” नामक पुस्तक प्रकाशित की। जिसकी अनुशंसा कैबिनेट संस्कृति व पर्यटन मन्त्री सतपाल महाराज ने भी की। 26 वर्षों से ग्रामीण आंचलिक में अध्ययन रत छात्र छात्राओं को प्रोत्साहित करने हेतु समय-समय पर उन्हे सम्मानित करते रहते हैं। शिक्षा साहित्य, ज्योतिष, पर्यावरण तथा नशा उन्मूलन के क्षेत्र में विशिष्ट कार्य करने पर इन्हें राज्यपाल पुरस्कार, मुख्यमंत्री सम्मान, आदर्श उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान, राजकीय शिक्षक सम्मान, शिक्षक श्री, शिक्षक साहित्यकार सम्मान, विद्या वाचस्पति, साहित्य वाचस्पति,साहित्य सागर, साहित्य जगत के स्वर्ण स्तम्भ, साहित्य जगत के शिलालेख, जिलाधिकारी रजत प्लेट, डॉ. ऑफ एस्ट्रोलोजी, भारत गौरव, ज्योतिष भारत रत्न आदि अनेकों सम्मानोपाधियो से सम्मानित हो चुके हैं।