राजकीय इंटर कॉलेजों के प्रधानाचार्य के पदों पर पदोन्नति हेतु पूर्ण शिथिलीकरण की मांग
श्रीनगर गढ़वाल : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के चौरास (श्रीनगर) आगमन पर राजकीय शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें ज्ञापन सौंपा। जिसमें हाईस्कूल प्रधानाध्यापक से इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य के पदों पर पदोन्नति हेतु अनिवार्य सेवा में पूर्ण तरह से शिथिलीकरण की मांग की गई। राजकीय शिक्षक संघ के पूर्व मण्डलीय प्रवक्ता महेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश के राजकीय इंटर कॉलेजों में प्रधानाचार्य के 1387 पद स्वीकृत हैं। जिनमें से एक हजार से अधिक पद रिक्त हैं। वहीँ हाईस्कूलों में भी प्रधानाध्यापक के 400 से अधिक पद रिक्त हैं। जिसके चलते विद्यालयों में मुखिया ना होने के कारण शैक्षिक वातावरण प्रभावित हो रहा है। साथ ही शिक्षक 32 से 35 वर्ष की सेवा के बाद भी बिना पदोन्नति के सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
विगत तीन वर्षों से पहले आरक्षण विवाद एवं बाद में वरिष्ठता विवाद के कारण हाई स्कूल प्रधानाध्यापक पदों पर पदोन्नति सूची निर्गत नहीं हो पाई। दोनों विवाद सुलझने के बाद जुलाई 2021 में हाई स्कूल प्रधानाध्यापक पदों पर पदोन्नति सूची जारी हुई, परंतु प्रवक्ता वरिष्ठता सूची पर विवाद के कारण पुनः पदोन्नति पर रोक लग गई।
इसबीच एलटी वरिष्ठता सूची पर कोई विवाद न होने के कारण शिक्षकों की मांग पर सरकार ने एलटी वरिष्ठता सूची से 55% कोटे पर पदोन्नति के निर्देश दिए हैं। वर्तमान में हाई स्कूल प्रधानाध्यापक पद पर 5 वर्ष की अनिवार्यता पर कैबिनेट ने 50% शिथिलीकरण का विधेयक पास किया है। जिसके अनुसार प्रधानाध्यापक पद पर ढाई वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले ही प्रधानाचार्य बन पाएंगे। इनकी पदोन्नति के बाद भी इंटर कॉलेजों में प्रधानाचार्य के 600 से अधिक पद रिक्त रह जाएंगे। उन्होंने कहा कि यदि 5 वर्ष की अनिवार्य सेवा में पूर्णत: शिथिलता प्रदान की जाती है तो हाई स्कूल प्रधानाध्यापक पद पर ढाई वर्ष से कम सेवा वाले भी इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नत हो सकेंगे, साथ ही उनके स्थान पर हाई स्कूल प्रधानाध्यापक पद पर भी पदोन्नति हो सकेगी। ज्ञापन सौंपने वालों में पूर्व मंडलीय प्रवक्ता महेंद्र सिंह नेगी, पूर्व प्रांतीय कार्यकारिणी सदस्य राकेश कंडारी, डॉ. महावीर कलेठा, शशि शेखर मंमगाई, राकेश नैथानी, शिवम डंगवाल, आदित्य कांडपाल आदि शिक्षक शामिल थे।