uttarakhand board exam

देहरादून : कोरोना महामारी के चलते CBSE, ICSE के बाद अब उत्तराखंड बोर्ड ने भी 12वीं की परीक्षाओं को भी रद्द कर दिया गया है. अभी कुछ देर पहले राज्य के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड की तर्ज पर ही उत्तराखंड इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा को रद्द किया गया है. छात्रों को उसी के अनुसार प्रमोशन भी दिया जाएगा. CBSE बोर्ड का कार्यक्रम के अनुसार मानक माना जायेगा. इसके अलावी किसी भी बच्चे को फेल नहीं किया जाएगा. बता दें कि इससे पहले उत्तराखंड बोर्ड की 10वीं की परीक्षाएं भी रद्द की जा चुकी हैं. शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने कहा कि छात्र हितों को व शिक्षक हित को देखते हुए सरकार ने यह निर्णय लिया है.

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की सहमति के पश्चात् शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डे ने कोविड-19 के दृष्टिगत प्रदेश में भी इण्टरमीडिएट परीक्षा निरस्त करने की घोषणा की है। इस सम्बन्ध में बुधवार को सचिवालय में शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डे की अध्यक्षता में बैठक भी आयोजित हुई। बैठक में मुख्य सचिव ओम प्रकाश, सचिव शिक्षा आर0मीनाक्षी सुन्दरम, महानिदेशक शिक्षा विनय शंकर पाण्डे सहित शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि प्रदेश में भारत सरकार एवं सीबीएसई बोर्ड द्वारा राष्ट्रहित में लिये गये निर्णय एवं दिशा निर्देशों के अनुसार प्रदेश में इण्टरमीडिएट परीक्षा को निरस्त किया जायेगा। शिक्षा मंत्री ने कहा कि इण्टरमीडिएट में किसी भी छात्र को अनुतीर्ण नही किया जायेगा। इस सम्बन्ध में सीबीएसई बोर्ड के मानको एवं निर्णय के अनुसार प्रदेश में भी तदनुसार कार्ययोजना तैयार करने के भी उन्होंने निर्देश दिये तथा सीबीएसई द्वारा अपनायी गई प्रक्रिया का अनुपालन किये जाने की बात कही।

बैठक के पश्चात् मीडिया से वार्ता करते हुए शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डे ने बताया कि देश में कोरोना के हालात देखते हुए केन्द्र सरकार एवं सीबीएसई बोर्ड ने छात्रो, शिक्षकों एवं अभिभावकों एवं राष्ट्रहित में इण्टरमीडिएट परीक्षा को निरस्त करने का निर्णय लिया गया है उसका वे स्वागत करते हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत द्वारा दिये गये निर्देशों के क्रम में वे प्रदेश में इण्टरमीडिएट परीक्षा निरस्त करने की घोषणा करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का यह निर्णय कोविड 19 के दृष्टिगत प्रदेश, छात्रों शिक्षकों एवं अविभावकों के व्यापक हित में लिया गया है।