पौड़ी: उत्तराखंड में मानसून के आने के बाद से ही के मैदान से लेकर पहाड़ों तक जमकर बारिश हो रही है। पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही भारी बारिश के कारण भू-स्खलन से जगह जगह सड़कें छतिग्रस्त हो चुकी हैं। हालाँकि सड़कों को खोलने के लिए लोनिवि ने जेसीबी लगाई है।
भारी बारिश के चलते जिला प्रशासन द्वारा बीते शुक्रवार और शनिवार (आज) को आंगनबाड़ी समेत जनपद के सभी (कक्षा 1 से 12 वीं तक) विद्यालयों में अवकाश घोषित किया गया है। हालाँकि यह अवकाश केवल बच्चों के लिए है। शिक्षक-शिक्षिकाओं को विद्यालय जाना जरुरी है। ऐसा लगता है कि शासन-प्रशासन को छात्र-छात्राओं की प्रवाह है तो है परन्तु शिक्षको की नही। इस वक्त जबकि भारी बारिश और भू-सखाल से ग्रामीण क्षेत्रों की ज्यादातर सड़कें (लिंक रोड़) खस्ताहाल हैं, ऐसे में इन मार्गों पर शिक्षक-शिक्षिकाएं जान जोखिम में डालकर स्कूल जाने को मजबूर है। आज भी बनेख-थनुल जिला मोटर मार्ग पर शिक्षकों से भरी एक मैक्स हादसे का शिकार होते होते बाल बाल बची।
मिली जानकारी के मुताबिक आज पौड़ी सतपुली बनेख दिऊसी मोटर मार्ग पर बुटली के समीप ऊपर से एक बड़ा बोल्डर सड़क के ऊपर आ गिरा। कुछ देर बाद ही वहां से एक मैक्स वाहन जिसमें लगभग 10 शिक्षक शिक्षिकाए सवार थी गुजरा। गनीमत रही कि बोल्डर मैक्स वाहन से नही टकराया। सभी शिक्षक शिक्षिकाएं राइका दिउसी के थे, जो छुट्टी के बाद वापस अपने गंतव्य को लौट रहे थे।
राइका प्रधानाचार्य दीनदयाल ने बताया कि सरकार के आदेशों के अनुसार सभी शिक्षक शिक्षिकायें विद्यालय में बने रहेंगे। छात्रों के लिए अवकाश घोषित है। जबकि उनका विद्यालय दिउसी गांव के बीच में (छात्र छात्राओं के घर के समीप) है। लेकिन आदेशों के अनुसार छात्र छात्राओं को अवकाश घोषित है है अध्यापकों का नहीं।
समाजिक कार्यकर्ता जगमोहन डांगी बताते है। बरसात मैं जब बच्चों की छुट्टी होती है तो शिक्षकों की क्यों नहीं ! उन्हें आपदा में क्यों झोंका जाता है। आज एक बड़ी अनहोनी होने से बच गई शिक्षक भी किसी न किसी बच्चो के अभिभावक है।
जगमोहन डांगी