कोटद्वार: जिला परिवीक्षा अधिकारी अरविंद कुमार के निर्देशन में संचालित राजकीय महिला कल्याण एवं पुनर्वास केन्द्र, कोटद्वार ने एक उल्लेखनीय कार्य करते हुए मानसिक रूप से अस्वस्थ महिला को सुरक्षित रूप से उसके परिजनों से मिलवाया।
महिला लावारिस अवस्था में कोटद्वार रेलवे स्टेशन पर घूम रही थी, जिसे एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग पुलिस द्वारा परगना मजिस्ट्रेट, कोटद्वार के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। आदेशानुसार, 23 मई 2025 को महिला को राजकीय महिला कल्याण एवं पुनर्वास केन्द्र, कोटद्वार में दाखिल कराया गया।
संस्थान की अधीक्षिका विजयलक्ष्मी भट्ट एवं केस वर्कर मंदा ने टीम सहित लगातार काउंसलिंग की। धीरे-धीरे महिला ने अपने पति का नाम और जिला बिजनौर बताया। इस जानकारी के आधार पर संस्थान ने बिजनौर पुलिस से संपर्क किया। छानबीन के बाद पता चला कि महिला की गुमशुदगी की FIR पहले से दर्ज थी।
वीडियो कॉलिंग के जरिए महिला की पहचान परिजनों को कराई गई, जिसमें उन्होंने महिला को पहचान लिया। महिला का वास्तविक नाम काजल है और पति का नाम सुरेन्द्र। परिजन बीते 5 वर्षों से उसकी तलाश में थे और लगभग उम्मीद खो चुके थे।
आखिरकार, 4 सितंबर 2025 को भावुक माहौल के बीच महिला को उसके पति सुरेन्द्र, बेटे, परिजनों और ग्रामीणों की उपस्थिति में परिवार को सौंपा गया।
इस सफलता का श्रेय जिला परिवीक्षा अधिकारी अरविंद कुमार के कुशल मार्गदर्शन, संस्थान की अधीक्षिका विजयलक्ष्मी भट्ट, केस वर्कर मंदा एवं समस्त कार्मिकों की अथक मेहनत और सतत काउंसलिंग को जाता है।