देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को मुख्यमंत्री आवास में हरेला समापन समारोह के अवसर पर कृषि, बागवानी के क्षेत्र में योगदान के लिये थलीसैंण निवासी अनूप पटवाल को जसोदा नवानी हरेला सम्मान के रूप में 51 हजार की धनराशि प्रदान की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने धाद महिला एकांश, हरेला साथियों के साथ ही स्कूली छात्रों को भी सम्मानित किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा देश संस्कृति की विविधताओं तथा जैव विविधता का खजाना है। हमारे प्रदेश की भी इसमें बड़ी हिस्सेदारी है। उन्होंने कहा कि हमारी संस्थायें समाज को जीवन्त बनाने के साथ ही परम्पराओं को संजोने का कार्य कर रही है। आज जब कि हर घंटे में एक बोली तथा हर दिन एक भाषा समाप्त हो रही है। इन्हें बचाने के लिये सरकारी स्तर पर तो प्रयास हो ही रहे हैं किन्तु इस दिशा में संस्थायें भी बेहतर कार्य कर सकती हैं।
उन्होंने कहा कि हरेला पर्व अतरंगता से जुड़ा है, हमारी लोक परम्पराएं हमें जीवन्त बनाती हैं। मुख्यमंत्री ने स्वयंसेवी संस्थाओं से स्वेच्छिक चकबन्दी की ओर ध्यान देने की भी अपेक्षा की। उन्होंने पर्वतीय क्षेत्रों में परम्परागत खेती को बढ़ावा देने के साथ खेती के बदलते स्वरूप पर भी ध्यान देने को कहा। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों ने पहाड़ों पर खेत तैयार कर उन्हें अपने जीवन यापन का साधन बनाया अब बंजर हो रहे ऐसे खेतों को उपजाऊ बनाने के लिये हमें आगे आना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष 1.80 करोड़ पेड लगाने का लक्ष्य रखा गया है। इस अभियान के तहत गत वर्ष ऋषिपर्णा व कोशी को पुर्नजीवित करने के लिये इनके उद्गम स्थलों पर व्यापक जन सहयोग में एक ही दिन में लाखों वृक्षों का रोपण किया गया। लगाये गये पेड जीवित रहें इसके भी प्रयास किये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने अनूप पटवाल द्वारा कृषि बागवानी की उत्पादकता के लिये किये जा रहे प्रयास व प्रयोग की सराहना करते हुए कहा कि इससे युवाओं को भी प्रेरणा मिलेगी तथा वे कृषि की अधिक आय वाली सम्भावनाओं की ओर आकर्षित होंगे। उन्होंने कहा कि ऐसे उत्पादों पर ध्यान दिया जाय जिन्हें जंगली जानवरों से कम नुकसान होता हो।
उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने तथा खेती के प्रति ध्यान देने के लिये राज्य सरकार द्वारा अनेक सहूलियतें दी जा रही है। प्राकृतिक खेती व खेती के तरीकों में बदलाव लाने में भी उन्होंने संस्थाओं से सहयोग की अपेक्षा की। सेब, अखरोट, कीवी के साथ ही उन्होंने इंडस्ट्रियल हेम्प की खेती के प्रति भी ध्यान देने पर बल दिया। यह भी ग्रामीण आर्थिकी के मजबूत आधार बन सकते हैं। इस अवसर पर विधायक राजेश शुक्ला, धाद संस्था के अध्यक्ष लोकेश नवानी, सचिव तन्मय मंमगाई, पद्मश्री बसन्ती बिस्ट सहित बड़ी संख्या में धाद से जुड़े लोग उपस्थित थे।