नव प्रज्ञा फाउंडेशन भारत द्वारा समय समय पर बेटियो को प्रोत्साहित करने हेतु भव्य कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। जिसमें संस्था उन महानुभावों को सम्मानित करती है जो कि समाज में बेहतर कार्य करने के साथ साथ बेटियों को प्रोत्साहित करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करते हैं। जिसमें देश विदेश के साहित्य कार, समाज सेवी, पर्यावरण विद प्रतिभाग करते हैं।
नव प्रज्ञा फाउंडेशन के अकादमिक परिषद द्वारा बड़ी गहनता के साथ कार्यों का मूल्यांकन किया जाता है। जहां देश विदेश के विद्वानों को सम्मानित किया गया, वहीं उत्तराखंड से अखिलेश चन्द्र चमोला ऐसे शिक्षक हैं, जिन्हें बेटी रत्न सम्मान 2025 से सम्मानित किया गया। भव्य कार्यक्रम में आयोजको द्वारा चमोला को सम्मानित करते हुए कहा गया कि चमोला ऐसे सख्शियत है जो कि 28 वर्षों से ग्रामीण आन्चिलिक में अध्ययनरत छात्र छात्राओं को, समाज में बेहतर कार्य करने वालों को अपने निजी व्यय से सम्मानित करने का कार्य करते रहे हैं। इनके द्वारा लिखी कविता बेटी है सबसे बड़ी पूंजी का राष्ट्रीय स्तर पर मूल्यांकन किया गया है। बच्चे नशे से दूर रहें है, इस मुहिम को साकार करने के लिए इनके द्वारा विभिन्न कार्यशालाएं भी आयोजित की जाती रही हैं। भावी पीढ़ी संस्कार वान हो , इस सम सामयिक विषय को साकार करने के लिए प्रेरणा दायिनी साहित्य का सृजन करके भावी पीढ़ी को पुस्तकें निशुल्क वितरित की जाती रही हैं।
बताते चलें तो चमोला 500 से भी अधिक राष्ट्रीय सम्मानों पाधियो से सम्मानित हो चुके हैं। अभी हाल ही में फरीदाबाद विश्वविद्यालय ने इनके समाजोपयोगी कार्यों को रेखांकित करते हुए डाक्ट्रेट अवार्ड की मानद उपाधि से विभूषित किया है। चमोला मूल रूप से जनपद रुद्रप्रयाग के ग्राम कौशलपुर के मूल निवासी हैं। राजकीय इंटर कॉलेज सुमाडी विकासखंड खिर्सू जनपद पौड़ी गढ़वाल में वरिष्ठ हिन्दी अध्यापक के पद पर कार्यरत हैं। समाजोपयोगी कार्यों को देखते हुए शिक्षा विभाग उत्तराखंड ने उन्हें गढ़वाल मंडलीय नशा उन्मूलन नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी भी दी गई है।