अखिलेश चन्द्र चमोला बाल प्रतिभा सम्मान समारोह परिषद श्रीनगर गढवाल के निदेशक, नशा उन्मूलन प्रभारी शिक्षा विभाग जनपद पौड़ी गढ़वाल ने प्रशिक्षण संस्थान चढ़ीगाँव के डायट प्राचार्य लक्ष्मण सिंह दानू से नशा उन्मूलन के सन्दर्भ में चर्चा परिचर्चा की। प्राचार्य डायट लक्ष्मण सिंह दानू ने नशा उन्मूलन प्रभारी अखिलेश चन्द्र चमोला द्वारा नशा उन्मूलन मे किये गए कार्यो का अवलोकन करते हुए कहा कि अपने अध्यापन कार्य करने के साथ साथ भावी पीड़ी तथा आम जनमानस के बीच हमारा संकल्प नशा मुक्त खुशहाल उत्तराखण्ड बनाने की अपील करना बहुत महत्वपूर्ण उपलब्धि को उजागर करता है, इस तरह की उत्कृष्ट मुहिम से अन्य शिक्षकों को भी प्रेरणा मिलती है।
नशा उन्मूलन प्रभारी चमोला ने कहा – शास्त्रों में हमारे उत्तराखण्ड को हिमवन्त प्रदेश, तपो भूमि देव भूमि के नाम से जाना जाता है। मेरा प्रयास है कि हम सभी को इसकी प्रतिष्ठा को बनाए रखने के लिए निरन्तर प्रयास करते रहना चाहिए। इस अवसर पर श्री चमोला ने अपनी लिखित पुस्तक भारतीय संस्कृति तथा नैतिक शिक्षा के आयाम भी प्राचार्य लक्ष्मण सिंह दानू को भेंट की।बताते चले कि अखिलेश चन्द्र चमोला इस तरह के शिक्षक हैं जो विगत क्ई वर्षो से नशा उन्मूलन के क्षेत्र मे कार्य कर रहे हैं।
विवाह शादी के अवसर पर भी लोगो को जागरूक करते हुए नशा न करने के लिए प्रेरित करते रहते हैं।चमोला के इस तरह के अतुलनीय कार्यों को देखते हुए शिक्षा बिभाग जनपद पौड़ी गढ़वाल ने इन्हें नशा उन्मूलन प्रभारी का दायित्व दिया है।सप्ताह में एक दिन पूरे जनपद में इनके द्वारा लिखित नशा उन्मूलन प्रतिज्ञा का सस्वर वाचन किया जाता है। 5000 से अधिक युवा वर्ग को नशा न करने की प्रतिज्ञा दिलवा चुके हैं।
सही अर्थों में चमोला भावी पीड़ी के लिए पूर्ण समर्पित शिक्षक के रूप में जाने जाते हैं.भावी पीड़ी में भारतीय सॅन्स्कृति के बीज रोपित हों,इस पहलू की सार्थकता को सिद्ध करने के लिए निरन्तर प्रेरणा दायिनी साहित्य के सृजन मे भी लगे रहते हैं। इनके द्वारा लिखित पुस्तकें भारतीय संस्कृति तथा नैतिक शिक्षा के आयाम, नैतिक बोध कथायें,शैक्षिक नवाचार, महापुरुषों के अनमोल बिचार अतुलनीय प्रेरणा दायिनी साहित्य की श्रेणी मे आता है।