श्रीनगर: शिक्षा विभाग गढ़वाल मंडल के नशा उन्मूलन नोडल अधिकारी अखिलेश चन्द्र चमोला की नशा उन्मूलन के सन्दर्भ में केन्द्रीय विश्व विद्यालय श्रीनगर गढ़वाल के कुल पति मनमोहन रौधाण के साथ एक बैठक हुई। जिसमें नोडल अधिकारी चमोला ने ‘नशा मुक्त शहर ” नशा मुक्त गाँव ‘ नशा मुक्त आस पास का वातावरण के सम सामयिक पहलू पर विशद रूप से चर्चा करते हुए कहा कि उत्तराखंड हमारी देवभूमि है। भरतपुर को इसी देवभूमि के कारण जगतगुरु के रूप में प्रतिष्ठा मिली। लेकिन आज दुर्भाग्यवश अपनी मूलभूत शक्ति को न पहचान कर मादक पदार्थों की ओर जिस तरह से आकर्षित हो रहे हैं वह सबसे चिंतन का विषय है।
हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी है किहम उनके सम्मुख अपने आदर्श रखें। उनको अच्छा वातावरण दें। जिससे कि अपनी ऊर्जा को सही कार्यों की ओर लगा कर अच्छे नागरिक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर सके। नशे जैसी बीमारी को दूर करने के लिए हम सबको सामूहिक रूप से प्रयास करने की आवश्यकता है।
- रोकनी होगी नशे की आदत ‘ ‘
- सबको आगे है आना “
- नशा है एकबुरी लत “
- हमें नशा मुक्ति खुशहाल उत्तराखंड बनाना है।
नशा हम सबके लिए एक अभिशाप है। कुलपति मनमोहन रौथाण नेदशा उन्मूलन नोडल अधिकारी अखिलेश चंद्र चमोला के नशा उन्मूलन जन जागरूकता कार्यक्रम की अनुशंसा करते हुए कहा कि आज युवाओं कोउनकी ऊर्जा पहचानने के लिए इस तरह के जन जागरूकता कार्यक्रम होने बहुत जरूरी है ।
इससे युवा वर्ग अपने लक्ष्य की ओर सुगमता से अग्रसर हो सकेंगे। इस मुहिम की कार्यशाला “प्रदर्शनी विश्वविद्यालय में भी आयोजित की जाएगी। चमोला अपने अध्यापन कार्य के साथ-साथ ओमचंद मानस से मिलकर नशे से दूर रहने के लिए सुंदर प्रेरक प्रसंगों के माध्यम से भी अभिप्रेरित कर रहे हैं। यह उनका युवा वर्ग के प्रति उत्कृष्ट मुहिम को उजागर करता है। नोडलअधिकारी चमोला ने नशा उन्मूलन की भावी रणनीति को कुलपति के साथ साझा की। जिसमें कुलपति मनमोहन रौधांण ने मुक्त कंठ से हर प्रकार की सहयोग करने की बात करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय इस पहलू भावी पीढ़ी कोपूर्ण रूप से परिचित करायेगा। नोडल अधिकारी चमोला केंद्रीय विश्वविद्यालय की कुलपति मनमोहन रौधाण की अनुशंसा करते हुए कहा कि निश्चित रूप से कुलपति महोदय की सोच का विश्वविद्यालय में अध्यनरत छात्र छात्राओं को भरपूर लाभ मिलेगा।