पौड़ी गढ़वाल : दिल्ली दंगे में मारे गए पौड़ी गढ़वाल के दिलवर नेगी के भाई को सरकारी नौकरी का झांसा देकर उनके खाते से सरकार द्वारा दी गई धन राशि को धोखे से निलाकने वाला अभियुक्त शनिवार पौड़ी पुलिस के हत्थे चढ़ गया है।
बतादें कि बीते फरवरी माह में दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाके में हुई हिंसा में पौड़ी जनपद के पैठाणी तहसील के अंतर्गत रोखड़ा गांव के रहने वाले 20 वर्षीय दलबीर सिंह की मौत हो गई थी। दिलबर सिंह दिल्ली के शहादरा इलाके में एक बेकरी में काम करता था। जिस गोदाम में दिलबर सो रहा था, उस पर दंगाइयों ने आग लगा दी थी। इस घटना के कुछ दिनों बाद ही पीड़ित परिवार को दिल्ली सरकार की ओर से 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गई थी, वहीँ उत्तराखंड सरकार द्वारा भी पीड़ित परिवार को 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी गई थी। इसी का फायदा उठाते हुए एक शातिर अभियुक्त विरेन्द्र सिंह पुत्र सबल सिंह निवासी ग्राम सिराणा (गैरसैण) जनपद चमोली ने मृतक के भाई को सरकारी नौकरी का झांसा देकर उनके खाते से तीन लाख पच्चीस हजार रूपये निकाल दिये।
इस सम्बंध में मृतक दिलबर के भाई देवेन्द्र सिंह पुत्र गोपाल सिंह निवासी ग्राम रोखड़ा द्वारा बीते 23 जून को अभियुक्त विरेन्द्र सिंह पुत्र सबल सिंह निवासी ग्राम सिराणा जनपद चमोली के खिलाफ थाना पैठाणी में प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज करायी गई थी। रिपोर्ट में पीड़ित ने बताया था कि फरवरी 2020 में उसके भाई दिलबर सिंह की दिल्ली दंगे में मृत्यु हो गयी थी। दिल्ली सरकार, उत्तराखंड सरकार व अन्य संस्थाओं द्वारा उनके परिवार की आर्थिक रूप से मदद की गयी। इसीबीच विरेन्द्र सिंह पुत्र सबल सिंह निवासी, ग्राम सिराणा, पो.ओ. खेती, जनपद चमोली ने उनके घर में आकर बताया गया कि मुझे राज्य सरकार ने भेजा है और मै सचिवालय में नौकरी करता हूँ, मैं आपकी भी सरकारी नौकरी लगा दूंगा। जिसके लिए कुछ पैसों की आवश्यकता पडेगी। पीड़ित देवेन्द्र ने बताया कि उसने हमसे दो चेक (एक साइन वाला, एक बिना साइन वाला) ले लिये। जिसके बाद उसने मेरे खाते से रू 3,25,000 (तीन लाख पच्चीस हजार रूपये) निकाल दिये। हमने उसे कई बार फोन किया परन्तु वह हर बार हमें गुमराह करता रहा।
जिसके बाद इस सम्बन्ध में थाना पैठाणी पर मु.अ.सं.-10/2020, धारा-170/420 बनाम विरेन्द्र सिंह पंजीकृत किया गया। जिस पर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा थानाध्यक्ष पैठाणी प्रताप सिंह के नेतृत्व में पुलिस टीम का गठन किया गया। गठित टीम द्वारा त्वरित गति से सुरागरसी-पतारसी कर शनिवार को अभियुक्त विरेन्द्र सिंह को ग्राम खेत गधेरा, पो.ओ. मयाली, तहसील आदिबद्री, जनपद चमोली से गिरफ्तार कर लिया गया है। जिसके बाद अभियुक्त को न्यायालय में पेश किया जायेगा। अभियुक्त के आपराधिक इतिहास की जानकारी की जा रही है।
आरोपित गैरसैंण के समीप ही सरणा गांव का पूर्व प्रधान है। कर्ज में डूबे सरणा गांव के पूर्व प्रधान ने अपना कर्जा चुकाने के लिए मृतक दिलबर सिंह के भाई को ठगने का जाल बुना। आरोपित ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह कर्ज में डूबा हुआ था। उसे मीडिया से जानकारी थी कि उक्त परिवार को आर्थिक सहायता के रूप में काफी धनराशि मिली है। इसलिए उसने इस परिवार को ठगने का यह प्रपंच रचा।
पुलिस टीम में थानाध्यक्ष प्रताप सिंह, उप निरीक्षक रफत अली (प्रभारी सीआईयू), उप निरीक्षक लोहित कुल, हेड कांस्टेबल हरेन्द्र सिंह, कांस्टेबल हरीश लाल, कांस्टेबल दिनेश बिष्ट और कांस्टेबल संजय कुमार शामिल थे
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