जनपद पौड़ी गढ़वाल के विकास खंड थलीसैंण के पट्टी चोपड़ाकोट के ग्राम बूगबगड़ लगा कैन्यूर में रमेश चंद्र मंमगाईं एवं सन्तोषी देवी मंमगाईं की पुत्री की शादी के उपलक्ष में घर के आंगन में वर वधू हरीश एवं शिवानी द्वारा सन्तरे का समलौण पौधा रोपकर शादी को यादगार बनाने के साथ साथ पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन का संदेश दिया। पौधे के संरक्षण की जिम्मेदारी दुल्हन की दादी सम्पत्ति देवी ने ली।
कार्यक्रम का संचालन समलौण आंदोलन की संयोजिका कौशल्या देवी भट्ट ने किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा जंगल लगातार घट रहे हैं, जिससे पर्यावरण असंतुलन होने के कारण जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग आदि अनेक समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। खेती के लिए समय पर बारिश का ना होना, यह भी इसी का संकेत है, जिससे पहाड़ों में अनाज उत्पादन में भी लगातार कमी आ रही है। इन तमाम समस्याओं से बचने के लिए हमें अधिक से अधिक वृक्षारोपण करना होगा। ताकि जिससे वायुमंडल में ऑक्सीजन की जो कमी हो रही है। उसकी पूर्ति हो सके और तभी कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा में कमी आएगी।
समळौ॑ण पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन के लिए एक अनोखी पहल है, जिसके तहत हर संस्कारों के अवसर पर जिस पौधे का रोपण किया जाता है उसे समलौण पौधारोपण के नाम से जाना जाता है, इस पहल के द्वारा बच्चों से लेकर वृद्ध जनों तक के हाथों पौध रोपित किये जाते हैं , यह परिवार के सदस्यों के लिए एक भावनात्मक आंदोलन है जिससे आज पौधे पलवित पोषित होकर वृक्ष बन चुके हैं साथ ही उनसे प्राप्त फल सुंदर वातावरण आदि अनेक प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष लाभ के साथ-साथ हरियाली को बढ़ावा मिल रहा है। उन्होंने क्षेत्रवासियों से वनों को आग से बचाने एवं हर संस्कारों के उपलक्ष में समलौण पौधारोपण जैसे पुण्य कार्य करने की अपील की।
कार्यक्रम में आरती देवी, बीरा देवी, पवेत्रा देवी, नीमा देवी, सतीष गोदियाल आदि ग्रामीण घराती एवं बाराती आदि उपस्थित थे।