श्रीनगर: राजकीय प्राथमिक विद्यालय स्वीत खिर्सू पौड़ी गढ़वाल में विद्यालय स्तर पर बाल शोध मेले का आयोजन किया गया। आयोजन में मुख्य अतिथि प्रधानाचार्य रा. इ. का. स्वीत महेन्द्र सिंह नेगी और महेश्वर प्रसाद उनियाल प्रवक्ता जीव विज्ञान द्वारा दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। और बच्चों द्वारा भाषा एवं संख्या ज्ञान सीखने हेतु नवाचार के द्वारा विभिन्न चार्टो, टीएलएम और बच्चों द्वारा स्वयं तैयार की गई प्रोफाइल में बच्चों की समस्त जानकारियों को शामिल किया गया है। जिससे भविष्य की दैनिक प्रक्रिया के अन्तर्गत आनलाइन सूचनाओं को प्रोफाइल के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है।

प्रधानाध्यापिका पूनम काला ने बाल शोध के बारे में बताया कि शिक्षकों एवं समुदाय की मदद से बच्चों द्वारा खोजबीन से ज्ञान एवं अनुभव को अर्जित किया जाता है। बाल शोध के माध्यम से बच्चे अपने इन अनुभवों से खोजी गई जानकारी चार्ट एवं अन्य माध्यमों द्वारा  सभी के समक्ष प्रस्ततीकरण करते हैं।

बाल शोध मेले का प्राथमिक स्तर पर आयोजन का उद्देश्य विद्यार्थियों में वैज्ञानिक सोच और अनुसंधान की प्रवृत्ति को विकसित करना है, ताकि वे अपने आसपास की समस्याओं का समाधान खोज सकें और नवाचार में योगदान कर सकें।

प्रधानाचार्य नेगी जी ने कहा कि  ऐसे आयोजन के माध्यम से, छात्रों को अपने विचारों को साझा करने, परियोजनाओं को प्रदर्शित करने और अन्य छात्रों से सीखने का अवसर मिलता है। यह आयोजन छात्रों में आत्मविश्वास, सृजनात्मकता और टीम भावना को बढ़ावा देता है।

प्रवक्ता महेश्वर प्रसाद उनियाल ने कहा कि बाल शोध मेले का प्राथमिक स्तर पर आयोजन का उद्देश्य बच्चों में वैज्ञानिक सोच और अनुसंधान की प्रवृत्ति को विकसित करना है। यह आयोजन बच्चों को अपने विचारों और खोजों को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करता है, जिससे वे अपनी रचनात्मकता और समस्या-समाधान कौशल को विकसित कर सकें।

लक्ष्मी कुकरेती सहायक अध्यापिका द्वारा बालशोध के  उद्देश्यों के बारे में संक्षिप्त बताया गया कि   बच्चों में रचनात्मक और समस्या समाधान कौशल को बढ़ावा देकर  अपने विचारों और खोजों को प्रदर्शित करने का अवसर प्राप्त होता है शिक्षकों और अभिभावकों को बच्चों की प्रतिभा को पहचानने और प्रोत्साहित करने का अवसर दिया जाता है ।

बालशोध में प्रवक्ता शिबराज सिंह रावत, राकेश मोहन कण्डारी, अब्बल सिंह पुण्डीर, राहुल लिंगवाल, के एल कुंजवाल, जे एल सिंहवान आदि द्वारा बच्चों से बाल शोध में किये गये कार्यो की जानकारी ली गई और नवाचार के इन माड्यूलों की सराहना की।