संकुल कंडारा में समग्र शिक्षा के अन्तर्गत विद्यालय प्रबंधन समिति तथा विद्यालय प्रबंधन एवं विकास समिति के सदस्यों के तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम तीन मुख्य बातों सहभागिता, विश्वसनीयता, पारदर्शिता को आधार मानते हुए संपन्न हुआ. प्रशिक्षण में संकुल के 10 प्राथमिक, 1 उच्च प्राथमिक व 4 माध्यमिक विद्यालयों के एसएमसी और एसएमडीसी के पदाधिकारी और सदस्य शामिल रहे. प्रशिक्षण दो फेरो में सम्पन्न हुआ, पहला फेरा 19 दिसम्बर से 21 दिसम्बर 2022 व दूसरा फेरा 22 दिसम्बर से 24 दिसम्बर 2022 को सम्पन्न हुआ.
प्रशिक्षण की उपयोगिता और सार्थकता पर बोलते हुए नोडल अधिकारी प्रशिक्षण संकुल कण्डारा चन्द्र शेखर नौटियाल ने समुदाय की सहभागिता की महत्ता पर जोर देते शिक्षा में समुदायों की भूमिका को रेखांकित किया. प्रशिक्षण में सन्दर्भ दाता महेश गिरि व विक्रम सिंह रहे.
तीन दिवसीय प्रशिक्षण में समग्र शिक्षा, शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009, बाल अधिकार एवं बाल सरंक्षण, प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना, स्वच्छता, विद्यालय का वित्तीय प्रबंधन, बालिका शिक्षा, आपदा प्रबंधन, समावेशी शिक्षा विद्यालय विकास योजना और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर समुदाय की सहभागिता विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई.
प्रशिक्षण में श्रीमती अनिता रावत, गणेश बलुनी, सुनील बमराडा, श्रीमती रोशमा, श्रीमती ममता देवी, श्रीमती सरोजिनी, मनीषा, सीता, देवचरण, विवेक कुकरेती, मीना मंमगाई, प्रकाशी रावत, तृप्ति नेगी, शांति नेगी, सीमा, आशा देवी, पप्पू कुमार, मनीषा, पूनम आदि ने सक्रिय भूमिका के साथ प्रशिक्षण में अपने विचारों को अभिव्यक्त किया.
बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के उद्देश्यों की प्राप्ति तभी संभव है जब उसमें पूर्ण जन सहभागिता हो एवं समाज का प्रत्येक वर्ग विद्यालय को अपना समझे बच्चों की शिक्षा के लिए जितना महत्वपूर्ण विद्यालय है उतना ही महत्वपूर्ण समुदाय की भूमिका है. अभिभावक व समुदाय के सहयोग के बिना किसी भी शैक्षिक उद्देश्य की प्राप्ति एक कोरी कल्पना के समान है. शिक्षा के सार्वभौमिक ताके लक्ष्य प्राप्ति के लिए सरकार अभिभावक समुदाय व विद्यालय प्रबंधन समितियों से सहयोग लेकर समन्वित प्रयासों के साथ निरंतर प्रयत्नशील है. नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भी इसमें स्पष्ट किया गया है कि बच्चों की मूलभूत शिक्षा में सुधार की कल्पना शिक्षकों माता-पिता समुदाय स्थानीय निकायों आदि द्वारा सक्रिय भूमिका बिना नहीं की जा सकती है. उत्तराखंड राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन चुका है. जिसके तहत प्रदेश के करीब साडे चार हजार आंगनवाड़ी केंद्रों में जुलाई 2022 से कक्षा 1 से पूर्व की कक्षा हेतु बाल वाटिका कक्षा शुरू की गई है. जिसके सफल क्रियान्वयन में समुदाय की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है. भारत मिशन को विशेष प्राथमिकता दी जा रही है.