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Unlock 4 Uttarakhand New Guide Lines :  उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते मामलों के बीच प्रदेश सरकार ने बाहर से राज्य में प्रवेश करने वाले लोगों व पर्यटकों के लिए शनिवार की देर रात नए आदेश जारी कर दिए हैं। मुख्य सचिव ओम प्रकाश की ओर से जारी नये आदेश कल यानी 21 सितंबर से लागू होंगे। नए आदेश के तहत प्रदेश सरकार ने बॉर्डर चेक पोस्ट, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और जिलों के सीमावर्ती बस अड्डों पर थर्मल स्कैनिंग अनिवार्य कर दी है। इसकी व्यवस्था जिलाधिकारियों को करने को कहा गया है। थर्मल स्कैनिंग के दौरान यदि किसी व्यक्ति में कोरोना के लक्षण पाए जाते हैं तो उसका एंटीजन टेस्ट किया जाएगा। इसके अलावा पहले की ही तरह बाहरी राज्यों से आने से पहले सभी को स्मार्ट सिटी वेबपोर्टल http://smartcitydehradun.uk.gov.in पर पंजीकरण करवाना बेहद जरूरी है। साथ ही मोबाइल में आरोग्य सेतु एप्लीकेशन डाउन करनी होगी।

नए आदेश के तहत उत्तराखंड में आने वाले लोगों को अपने साथ 4 दिन (96 घंटे) की कोविड निगेटिव रिपोर्ट लानी होगी। राज्य में आने वाले हर व्यक्ति, जिसके पास 4 दिन के अन्दर की कोविड निगेटिव रिपोर्ट है, उन्हें होम क्वारंटीन नहीं होना होगा। अगर उनके पास कोविड निगेटिव रिपोर्ट नहीं है तो प्रवेश करने से पहले थर्मल स्कैनिंग की जाएगी। जिसकी व्यवस्था संबंधित जिला प्रशासन करेगा। थर्मल स्कैनिंग के दौरान अगर किसी व्यक्ति में कोरोना के लक्षण पाए जाते हैं तो उसका एंटीजन टेस्ट किया जाएगा। और यदि एंटीजन टेस्ट में वह शख्स पॉजिटिव पाया जाता है तो उसे उपयुक्त एसओपी का पालन करना होगा। यात्रियों के पास यह भी विकल्प होगा कि वे सीमा चेक पोस्ट, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन या आईसीएमआर अधिकृत कोविड टेस्टिंग लैब से भुगतान कर एंटीजन टेस्ट करा सकते हैं।

इसके अलावा उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों को अब होटल या होमस्टे में कम से कम दो रात की बुकिंग करानी जरूरी  होगी। राज्य में आने के लिए उन्हें पंजीकरण के दौरान 96 घंटे के भीतर की आरटीपीसीआर, सीबी नेट, ट्रूनेट या एंटीजन जांच की नेगेटिव कोरोना रिपोर्ट दिखानी होगी। यदि उनके पास रिपोर्ट नहीं है तो उन्हें राज्य की सीमा पर पैसे देकर एंटीजन जांच करा सकते हैं। इसके अलावा होटल प्रबंधकों से भी कहा गया है कि वे चाहें तो पर्यटकों के लिए भुगतान आधारित कोविड टेस्ट की व्यवस्था निजी लैब संचालकों से करा सकते हैं। उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि पर्यटक को प्रवेश देने से पहले उसका कोविड टेस्ट अनिवार्य रूप से हो जाए। कोविड टेस्ट यदि पॉजिटिव पाया जाता है तो इसकी सूचना संबंधित जिला  प्रशासन को अनिवार्य रूप से देनी होगी।

बिजनेस, परीक्षा, उद्योग, व्यक्तिगत संकट के लिए आने पर क्वारंटाइन नहीं होंगे

नई गाइडलाइन के अनुसार यदि कोई व्यक्ति बिजनेस, परीक्षा, उद्योग, किसी व्यक्तिगत कार्य (जैसे बीमारी) से 7 दिन से कम अवधि के लिए राज्य में आना चाहता है तो उन्हें क्वारंटाइन नहीं रहना होगा, वे भारत सरकार द्वारा जारी कोविड-19 गाइड लाइन्स के तहत सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए राज्य में आ सकते हैं। लेकिन राज्य में आने से पूर्व रजिस्ट्रेशन के दौरान ऐसे लोगों को अपने आने का कारण तथा होम स्टे की जानकारी देनी होगी। एड्रेस गलत होने पर आपदा एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा। इस बीच यदि कोरोना संक्रमण के लक्षण विकसित होते हैं तो वह स्थानीय स्वास्थ्य संस्थाओं से संपर्क करेंगे।

यदि कोई व्यक्ति राज्य में 7 दिन से अधिक अवधि के लिए आ रहा है तो उन्हें संस्थागत और होम क्वारंटाइन रहना होगा। सेना और अर्द्ध सैनिक बलों के मामले में क्वारंटाइन की अवधि 10 दिन की होगी।

वीआईपी को क्वारंटाइन से रहेगी छूट

सरकार की ओर से जारी दिशा निर्देशों के अनुसार आधिकारिक दौरे, केंद्र सरकार के मंत्री, राज्य सरकार के मंत्री, मुख्य न्यायाधीश, अन्य जज, सांसद और विधायक आदि लोगों को राज्य में प्रवेश के दौरान क्वारंटाइन से छूट मिलेगी। इसके साथ ही ऐसे लोगों के स्टाफ को भी राज्य में आने पर क्वारंटाइन रहने की जरूरत नहीं होगी। राज्य सरकार के अफसरों को पांच दिन से अधिक की अवधि के बाद राज्य में लौटने पर कोरोना जांच करानी अनिवार्य होगी। पांच दिन से कम समय के लिए राज्य से बाहर जाने के बाद लौटने वाले लोगों को क्वारंटाइन होने की जरूरत नहीं होगी। यदि कोई व्यक्ति पांच दिन से अधिक अवधि के बाद राज्य में लौटता है तो ऐसे लोगों को दस दिन तक होम क्वारंटाइन रहना होगा।

राज्य के भीतर एक जिले से दूसरे जिले में प्रवेश के लिए भी पंजीकरण जरूरी

नए दिशा निर्देशों के अनुसार राज्य के भीतर एक जिले से दूसरे जिले में प्रवेश करने से पहले स्मार्ट सिटी पोर्टल पर पंजीकरण करवाना अनिवार्य होगा।

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