श्रीनगर गढ़वाल: जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान पौड़ी चडी़गांव में आयोजित तीन दिवसीय पाठ्यसहगामी क्रियाकलाप एवं प्रार्थना सभा संबंधी कार्यशाला संपन्न हुई। कार्यशाला में पौड़ी जनपद के 15 ब्लॉकों से आए 45 शिक्षक शिक्षिकाओं ने प्रतिभाग किया। कार्यशाला के अंतर्गत, शिक्षकों ने नये नये हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, गढ़वाली और कुमाऊनी भाषा में प्रार्थना, समूह गान और प्रयाण गीत का अभ्यास किया और सीखा। सभी प्रतिभागियों ने इस कार्यशाला को बहुत लाभदायक बताया और कहा कि जो यहाँ सीखा ब वह विद्यालयों में जा कर छात्र छात्राओं सिखाया जायेगा।

इस अवसर पर डायट प्राचार्य स्वराज सिंह तोमर ने कहा कि प्रार्थना सभा विद्यालय का दर्पण है। विद्यालय का शुभारंभ जब अच्छी प्रार्थना से होता है, तो प्रत्येक का मन मस्तिष्क शुद्ध और शांत होता है, तनाव दूर होता है, जो छात्र-छात्राओं के लिए बहुत लाभदायक, प्रेरणादायक और उपयोगी है। साथ ही प्रार्थना सभा में विभिन्न गतिविधियां प्रतिज्ञा, सामान्य ज्ञान, समाचार और कहानियों की जानकारियां मिलने से छात्र छात्राएं बहुत लाभान्वित होते हैं।

कार्यक्रम समन्वयक विनय किमोठी ने इस अवसर पर कार्यशाला के महत्व और उपयोगिता पर प्रकाश डाला, साथ ही उन्होंने अवगत कराया कि डायट की कोई भी कार्यशाला, डायट प्राचार्य, एससीईआरटी और जिलाधिकारी के अनुमोदन की पश्चात ही संभव हो पाती है। कार्यशाला में प्रतिभागियों ने नई गीतों के अलावा अनेक भाषाओं की गीतों को भी सीखा है। जिसमें राजस्थानी, कश्मीरी, असमी गीत सम्मिलित हैं।

इस अवसर पर डाइट के वरिष्ठ प्रवक्ता डॉक्टर एम एस कलेठा ने पूर्व में निर्मित मॉडूल पर चर्चा की और इस मॉडूल में अंकित गीतों को इस कार्यशाला में अभ्यास के लिए कहा। कार्यशाला में संदर्भ दाता के रूप में डॉक्टर लता तिवारी, डॉक्टर दिनेश पाठक, धर्मेंद्र चौहान और विक्रम सिंह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।  और अपनी मधुर आवाज से सबका मन मोहा। इस अवसर पर डायट प्रवक्ता डॉ महावीर सिंह कलेठा, विनय किमोठी, डॉ हरी शंकर डिमरी, प्रमोद नौटियाल, नरेन्द्र बिष्ट और जगमोहन कठैत ने विचार व्यक्त किए।