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ग्रेटर नोएडा:  शहर की सामाजिक संस्था “महिला शक्ति उत्थान मंडल” ने मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम शादी से एक दिन पहले स्थगित किए जाने पर विरोध जताया है। इस मुद्दे को लेकर महिला शक्ति उत्थान मंडल का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को सीडीओ से मिला। महिलाओं ने इसे गरीबों के साथ मजाक बताया है। सामूहिक विवाह कार्यक्रम के संबंध में कुछ महत्वपूर्ण सुझाव व मांगों से संबंधित मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सीडीओ को सौंपा। ज्ञात हो कि सामूहिक विवाह कार्यक्रम के तहत प्रशासन द्वारा 23 नवम्बर को शादी की तिथि निर्धारित की गई थी, जिसे आखिरी वक्त पर 22 नवम्बर को स्थगित कर दिया गया।

प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रही रूपा गुप्ता ने कहा कि भारतीय समाज में गरीब से गरीब परिवार में भी बेटी की शादी में कुछ दिन पहले से ही रस्में शुरु हो जाती है। शादी को लेकर सबके अरमान होते हैं। उनका कहना है कि सामूहिक विवाह के नाम पर कभी फर्जीवाड़ा तो कभी शादी से केवल एक रात पहले कार्यक्रम स्थगित कर गरीबों का मजाक बनाया जा रहा है। गरीब परिवार विरोध करने की स्थिति में नहीं होते हैं। महिला शक्ति उत्थान मंडल ने सामूहिक विवाह के संबंध में सरकार को चार महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। रजिस्र्टड परिवार को शादी की तिथि उसी डेट पर करवाने की जिम्मेदारी शासन की होनी चाहिए। संख्या कम या ज्यादा से परिवार का कोई लेना देना नहीं होना चाहिए। वर्ष में कुछ निश्चित तिथियों को तयर कर कम से कम एक महीने पहले रजिस्ट्रेशन बंद किए जाए, ताकि किसी वजह से कार्यक्रम टल जाने पर परिवार अपने हिसाब से व्यवस्था कर सके।mahila-uttan-samiti-cdo-greater noida

महिला समिति की पदाधिकारियों का कहना है कि समाज में शादी को ईरीय कार्य माना जाता है, उसे खानापूर्ति न करके अपने बच्चों की तरह ही जिम्मेदारी से किया जाए। योजना का पर्याप्त प्रचार प्रसार उचित माध्यमों से किया जाए, जिससे अधिक से अधिक जरूरतंद लाभ ले सकें। प्रतिनिधिमंडल में मंजू सिरोही, गीता भाटी, अंजू नारायन, पुष्पा श्रीवास्तव, नीतू सिंह, सुनीता जेटली, रूपा गुप्ता, गुड्डी वर्मा, सुनीता तिवारी, रेनू भटनागर आदि महिलाएं शामिल थीं।