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ग्रेटर नोएडा : जेवर में प्रस्तावित इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण के संबंध में बुधवार को यमुना अथॉरिटी में ज्यूरिख इंटरनेशनल एजी के साथ ऑनलाइन बैठक हुई। इसमें अग्रीमेंट को लेकर बात हुई। तय किया गया है कि अक्टूबर माह के दूसरे सप्ताह में अग्रीमेंट होगा। अग्रीमेंट के लिए ज्यूरिख के अधिकारी भारत आएंगे। उसके बाद डीपीआर बनेगी और निर्माण शुरू हो सकेगा। निर्माण से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से परियोजना का शिलान्यास कराने की योजना है। जेवर में प्रस्तावित इंटरनेशनल एयरपोर्ट में अब पांच रनवे बनेंगे। मल्टीनेशनल कंसलटेंसी कंपनी प्राइस वाटरहाउस कूपर्स (पीडब्ल्यूसी) ने रनवे की संख्या बढ़ाने के संबंध में फिजिबिल्टी रिपोर्ट में यहां पांच रनवे लगाने को फिजिबल पाया है। 15 अक्टूबर से पहले एयरपोर्ट निर्माण करने वाली कंपनी ज्यूरिख इंटरनेशनल एजी के साथ करार होना है। उसके बाद काम शुरू होगा। इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी इसका शिलान्यास हो सकेगा। यह एशिया में यह सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। प्रस्तावित एक रनवे यमुना अथॉरिटी के सेक्टर 7, 8, 31 व 30 से सटा हुआ होगा। यह नॉर्दन रनवे कहलाएगा। यहां एविएशन एमआरओ (मेंटीनेंस, रिपेयरिंग, ओवरहालिंग) इंडस्ट्री होगी। यहां हवाई जहाजों की मरम्मत संबंधी उद्योग दो अन्य नए रनवे साउथ में पलवल-खुर्जा एक्सप्रेसवे से सटे होंगे। तीन नए रनवे बनाने के लिए लगभग 3400 हेक्टेयर जमीन की जरूरत पड़ेगी। पूरी परियोजना के लिए 5 हजार हेक्टेयर जमीन की जरूरत होगी। हवाई जहाजों की मरम्मत संबंधी उद्योग यहां जमकर फले-फूलेगा। सेक्टर 7, 8, 31 व 30 में इस तरह के उद्योग लगेंगे। निर्माण के लिए चुनी गई एजेंसी के साथ 10, 12 और 14 अक्टूबर में से एक तारीख में करार करना तय किया गया है। अग्रीमेंट के लिए 15 अक्टूबर अंतिम तारीख है। टारगेट रखा गया है कि 2023 से यहां पहली उड़ान शुरू हो जाए। बुधवार को इसी संबंध में ज्यूरिख इंटरनेशनल एजी के साथ विडियो कॉन्फ्रेंस के जारिए मीटिंग हुई। इसमें तमाम विकल्पों पर बात हुई। अग्रीमेंट की तारीख को लेकर तय किया गया है कि अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में ये कार्रवाई पूरी कर ली जाएगी। इसके लिए ज्यूरिख के अधिकारी भारत आएंगे। क्या है प्रॉजेक्ट : परियोजना के लिए जमीन खरीदने पर 4050 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। एयरपोर्ट के पहले चरण में निर्माण पर 29560 करोड़ रुपये खर्च होंगे, लेकिन पीपीपी मॉडल पर होने के कारण सरकार या अथॉरिटी का इसमें एक भी पैसा खर्च नहीं होगा। 40 साल तक हर यात्री के टिकट में से एक निश्चित रकम नियाल को मिलेगी। नियाल में नोएडा, ग्रेनो व यमुना अथॉरिटी और उत्तर प्रदेश सरकार का शेयर है।