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ग्रेटर नोएडा : कोरोना वैश्विक महामारी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाए जा रहे डोर-टू-डोर सर्वे अभियान को शहर के पढ़े लिखे लोगों का भी सहयोग नहीं मिल पा रहा है। विषम परिस्थिति में अपनी जान जोखिम में डालकर काम रहे सर्विलेंस टीम के सदस्यों को कई इलाकों में विरोध का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही घटनाओं में देशभर कई जगहों पर कोरोना वारियर्स के साथ अभद्रता करने की बात भी सामने आई हैं। कुछ लोग समझाने के बाद भी जानकारी देने से कतरा रहे हैं।

रविवार को सेक्टर बीटा-टू में पहुंची सर्विलेंस टीम को कुछ घरों के लोगों ने जानकारी देने में सहयोग नहीं किया, बाद में पुलिस के हस्तक्षेप करने पर ही उक्त घरों की जानकारी हासिल की जा सकी। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र के लोगों से क्या उम्मीद की जा सकती है। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग द्वारा डोर-टू-डोर सर्वे किया जा रहा है। इस काम में लगे स्वास्थ्यकर्मी हॉट स्पॉट वाले सेक्टरों, सोसायटी व गांवों के साथ आसपास की एरिया में भी घर-घर जाकर लोगों को कोरोना वायरस के लक्षण व बचाव के बारे में जागरूक कर रहे हैं। इसमें में आशा, आंगनबाड़ी कार्यकत्री, एएनएम व डॉक्टरों का सहयोग लिया जा रहा है। परिवार के सदस्यों को बाहर बुलाकर देखते हैं। परिवार में सदस्यों की संख्या, 1 मार्च 2020 के बाद कोई बाहर से तो नहीं आया, किसी को खांसी, बुखार आदि की शिकायत तो नहीं है,आदि जानकारी इकट्ठा की जा रही है।

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इस दौरान किसी व्यक्ति में कोरोना वायरस के संदिग्ध लक्षण प्रतीत होने पर उसे सैंपल के लिए भेजा जाता है। सर्विलेंस टीम की मानें तो उन्हें लोगों का अच्छी तरह से सहयोग नहीं मिल पा रहा है। बीते 22 मार्च से चल रहे डोर-टू-डोर सर्वे के दौरान अब तक कई स्थानों पर विरोध का सामना करना पड़ चुका है। इस बीच प्रदेश के अन्य जिलों में स्वास्थ्यकर्मियों पर हुए हमले को देखते हुए सुरक्षा की दृष्टि से सर्विलेंस टीम के साथ अब पुलिसकर्मियों को भी भेजा जा रहा है। सर्विलेंस टीम का नेतृत्व कर रहे एक डॉक्टर का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग के कर्मी इस समय विषम परिस्थिति में काम कर रहे हैं। इसके बावजूद कुछ लोगों का सहयोग नहीं मिल पा रहा है। लोग सही जानकारी देने से कतरा रहे हैं। कुछ लोग तो गेट भी नहीं खोलते। उनका कहना है कि डोर- टू- डोर सर्विलेंस टीम के घर पर पहुंचने पर उसे सही जानकारी दें,तभी कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण किया जा सकेगा। जानकारी छिपाने पर खुद की जान को जोखिम में डालेंगे ही,दूसरों को भी दिक्कत होगी। जिलाधिकारी सुहास एल.वाई. द्वारा लगातार अपील की जा रही है कि सर्विलेंस टीम का लोग सहयोग करें। स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा जो भी जानकारी की जा रही है,उसके बारे में सही सही बताएं। तभी कोरोना संक्रमण से निपटा जा सकता है।