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ग्रेटर नोएडा: पश्चिमी उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने एक ऐसे संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो फर्जी फर्म रजिस्टर्ड कर व फर्जी ई-वे बिल बनाकर अब तक करोड़ों रुपये की जीएसटी की चोरी कर चुका था। पुलिस ने गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से फॉच्यरूनर कार, लैपटॉप, मोबाइल, 1 लाख 20 हजार रूपये, फर्जी पेन कार्ड व आईडी सहित भारी मात्रा में फर्जी दस्तावेज बरामद हुये है। यह गिरोह अब तक सरकार को करोड़ों रूपये का चूना लगा चुका है। गिरफ्तार आरोपियों में शामिल एक आरोपी जीएसटी विभाग में अस्थायी कर्मचारी के रूप में काम कर चुका है, जबकि एक अभी भी कर रहा था।

अपर पुलिस अधीक्षक एसटीएफ दिनेश सिंह ने बताया कि जीएसटी विभाग गौतमबुद्धनगर की तरफ से बीते साल नवम्बर माह में लिखित जानकारी दी गई थी कि कुछ लोग फर्जी फर्म बनाकर फर्जी ई-वे- बिल बनाने का काम कर रहे हैं। फर्जी तरीके से रजिस्टर्ड फर्मो के द्वारा कोई व्यापारिक गतिविधियां संचालित करना नहीं पाया गया। एएसपी ने बताया कि उच्चाधिकारियों के निर्देश पर एसटीएफ नोएडा यूनिट ने जांच पड़ताल शुरु की तो अहम जानकारी मिली। मुखबिर के माध्यम से ज्ञात हुआ कि जीएसटी विभाग के ग्रेटर नोएडा स्थित कार्यालय में फर्जी रूप से फर्म रजिस्टर्ड कराने तथा उन फर्मों से ई-वे-बिल बनाकर टैक्स चोरी करने में एक संगठित गिरोह सक्रिय है। बृहस्पतिवार को मुखबिर से सूचना मिली कि गिरोह के सदस्य जीएसटी कार्यालय के पास मौजूद हैं। इस पर एसटीएफ की टीम अलर्ट हो गई और निशानदेही के आधार पर चार अभियुक्तों को धर दबोचा। अभियुक्तों की पहचान राजीव कुमार कुच्छल निवासी आदर्श नगर दिल्ली, सतेंद्र कुमार, विपिन कुमार निवासी ग्राम थापखेड़ा गौतमबुद्धनगर व नितिन बंसल निवासी रोहिणी दिल्ली के रूप में हुई है। अभियुक्त राजीव कुमार कुच्छल मूलरूप से हरियाणा का रहने वाला है। पूछताछ में पता चला कि सतेंद्र व विपिन जीएसटी विभाग में अस्थायी कर्मचारी के रूप में काम करते थे। सतेंद्र ने एक साल पहले काम छोड़ दिया था, जबकि विपिन अभी भी काम कर रहा था। जीएसटी विभाग में काम करने की वजह से इन दोनों को अच्छी जानकारी थी। एएसपी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में इस गिरोह द्वारा अब तक 16 फर्म बनाने की जानकारी हुई है।

फर्जी तरीके से कम्पनी का रजिस्ट्रेशन करा सरकार को करोड़ों रूपये के जीएसटी का नुकसान पहुंचाने वाले गिरोह का सरगना राजीव कुमार कुच्छल ने अपने एक रिश्तेदार से फर्जीवाड़े का तरीका सीखा था। अभियुक्त का रिश्तेदार नितिन बंसल दिल्ली में फर्जी कम्पनियां बनाना एवं उनमें एंट्री कराना, फर्जी बिल बनाना आदि काम करता था। राजीव कुमार कुच्छल वर्ष 2017 में एक फर्म के वैरिफिकेशन के संबंध में गौतमबुद्धनगर के सूरजपुर स्थित जीएसटी कार्यालय आया था। यहां उसकी मुलाकात सतेंद्र से हुई। सतेंद्र ने ही उसकी मुलाकात वहां पर विपिन से भी कराई। अभियुक्त सतेंद्र और विपिन एक ही गांव के हैं। जीएसटी विभाग में अस्थायी कर्मचारी के रूप में नौकरी करने वाले सतेंद्र और विपिन से गहरी दोस्ती होने के बाद अभियुक्त राजीव कुमार कुच्छल ने उन्हें बताया कि वह फर्जी फम्रे तैयार करने का काम करता है और आप लोग इसमें काफी मदद कर सकते हैं। इस प्रकार इन लोगों ने मिलकर फर्जी आईडी, रेंट एग्रीमेंट, बिजली बिल, पैन कार्ड आदि लेकर फर्जी फम्रे बनाई और फिर फर्जी सिम लेकर जीएसटी पोर्टल में फर्जी मोबाइल नंबर और मेल आईडी पर रजिस्ट्रेशन कराकर जीएसटी नंबर ले लिए। फर्जी कम्पनियों के माध्यम से 55 करोड़ रूपये से अधिक जीएसटी चोरी का अनुमान है। पूछताछ में यह भी पता चला है कि फर्जी फम्रे ज्यादातर सतेंद्र,  विपिन व अतुल कुमार नामक व्यक्ति के साथ मिलकर बनाते थे, जिन्हें राजीव कुमार कुच्छल 40-50 रूपये में लेता था और फिर उसे जीएसटी पोर्टल में रजिस्टर कराकर रजिस्ट्रेशन नंबर लेकर फर्जी ई-वे-बिल काटते थे।

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