ग्रेटर नोएडा : उत्तर प्रदेश सरकार व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का औद्योगिक निवेश पर फोकस का खूब असर दिख रहा है। तमाम औद्योगिक शहरों को पीछे छोड़ते हुए ग्रेटर नोएडा औद्योगिक निवेश व रोजगार के एक बड़े सेंटर के रूप में उभरा है। इसकी पुष्टि इस तथ्य से हो जाती है कि पिछले साढ़े चार वर्षों में ग्रेटर नोएडा में 405 उद्योगों को 38.53 लाख वर्ग मीटर जमीन आवंटित की गई। इनसे 28280 करोड़ रुपये के निवेश और 73 हजार से अधिक युवाओं के लिए प्रत्यक्ष रोजगार के द्वार खुलेंगे।

ग्रेटर नोएडा औद्योगिक निवेश के मामले में देश के तमाम बड़े शहरों की सूची में शुमार हो गया। कोरोना के बावजूद यहां बड़े पैमाने पर निवेश के लिए उद्यमी आगे आए। विगत साढ़े चार वर्षों में 405 उद्योगों को जमीन आवंटित कर दी गई, जबकि इन उद्योगों में इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप में पांच बड़े उद्योगों (हायर, फॉर्मी मोबाइल, जे वर्ल्ड, चेनफेंग, सत्कृति इनफोटेनमेंट) को आवंटित जमीन शामिल नहीं है। उद्योगों को जमीन आवंटित का फायदा रोजगार के अवसर के रूप में भी दिखने लगा है। इन 405 उद्योगों से 73421 युवाओं को प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर मिलेंगे, जिससे वे अपना भविष्य संवार सकेंगे। अप्रत्यक्ष रोजगार को जोड़ लें, तो यह संख्या एक लाख से पार चली जाएगी। इन उद्योगों के जरिए  28280 करोड़ रुपये का निवेश हो सकेगा। इसके अलावा बोड़ाकी में प्रस्तावित मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब और लॉजिस्टिक हब में प्रदेश सरकार करीब 4000 करोड़ रुपए लगा रही है और करीब 16000 करोड रुपए का निवेश बाहर से आने की संभावना है। इन दोनों परियोजनाओं से लगभग एक लाख युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे।

सीईओ का बयान

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण  के सीईओ नरेंद्र भूषण ने कहा कि औद्योगिक निवेश व रोजगार का यह सफर और तेजी से आगे बढ़ाने की दिशा में तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण आठ और नए औद्योगिक सेक्टर बसा रहा है, जिसमें ग्रेटर नोएडा में उद्योग लगाने के इच्छुक उद्यमियों को जमीन उपलब्ध कराई जा सकेगी। इंटीग्रेटेड टाउनशिप में भी उद्योगों के लिए प्लॉट की स्कीम चल रही है। आने वाले दिनों में इन दोनों शहरों से युवाओं के लिए रोजगार के तमाम अवसर प्राप्त होंगे।