ग्रेटर नोएडा: नोएडा इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी(NIET) ग्रेटर नोएडा के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के तत्वाधान में दो दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम “मंचनीति” का आयोजन किया गया। जिसमें ओपन माइक पोएट्री, सिंगिंग, ट्रेज़र हंट, फोटोग्राफी, शॉर्ट फिल्म मेकिंग समेत दर्जनों प्रतियोगिताओं में 400 से अधिक छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। कार्यक्रम का समापन कवि सम्मेलन एवं मुशायरे की महफ़िल “शाम-ए-सुख़न” के साथ हुआ जिसका संचालन कोटा से आये शायर तनोज दधीच ने किया। कार्यक्रम में मुंबई, भरतपुर, कोटा, दिल्ली, और नोएडा से आये कवियों और शायरों दिव्य कमलध्वज, उमेश भरतपुरिया, सौम्य यादव, शेफाली शर्मा, कमल तोमर एवं अनूप काहिल ने शिरकत की।
अनूप काहिल की ग़ज़ल ‘महज एक वादे पे उम्र बिताने वाले कितने मासूम हैं ये दिल लगाने वाले’ महफ़िल में आये युवा दिलों की धड़कन बन गयी। बुरी नज़रों से बेटी पर टूटते आसमान को बयान करती शैफाली शर्मा की कविता पंखा ने सभी को भाव-विभोर कर दिया। उमेश भरतपुरिया से शहीदों की याद में जब ‘बिखरा काजल टूटी चूड़ी और सूनी थी मांग, मंगल सूत्र भी नया- नया खूटी से दिया टांग’ गीत गया तो उपस्थित जनसमूह राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत हो गया। सौम्य यादव के शेर ‘यहाँ रोटी नहीं भूख रखी है मेरे आँगन में टूटी हुए धूप रखी है’ और कमल तोमर के शेर ‘मैं खुद में खुदी को
खुदी ढूंढ़ता हूँ, डूबकर नदी में नदी ढूंढ़ता हूँ दिल को छू गए। ‘तनोज दधीच के शेरों और दिव्य कमलध्वज ने अपनी ग़ज़लों से महफ़िल को नयी बुलंदियों तक पहुंचा दिया।
दिव्य का सियाचिन की सरहद पर बैठे सैनिक की चिट्ठी बयां करता मुक्तक ‘सबसे कहना कि मैं आऊंगा, मगर देरी है, माना माँ घर पे है, लेकिन ये माँ भी मेरी है’ श्रोताओं के दिलों को छू गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कई अंतर्राष्ट्रीय पुरुस्कारों से सम्मानित, फिल्म कलाकार एवं नसीरुद्दीन शाह के भतीजे मेजर मोहम्मद अली शाह रहे, उन्होंने छात्र-छात्राओं को जीवन की असफलताओं का सामना करते हुए सफलता प्राप्त करने का मन्त्र दिया। कार्यक्रम के अंत में विभागाध्यक्ष प्रो. श्वेता ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में कॉलेज निदेशक प्रो. अजय कुमार, महानिदेशक प्रो. पाण्डे बी. बी. लाल, निदेशक (प्रोजेक्ट्स एंड प्लानिंग) डॉ प्रवीण पचौरी, अधिष्ठाता प्रो विनीत वर्मा,अध्यापकगण तथा बड़ी संख्या में छात्र उपस्थित रहे।