ग्रेटर नोएडा : यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण की मंगलवार को हुई 71वीं बोर्ड बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में प्राधिकरण द्वारा एक मुश्त समाधान योजना (one time settlement policy) लागू करने का निर्णय लिया गया है। यह ओटीएस स्कीम एक अक्टूबर 2021 से 31 नवम्बर 2021 तक लागू रहेगी। इस स्कीम के तहत आवासीय भूखंड, आवासीय भवन, वाणिज्यिक, संस्थागत, औद्योगिक व मिक्सलैंड भूखण्ड योजनाएं एवं सात प्रतिशत आबादी भूखण्डों के सभी डिफाल्टर आवंटियों को लाभ मिलेगा। ओटीएस स्कीम से सैकड़ों आवंटियों को राहत मिलेगी।
उल्लेखनीय है कि कोविड 19 महामारी के चलते कई आवंटियों के सामने प्राधिकरण की किस्तें जमा करने में काफी दिक्कतें आयी हैं। बहुत आवंटी किस्तें जमा ही नहीं कर सके और उनका आवंटन निरस्त होने की स्थिति पैदा हो गयी थी।
यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण के सीईओ डा. अरुणवीर सिंह ने बताया कि डिफाल्टर आवंटियों को राहत देने के लिए एक अक्टूबर से ओटीएस स्कीम लागू की जाएगी। जिसमें आवंटियों को दंड ब्याज की छूट मिलेगी। ओटीएस के अंतर्गत सभी डिफाल्टर आवंटियों से साधारण ब्याज लिया जाएगा। ऊन्होंने बताया कि 50 लाख रुपये तक की डिफाल्ट धनराशि के प्रकरणों में देय धनराशि का 1/3 भाग, मांग पत्र जारी होने की तिथि से 30 दिन में और अवशेष 2/3 भाग तीन मासिक किस्तों में 8.50 प्रतिशत वाषिर्क ब्याज की दर से जमा करना होगा। साथ ही 50 लाख से अधिक की देयता के प्रकरणों में कुल अतिदेय धनराशि का 1/3 भाग, मांग पत्र जारी होने की तिथि से 30 दिन में और अवशेष 2/3 भाग तीन द्विमासिक किस्तों में 8.50 प्रतिशत वाषिर्क ब्याज की दर से जमा करना होगा। स्कीम 30 नवम्बर 2021 को बंद हो जाएगी।
अब आवंटी 31 दिसम्बर 21 तक करा सकेंगे रजिस्ट्री
यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के आवासीय भूखंड, आवासीय भवन, समस्त औद्योगिक व संस्थागत योजनाओं के आवंटी अब 31 दिसम्बर 21 तक बिना पेनल्टी के लीज डीड निष्पादित करा सकते हैं। बोर्ड ने प्राधिकरण के प्रस्ताव को मंजूर कर लिया है। पहले लीज डीड कराने की अंतिम तिथि 31 अगस्त 21 थी। ऊसके बाद लीज डीड कराने पर पेनल्टी देनी पड़ती। साथ ही जिन आवंटियों ने लीज डीड निष्पादित करा ली है, उन्हें 1 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2022 तक निर्माण कार्य के लिए निशुल्क समय प्रदान किया गया है।
नयी योजनाएं लायेगा प्राधिकरण
सीईओ डा. अरुणवीर सिंह ने बताया कि जनसामान्य की सुविधा के लिए प्राधिकरण नयी आवासीय भूखंड व क्योस्क, होटल एवं पेट्रोल पंप की योजनाएं लायेगा। यह योजनाएं सेक्टर 18, 20, 17, 22 डी, 32, 29, 16 एवं 22 डी में होंगी। ऊन्होंने बताया कि प्राधिकरण के सेक्टर 28 में लगभग 350 एकड़ क्षेत्र में मेडिकल डिवाइस पार्क की योजना लायी जाएगी। पार्क के लिए मैसर्स कलाम इंस्टीटयूट ऑफ हेल्थ टेक्नोलॉजी हैदराबाद द्वारा डीपीआर तैयार करायी गयी है। पार्क में 0.25 एकड़, 0.50 एकड़ व एक एकड़ के भूखण्ड होंगे। इसके अलावा सेक्टर 28 में 100 एकड़ भूमि पर डाटा सेंटर पार्क की स्थापना की जाएगी। जिसमें 10-10 एकड़, पांच-पांच एकड़ के भूखंड होंगे।
सीईओ ने बताया कि प्राधिकरण के क्षेत्र के अंतर्गत ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर तक एयरपोर्ट मेट्रो परियोजना को जोड़ने के लिए डीएमआरसी को डीपीआर तैयार करने के लिए तथा ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क ने नई दिल्ली तक मेट्रो परियोजना की फिजिविल्टी स्टडी तैयार करने के लिए वर्क ऑर्डर जारी करने अनुमोदन बोर्ड से मिल गया है।
‘स्वामित्व योजना’ का क्रियान्वयन करेगा यमुना प्राधिकरण
केंद्र सरकार के पंचायती राज मंत्रालय द्वारा संचालित स्वामित्व योजना का यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने अपने क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांवों में क्रियान्वयन करने का निर्णय लिया है। प्राधिकरण के अंतर्गत आ रहे गांवों में ग्रामीण आबादी का सव्रे किए जाने के लिए किसान प्रतिनिधियों द्वारा बार- बार अनुरोध किया जा रहा था। प्राधिकरण के सीईओ डॉ.अरुणवीर सिंह ने बताया कि नवीनतम ड्रोन प्रौद्योगिकी के उपयोग से ग्रामीण आबादी वाले क्षेत्रों का सव्रेक्षण कर उनके स्वामित्व संबंधी अभिलेख तैयार किए जा रहे हैं। नवीनतम ड्रोन प्रौद्योगिकी के उपयोग से ग्रामीण आबादी वाले क्षेत्रों का सव्रेक्षण कर उनके स्वामित्व संबंधी अभिलेख तैयार करने से बहुत लाभ होंगे। ग्राम की आबादी का कोई स्वामित्व नहीं रहता है,जिससे आबादी भूमि पर कानून व्यवस्था के लागू करने के दृष्टिगत विवाद आते रहते हैं। स्वामित्व निर्धारण होने के उपरांत किसी भी सरकारी अथवा गैर सरकारी संस्था से संपत्ति का मूल्यांकन आसानी से आवश्यकतानुसार ऋण भी प्राप्त किया जा सकता है। ग्राम में भविष्य की सभी योजनाएं लागू करने में आसानी होगी।