नोएडा : आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY) के अंतर्गत जनपद गौतमबुद्धनगर में मंगलवार को ग्रामीण क्षेत्रों में गोल्डन कार्ड बनाने का अभियान शुरू हुआ। अभियान के तहत उन परिवारों के गोल्डन कार्ड बनाए जाएंगे, जिनके एक भी सदस्य का कार्ड नहीं बना है। यह अभियान अपर मुख्य सचिव (चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण) अमित मोहन प्रसाद के निर्देश पर शुरू किया गया है। अभियान 31 दिसम्बर तक चलेगा।
आयुष्मान भारत योजना के डिस्ट्रिक्ट को-आर्डिनेटर डा. अजय कुमार ने बताया कि अभियान के तहत गोल्डन कार्ड बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। उन्होंने लोगों से अपील है कि जिन्हें इस योजना के सम्बन्ध में पत्र प्राप्त हुआ है वह अपने गोल्डन कार्ड जरूर बनवा लें। क्षेत्र की आशा लाभार्थी परिवार और उनके सदस्यों को जन सेवा केंद्र (कॉमन सिर्विस सेंटर) तक ले जाकर उनका गोल्डन कार्ड बनवाने में मदद करेंगी। उन्होंने बताया अभियान की सफलता के लिए जिला अधिकारी द्वारा तैनात सेक्टर अधिकारी अपने क्षेत्रों का भ्रमण कर यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी गांव में कोई भी परिवार गोल्डन कार्ड विहीन तो नहीं रह गया है। जिस गांव में ज्यादा परिवार रहेंगे वहां पर एक विशेष कैंप लगाकर गोल्डन कार्ड बनाया जाएगा, ताकि आने वाले समय में शत प्रतिशत गोल्डन कार्ड बनाये जा सकें। गोल्डन कार्ड बनवाने के लिए आशा कार्यकर्ता को प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी, जिसमें गोल्डन कार्ड विहीन परिवार में कम से कम एक गोल्डन कार्ड बनवाने पर आशा को पांच रूपये प्रोत्साहन राशि मिलेगी।
गोल्डन कार्ड विहीन परिवार में एक से अधिक गोल्डन कार्ड बनवाने पर आशा को 10 रूपये प्रति परिवार की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। गोल्डन कार्ड बनवाने के लिए लाभार्थी को जन सेवा केंद्र को 30 रूपये प्रति गोल्डन कार्ड अदा करने होंगे। डिस्ट्रिक्ट इनफॉरमेशन सिस्टम मैनेजर अनामिका चौहान ने बताया कि जनपद गौतमबुद्धनगर में लगभग 35719 लोगों के गोल्डन कार्ड बनाए जा चुके हैं। अब तक करीब 8725 लोगों ने इस योजना का लाभ उठाया है। जनपद में करीब 35955 लाभार्थी परिवार हैं। उन्होंने बताया वह सभी लोग जिनके पास प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री द्वारा भेजा गया पत्र है, वह गोल्डनकार्ड बनवा सकते हैं।
जानें योजना में नाम है या नहीं
निशुल्क हेल्पलाइन नंबर 180018004444 पर काल करके। अपने क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता से जानकारी ले सकते हैं। जनसेवा केंद्र में जाकर पता कर सकते हैं। अस्पतालों में तैनात आयुष मित्रों के द्वारा भी जानकारी ले सकते हैं



