Agro Spectrum Technovate competition

मुंबई के सिडको कन्वेंशन सेंटर में हुई एग्रो स्पेक्ट्रम टेक्नोवेट प्रतियोगिता में शारदा विश्वविद्यालय के छात्रों ने दो श्रेणी में प्रथम पुरस्कार जीते। कई टीमों ने भाग लिया। जिसमें अंतिम दौर के लिए 30 टीमों का चयन किया गया। इस कार्यक्रम में देश भर से विश्वविद्यालय के छात्र, शोध विद्वान और उद्योग के पेशेवर शामिल हुए।

विश्वविद्यालय के प्रो वाइस चांसलर डॉ परमानंद ने बताया कि छात्रों ने आधुनिक कृषि चुनौतियों के लिए उनके अभूतपूर्व समाधानों ने उन्हें एग्री थॉन प्रतियोगिता में दो प्रतिष्ठित पुरस्कार दिलाए। विश्वविद्यालय के कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग की कृषिधारा को उनके अग्रणी उत्पाद, ईवी क्रॉप क्रूज के लिए सबसे स्केलेबल आइडिया पुरस्कार मिला। तनिष्क अस्त्य, सुमित प्रजापति और अखिल प्रताप सिंह द्वारा डॉ केशव गुप्ता के मार्गदर्शन में विकसित किया। यह सौर ऊर्जा से चलने वाला इलेक्ट्रिक वाहन पारंपरिक खेती को बदलने के लिए डिज़ाइन किया गया है। अपने मॉड्यूलर डिजाइन के साथ क्रॉप क्रूज कीटनाशक छिड़काव, बीज बोने और जुताई में सहायता करता है, जो भारतीय किसानों को पारंपरिक तरीकों का एक कुशल और टिकाऊ विकल्प प्रदान करता है। दूसरा पुरस्कार कंप्यूटर विज्ञान और अनुप्रयोग विभाग की टीम एग्रीकल्चर ने अपनी अत्याधुनिक परियोजना, एआई ,आईओटी ( इंटरनेट ऑफ थिंक्स) और रोबोटिक्स का उपयोग करके फसल रोग का पता लगाना के लिए सर्वश्रेष्ठ समग्र अवधारणा पुरस्कार जीता। टीम लीडर मनप्रीत पाबला के नेतृत्व में माज़ एजाज और उमेश देवड़ा के साथ परियोजना पौधों की बीमारियों का पता लगाने और प्रबंधित करने के लिए ड्रोन और एआई-संचालित रोबोट तकनीक को एकीकृत करती है। यह प्रणाली फसलों की सटीक निगरानी, स्वचालित सिंचाई और समय पर हस्तक्षेप को सक्षम बनाती है, जिससे बेहतर और स्वस्थ कृषि पद्धतियों का मार्ग प्रशस्त होता है।

इस दौरान छात्रों को विभिन्न कंपनी संस्थापकों, स्टार्टअप इनक्यूबेटरों और निवेश के अवसरों से कई मेंटरशिप ऑफर मिले, जिससे संभावित व्यावसायीकरण और उनकी परियोजनाओं के आगे विकास का मार्ग प्रशस्त हुआ।

विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डॉ सिबाराम ने कहा कि ये उपलब्धियां हमारे प्रोफेसर और मैनेजमेंट के मार्गदर्शन और प्रेरणा से संभव हुई है। उनके नेतृत्व और प्रोत्साहन ने छात्रों के बीच नवाचार और उत्कृष्टता की संस्कृति को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ये पुरस्कार विजेता नवाचार जल्द ही भारतीय खेती के भविष्य को नया आकार दे सकते हैं, जिससे कृषि अधिक स्मार्ट, अधिक कुशल और प्रौद्योगिकी-संचालित हो जाएगी।