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ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के 28वें स्थापना दिवस के दूसरे दिन सम्राट मिहिरभोज सिटी पार्क में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में मुख्य आकर्षण रहा देवभूमि उत्तराखंड की सांस्कृतिक संध्या। दर्शकों से खचाखच भरे हॉल में देवभूमि से आये कलाकारों में द्वारा प्रस्तुत उत्तराखंड की सांस्कृतिक झलकियाँ दर्शनीय रही। greno-authority--foundation day

एक ओर जहाँ उत्तराखंड के वरिष्ठतम लोकगायक एवं कवि हीरा सिंह राणा ने अपने बहुप्रसिद्ध लोकगीत “के संध्या झूली रे, भगीवाना मान सरोवर का डाना..” से दर्शकों को देवभूमि की वादियों में ले गए वहीं युवा लोक कलाकारों ने माँ नंदा देवी राजजात की शानदार झांकी से दर्शकों को अविभूत कर दिया।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ (IAS) के।के। गुप्त ने देवभूमि उत्तराखंड की शान में पढ़ें कसीदेaceo kk gupta

उत्तराखंड के सांस्कृतिक कार्यक्रम में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ आईएएस अधिकारी कृष्ण कुमार गुप्त मुख्य अतिथि के रूप में विराजमान रहे। उनके अलावा शहर के प्रतिष्ठित व्यक्तियों आदित्य घिल्डियाल, उत्तराखंड सांस्कृतिक समिति के अध्यक्ष जेपीएस रावत, एक्टिव सिटीजन टीम के हरेन्द्र भाटी सहित कई वरिष्ठ लोगों ने इस कार्यक्रम का आनंद उठाया। गणतंत्र दिवस का अवकाश होने की वजह से पूरा हॉल खचाखच भरा हुआ था। कार्यक्रम के बीच में उद्घोषक द्वारा मुख्य अतिथि एसीईओ कृष्ण कुमार गुप्त को दो शब्द बोलने का अनुरोध किया गया। परन्तु उत्तराखंड में वर्षों तक अपनी सेवाएं दे चुके आईएएस अधिकारी कृष्ण कुमार गुप्त ने जब देवभूमि की शान में कसीदे कसने शुरू किये तो पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गुंजायमान हो गया।greno-authority--foundation day

उन्होंने उत्तराखंड में अपनी सर्विस के दौरान के अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि उत्तराखंड देवभूमि के साथ साथ वीर भूमि भी है। सदियों से यहाँ के वीर सैनिक देश की रक्षा में सीमाओं पर डेट हुए हैं। और उनकी वजह से ही हम देशवासी आज यहाँ चैन की साँस ले रहे हैं। देवभूमि उत्तराखंड की शान में कसीदे कसते हुए उहोने आगे कहा कि जैसे मोर के सिर (मुकुट) पर कलँगी उसकी शान होती है। उसी प्रकार भारत माता के ताज की तीन कल्लंगी में से एक देवभूमि उत्तराखंड है। उन्होंने उत्तराखंड की प्राकृतिक सुन्दरता एवं सुर्रम्यता का बखान करते हुए बताया कि जो आनंद की अनुभूति देवभूमि के रमणीक स्थलों एवं हिमाच्छादित पहाड़ों को देखकर होती है वह पूरे ब्रह्माण्ड में कहीं नहीं हो सकती है।

उन्होंने आदि शंकराचार्य के बसाये बद्री धाम एवं बाबा केदारनाथ के बारे में भी बहुत कुछ रोचक जानकारियां शेयर की। बाबा केदारनाथ के पौराणिक मंदिर के बारे में उन्होंने कहा कि कुछ साल पहले केदारघाटी में आई विनाशकारी आपदा में जहाँ बड़े बड़े पहाड़ टूटकर जमीनदोज हो गए गाँव के गाँव धरती में समा गए, परन्तु  बाबा केदारनाथ का पौराणिक मंदिर  आज भी अपनी जगह अटल है। जिससे प्रतीत होता है कि देवभूमि का यह पौराणिक मंदिर साक्षात ब्रह्मा जी ने बनाया है।