ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क स्थित शारदा विश्वविद्यालय के डिपार्टमेंट ऑफ केमिस्ट्री एंड बायोकेमिस्ट्री में मॉलिक्यूलर बायोलॉजी तकनीक विषय पर तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें विभिन्न कॉलेजों व विश्वविद्यालयों के करीब 30 छात्र छात्राओं ने हिस्सा लिया । कार्यक्रम का शुभारंभ शारदा विश्वविद्यालय के डीन रिसर्च डॉ भुवनेश कुमार ने अपने उद्बोधन से किया।
कार्यशाला में विद्यार्थियों को बैक्टीरियल सिस्टम में जीन एक्सप्रेशन्स, एम्प्लीफिकेशन्स व प्रोटीन लक्षण वर्णन से जुड़ी तमाम आधुनिक तकनीकों के बारे में जानने व उन्हें स्वयं से प्रयोग करने का अवसर मिला। इसके साथ ही पीसीआर से सम्बंधित विभिन्न मूल अनुप्रयोगों जैसे डीएनए सेलेक्शन पर भी छात्र छात्राओं को हैंड्स ऑन ट्रेनिंग दी गई।
कार्यशाला में वीआई मॉलिक्यूलर डायग्नोस्टिक एंड रिसर्च के डायरेक्टर डॉ विश्वास शर्मा ने रिसोर्स पर्सन के रूप में विद्यार्थियों को विभिन्न थ्योरेटिकल व प्रैक्टिकल सत्रों में सुचारू रूप से विभिन्न तकनीकों के बारे में बताया।
कार्यशाला के संयोजक डॉ विवेक श्रीवास्तव ने बताया कि दिन प्रतिदिन इन्सुलिन की मांग विश्व भर में बढ़ रही है किंतु इसका उत्पादन करने की प्रक्रिया में बहुत सारी वैज्ञानिक, पर्यावरणीय, व कानूनी बाध्यताएं भी होती हैं। यदि किसी बैक्टीरियल सिस्टम में ही इन्सुलिन उत्पादित किया जा सके तो हम कम समय में अधिक इन्सुलिन प्राप्त कर सकते हैं क्योंकि बैक्टीरिया की वृद्धि बहुत तेज होती है, और इस तरह की प्रक्रिया में कोई एथिकल या कानूनी अड़चन भी नही होगी।
स्कूल ऑफ बेसिक साइंसेज व रिसर्च के डीन प्रोफेसर श्यामल कुमार बनर्जी ने सभी शिक्षकों व विद्यार्थियों को कार्यशाला के सफल आयोजन पर बधाई दी । इस अवसर पर डॉ अनुपम अग्रवाल, डॉ विवेक श्रीवास्तव, डॉ सुरेंदर जांगड़ा, डॉ परतपर सरकार, डॉ गौरव भाखड़ी, डॉ शिवानी प्रिया, डॉ सयंति मंडल, डॉ अखिलेश आदि उपस्थित रहे ।