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ग्रेटर नोएडा : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक फिल्म सिटी की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) पर शासन ने मुहर लगा दी है। यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण के सेक्टर 21 में पीपीपी मॉडल पर विकसित होने वाली फिल्म सिटी को तीन चरणों में विकसित किया जाएगा। पहले चरण में फिल्म से जुड़ी गतिविधियों को विकसित किया जाएगा। जिसमें फिल्म स्टूडियो, खुला एरिया, एम्यूजमेंट पार्क, विला आदि विकसित किये जाएंगे। 120 एकड़ में एम्यूजमेंट पार्क, 20-20 एकड़ में फिल्म स्टूडियो बनेंगे। पहले चरण के 80 प्रतिशत हिस्से में केवल फिल्म से जुड़े निर्माण कार्य किये जाएंगे। ताकि पहला चरण पूरा होते ही फिल्म की शूटिंग शुरू हो सके। फिल्म सिटी के दूसरे चरण में हास्पिटैलिटी, रिजार्ट और व्यवसायिक गतिविधियों को विकसित किया जाएगा। तीसरे चरण में रिटेल डेवलपमेंट होगा।

शासन की मुहर लगने के बाद अब डीपीआर बनाने वाली कंपनी तीन हफ्ते में निविदा प्रपत्र (बिड डाक्यूमेंट) तैयार करेगी। जिसके बाद ग्लोबल टेंडर जारी किया जाएगा। दिसम्बर 21 तक विकासकर्ता कंपनी का चयन करने का लक्ष्य रखा गया है। कंपनी के साथ 40 साल का एग्रीमेंटछ होगा। कंपनी को लीज के बजाय लाइसेंस दिया जाएगा। फिल्म सिटी का निर्माण दिसंबर तक शुरू हो जाएगा।

मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट फिल्म सिटी सेक्टर 21 में एक हजार एकड़ में विकसित होगी। फिल्म सिटी की डीपीआर सीबीआरई कंपनी ने बनायी है। डीपीआर शासन को भेजी गयी थी। शासन में गठित समिति ने 12 अगस्त को इस पर अपनी मुहर लगा दी। कमेटी ने कहा कि फिल्म सिटी पीपीपी मॉडल पर विकसित होगी। ऊन्होंने इसके लिए हाइब्रिड फाइनेंसियल मॉडल तय किया है। इस मॉडल पर सालाना तय शुल्क और लाभांश में भी हिस्सेदारी मिलेगी। शासन के आदेश के बाद यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण ने सीबीआरई कंपनी को बिड डाक्युमेंट तैयार करने के आदेश दे दिये हैं। कंपनी को इसके लिए तीन हफ्ते का समय दिया गया है। डाक्यूमेंट तैयार होने के बाद शासन को भेजा जाएगा। शासन की अनुमति मिलने के बाद टेंडर निकाल दिये जाएंगे। ग्लोबल टेंडर के जरिये विदेशी कंपनियां भी भाग ले सकेंगी। दो महीने के भीतर विकासकर्ता कंपनी का चयन कर लिया जाएगा। सीबीआरई कंपनी को बिड डाक्यूमेंट बनाने से लेकर फानेंसियल क्लोजर तक की जिम्मेदारी होगी। फिल्म सिटी का निर्माण दिसंबर तक शुरू हो जाएगा।