ग्रेटर नोएडा : यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण ने बकायेदार बिल्डरों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। प्राधिकरण ने अजनारा बिल्डर को सेक्टर 22 ए में आवंटित 25 एकड़ भूखंड का आवंटन रद्द कर दिया है। साथ ही करीब 11 करोड़ 79 लाख रुपये की जमा राशि जब्त कर ली है। प्राधिकरण ने रिशेडयूलमेंट कराने के बावजूद पैसा जमा न करने के चलते यह कार्रवाई की गयी है। प्राधिकरण का बिल्डर पर 42.82 करोड़ रुपये बकाया है। इस भूखंड में 3266 फ्लैट बनने हैं। अब इस परियोजना को यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण स्वयं पूरा करेगा। प्राधिकरण का कहना है कि फ्लैट खरीदारों को कोई दिक्कत नहीं होगी।
सीईओ डॉ अरुण वीर सिंह ने बताया कि यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण ने वर्ष 2010 में अजनारा बिल्डर को सेक्टर 22 ए में 25 एकड़ का एक भूखंड आवंटित किया था। बिल्डर ने वर्ष 2011 में इसकी रजिस्ट्री करायी थी। लेकिन किस्तों का समय से भुगतान नहीं किया। प्रोजेक्ट का नाम अजनारा पैनोरमा रखा गया। बिल्डर को 3266 रेजिडेंशियल यूनिट बनाने की मंजूरी अथॉरिटी ने दी थी। इसमें से 695 फ्लैटों के लिए प्राधिकरण ने कंपलीशन सर्टिफिकेट जारी कर दिया है।
उन्होंने बताया कि अजनारा बिल्डर प्राधिकरण का बकाया पैसा जमा नहीं कर रहा है। वर्ष 2017 में प्राधिकरण ने रिशेडयूलमेंट कराया। इसके तहत 1.04 करोड़ रुपये का नोटिस जारी किया गया। बिल्डर से सिर्फ 54 लाख रुपये ही जमा किये। प्राधिकरण ने फिर 17 अक्टूबर को 4.63 करोड़ जमा करने का नोटिस दिया। बिल्डर से वर्ष 2019 में फिर रिशेडयूलमेंट कराया। शर्त यह थी कि अगर तीन किश्तें लगातार जमा नहीं की तो आवंटन निरस्त किया जा सकता है। इसी के तहत कार्रवाई की गयी है। अजनारा बिल्डर की पैनोरमा परियोजना में फ्लैट खरीदारों का हित पूरी तरह से सुरक्षित रखा जाएगा। खरीदारों को फ्लैट पर कब्जा देने के लिए प्राधिकरण परियोजना को पूरा करेगा।