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नोएडा : देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के प्रधानमंत्री के संकल्प को पूरा करने के लिए स्वास्थ्य विभाग हरसंभव प्रयास में जुटा हुआ है। सामान्य तौर पर फेफड़े की टीबी (क्षय रोग) की जांच के लिए बलगम का नमूना  लिया जाता है, लेकिन जांच को और सुगम बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक खास तरह का मोबाइल एप्लीकेशन ‘कफ कलेक्शन’ एप तैयार किया गया है। इस एप के जरिये खांसी की आवाज रिकार्ड की जा रही है। खांसी की आवाज व कुछ शब्दों के ज्यादा देर तक बोलने से टीबी की पहचान हो सकेगी। अभी यह प्रयोग के तौर पर चल रहा है |

जिला क्षय रोग अधिकारी एवं अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. शिरीश जैन ने बताया राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के संयुक्त निदेशक निशांत कुमार के दिशा-निर्देश पर गौतमबुद्ध नगर में 88 लोगों के नमूने लिये गये हैं।Aउन्होंने बताया – जनपद में 27 जनवरी से तीन फरवरी तक नमूने लेने का काम चला। जनपद को 88 लोगों के नमूने लेने का लक्ष्य दिया गया था, जिसे समय पर पूरा कर लिया गया।

आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से टीबी के मरीज खोजने का होगा अध्ययन

डा. जैन ने बताया-कफ सांउड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड सोल्यूशन टू डिटेक्ट टीबी के जरिए खांसी की आवाज से संभावित टीबी मरीज की पहचान की जा रही है। उन्होंने कहा-कई बार लोग लंबे समय तक खांसी आने के बावजूद संकोच व डर से जांच नहीं कराते हैं, अब वह खुद ही मोबाइल में एप इंस्टाल कर अपनी जांच कर सकेंगे।

तीन तरह के नमूने लिए गए

  1. टीबी लक्षण रहित यानि नॉन टीबी वाले व्यक्ति
  2. टीबी लक्षण सहित यानि लक्षण वाले व्यक्ति, जिनका नोटिफिकेशन हो चुका है, लेकिन दवा शुरू नहीं हुई है
  3. टीबी के लक्षण वालों के संपर्क वाले या उनके नजदीकी रिश्तेदार

गोपनीय रखा जाएगा रिकार्ड

जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया इस एप में रोगी या चिह्नित व्यक्ति की आवाज आठ बार रिकार्ड की गयी है। आवाज अलग-अलग तरह से रिकॉर्ड की गयी। सर्वे में जिन लोगों की आवाज रिकार्ड की गई है, उनके नाम व पता को पूरी तरह से गोपनीय रखा जाएगा। रिपोर्ट भी किसी को साझा नहीं की जाएगी। प्रथम चरण के सर्वे में पूरे देश से लिए जाने वाले नमूनो का अध्ययन होगा। इसके बाद परिणाम के अनुसार इस एप को नियमित रूप से संचालित किया जाएगा।

88 लोगों की खांसी की आवाज के लिए गये नमूने

जनपद में 88 लोगों की आवाज के नमूने लिये गये। एनटीईपी में कार्यरत स्वास्थ्यकर्मी के स्मार्ट मोबाइल में मौजूद एप में टीबी रोगी एवं अन्य लोगों की आवाज को रिकार्ड किया गया। सभी मरीजों को इस नमूने की प्रक्रिया के बारे में बताया गया, फिर उनका नमूना लिया गया। इसके साथ ही उनके वजन, ऊंचाई, रोग के लक्षण, लक्षण की अवधि, धूम्रपान व शराब के सेवन सहित तंबाकू के उपयोग जैसी आदतों के बारे में भी जानकारी ली गई।