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सतपुली: हम उत्तराखंड के दूर-दराज के गांवों तक माताश्री मंगला जी एवं श्रीभोलेजी महाराज जी के आशीर्वाद से स्वास्थ्य के क्षेत्र हर वह सुविधा पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है जिन प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा की आवश्यकता जल्द से जल्द ग्रामीण लोगों को होती है। ताकि पहाड़ जैसे जीवन में अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक स्वास्थ्य की सेवाएं पहुंच सके। उक्त विचार द हंस फाउंडेशन जरनल अस्पताल सतपुली के डाक्टर एच. एस. मिनास ने द हंस फाउंडेशन जरनल अस्पताल सतपुली में आयोजित तीन दिवसीय लीवर जांच शिविर में व्यक्त किए।free-lever-checckup-camp

डाक्टर मिनास ने बताया कि हम और द हंस फाउंडेशन जरनल अस्पताल सतपुली के सभी डाक्टर और कर्मचारी बहुत खुश हैं कि इस तीन दिवसीय लीवर जांच शिविर में हजारों की संख्या में लोग पहुंचे और उन्होंने अपने स्वास्थ्य की जांच कराई।

यह निश्चित तौर पर माताश्री मंगला जी एवं श्रीभोलेजी महाराज जी की सार्थक सोच का परिणाम है कि इस स्वास्थ्य जांच शिविर में पिछले तीन दिनों में लगभग चार हजार लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाया। लगभग छह सो लोगों का अल्ट्रासाउंड हुआ और इतने ही लोगों की एलएफटी हुई। जो निश्चित तौर पर एक रिकॉर्ड है।

डाक्टर मिनास ने बताया कि इस शिविर में पहुंचे अधिकतर लोगों को पेट से संबंधित बीमारी है। जो अधिकतर मदीरा पिने के आदि है। साथ ही कई तरह की पेट की बीमारी भी लोगों में निकली है। इसका मूल कारण है कि लोगों बाहर का फास्टफूड ज्यादा खाने लगे हैं। जिसके कारण लोगों को पेट की कई तरह की बीमारियों ने घेर लिया है।  आज के समय हर उम्र के लोग बच्चे, बुजुर्ग और जवान फास्टफूड खाने और मदिरा   का सेवन करने को एक फैशन समझते हैं। लेकिन यह सब हमारे शरीर को कितना नुकसान पहुंचाते हैं। यह लोगों को तब समझ आता है। जब इनके लिवर में अलग- अलग प्रकार की खतरनाक बीमारी होने लगती है। जिसके बारे में किसी को पता ही नहीं चल पाता।

डाक्टर मिनास ने बताया कि इस  लिवर जांच शिविर में हमने अभी तक लगभग 500 लोगों लिवर का फाइब्रोस्कैन टेस्ट किया । इसी के साथ फाइब्रोस्कैन के द्वारा जो एक तरह का अल्ट्रासाउंड है जो मरीज के लिवर से संबंधिति फिब्रोसिस की स्थिति को दर्शाता है। यह एक पीड़ा रहित और सरल प्रक्रिया हैं। जिसके द्वारा चिकित्सक लिवर संबंधित किसी भी प्रकार की क्षति की जांच हुई । जिसमें कई तरह की बीमारियों का पता चला। जिसके लिए ऐसे मरीजों को दवाइयां प्रदान की गई और उन्हें कैसे रहना है। इसके लिए डाक्टरों ने सला दी है। इसी के साथ हमारे हड्डी रोग विशेषज्ञों ने यहां कई मरीजों का हड्डी से संबंधिति चैकअप भी किया है।

इसी के साथ हम आप को यह भी बताना चाहेंगे कि विश्व प्रसिद्ध स्पाइन सर्जन डा. शेखर भोजराज द्वारा स्थापित स्पाइन फाउंडेशन के तकनीकी सहयोग से कमर दर्द शल्य चिकित्सा का नि:शुल्क शिविर फरवरी में आयोजित किया जाएगा। साथ ही मार्च भी द हंस फाउंडेशन जरनल अस्पताल सतपुली में नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया जाएगा। ताकि पहाड़ के अंतिम छोर पर बसे गांव के लोगों तक बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंच सके।

आपको बता दें कि द हंस फाउंडेशन जरनल अस्पताल सतपुली के डाक्टरों के अनुसार उनके यहां अब प्रैंगेनसी अल्ट्रासाउंड भी किया जाने लगा। जिसका फायदा सीधे तौर पर सतपुली जिले के आसपास के गांवों की उन महिलाओं को होगा जिन्हें प्रैंगेनसी अल्ट्रासाउंड के लिए बाहर जाना पढ़ता था। अब यह अल्ट्रासाउंड द हंस फाउंडेशन जरनल अस्पताल सतपुली में नि:शुल्क किया जाएगा।

द हंस फाउंडेशन जरनल अस्पताल सतपुली के डाक्टर एच एस रावत, डाक्टर रवि पुष्करना की पूरी टीम की देखरेख में इस लिवर जांच शिविर में लिवर जांच सहीत अन्य सभी जांचे नि:शुल्क की गयी ।

इस तीन दिवसीय स्वास्थ्य जांच शिविर में दूर-दराज के गांवों से पहुंचे लोगों ने इस शिविर के आयोजन के बारे में बताया कि इस क्षेत्र में इतने बड़े पैमाने पर किसी स्वास्थ्य जांच शिविर इतने अनुभवी डाक्टरों द्वारा पहली बार इतने लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की है। साथ इतने मंहगे टैस्ट और दवाइयां नि:शुल्क प्रदान की जा रही है। इसके लिए हम सब समाजसेवी माता मंगला जी एवं श्रीभोलेजी महाराज जी को कोटी-कोटी धन्यवाद करते हैं। साथ ही द हंस फाउंडेशन जरनल अस्पताल सतपुली के डाक्टर और कर्मचारियों का आभार करते हैं। जिन्होंने हमें इतना सहयोग किया।

जगमोहन ‘आज़ाद’

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