नई दिल्ली: आज यानी मंगलवार 21 मार्च को दिन व रात का समय बराबर यानी 12-12 घंटे का होगा। और कल से दिन बढ़ने लगेंगे जबकि रातें छोटी होने लगेंगी. दिन बड़े होने का क्रम 21 जून तक जारी रहेगा। 21 जून को साल का सबसे बड़ा दिन, सबसे छोटी रात होगी। दिन 13 घंटे 44 मिनट और रात का 10 घंटे 15 मिनट की होगी। उसके बाद दिन छोटे होते जाते हैं और रात का समय बढ़ने लगता है। यह प्रक्रिया पूरे वर्ष चलती है और साल में दो बार ऐसा समय आता है जब दिन व रात बराबर होते हैं। एक बार मार्च में और दूसरी बार सितंबर में दिन व रात बराबर होंते हैं। 20-21 जून को वर्ष का सबसे बढ़ा दिन होगा और रात सबसे छोटी होगी। जबकि 21-22 दिसंबर को साल का सबसे छोटा दिन व रात सबसे अधिक लंबी होती होती है।
पृथ्वी को दो भागों में भौगोलिक क्षेत्र के आधार पर विभाजित किया गया है। उत्तरी गोलार्द्ध एवं दक्षिणी गोलार्द्ध। यह विभाजन पृथ्वी की मध्य रेखा से किया है, जिसे भूमध्य रेखा या विषुवत रेखा कहते हैं। इसके उत्तरी भाग को उत्तरी गोलार्द्ध एवं दक्षिणी भाग को दक्षिणी गोलार्द्ध कहते हैं। पृथ्वी उत्तरी गोलार्द्ध के 23.5 डिग्री उत्तरी अक्षांश रेखा को कर्क रेखा एवं दक्षिणी गोलार्द्ध के 23.5 डिग्री दक्षिणी अक्षांश रेखा को मकर रेखा कहा जाता है।
21 मार्च को सूर्य विषुवत रेखा पर लंबवत रहता है। इसे बसंत संपात कहा जाता है। सूर्य के विषुवत रेखा पर लंबवत होने के कारण दिन और रात बराबर अर्थात 12-12 घंटे के होते हैं। 21 मार्च के बाद सूर्य अपनी दिशा परिवर्तित करता है और दक्षिणी गोलार्द्ध से उत्तरी गोलार्द्ध में प्रवेश करता है। इस समय सूर्य के उत्तरी गोलार्द्ध में प्रवेश होने के कारण अब उत्तरी गोलार्द्ध वाले देश-शहरों में दिन धीरे-धीरे बड़े होने लगेंगे और रात धीरे-धीरे छोटी होंगी। सूर्य के दिशा परिवर्तित करने से सूर्य की सीधी किरणें पृथ्वी पर पहुंचेंगी और इससे इन देशों और शहरों में गर्मी का प्रकोप बढ़ेगा और दक्षिणी गोलार्द्ध वाले देश, शहरों में रातें बड़ी होंगी दिन धीरे-धीरे छोटे होते जाएंगे, वहां सर्दी बढ़ने लगेगी।