til moles on body

Moles Astrology: इंसान की जिंदगी में ज्योतिष के साथ हस्तरेखा और सामुद्रिक शास्त्र का भी काफी महत्व है. ज्योतिष में कुंडली तो हस्तरेखा शास्त्र में हाथ की रेखाओं और सामुद्रिक शास्त्र में शरीर के विभिन्न अंगों पर बने चिह्न और तिलों से इंसान के भविष्य के बारे में अनुमान लगाया जा सकता है.

उत्तराखंड ज्योतिष रत्न आचार्य डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल बताते हैं कि कुंडली के साथ हाथ की रेखाओं को पढ़कर इंसान की जिंदगी के बारे में बहुत कुछ पता लगाया जा सकता है. वहीं, सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार शरीर के अंगों पर बने चिह्न और तिल से काफी कुछ बताया जा सकता है. इंसान के भाग्यशाली होने का संकेत शरीर पर पाए जाने वाले तिल भी देते हैं.  इन जगहों पर तिल होना सफलता और कामयाबी का सूचक माना जाता है.

हर अंग पर तिल का अलग महत्व

ज्योतिष वैज्ञानिक डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल बताते हैं कि शरीर पर तिल का होना सामान्य बात है. कुछ तिल जन्मजात होते हैं, तो कुछ समय के साथ शरीर पर आ जाते हैं. समुद्रिक  शास्त्र के अनुसार, शरीर पर तिलों का अपना अलग-अलग महत्व होता है. इन तिलों को देखकर आप अपने साथ भविष्य में होने वाली कई बातों के बारे में अंदाजा लगा सकते हैं. साथ ही कुछ स्थानों पर यदि तिल खराब भी होता है ,परंतु उसे अभिमंत्रित कर दिया जाता है, तो वह उतना ही श्रेष्ठ फल दायक हो जाता है.

पेट पर तिल

जिन महिलाओं के पेट पर तिल होता है, वह जीवन के लिए अच्छा नहीं माना जाता है ,परंतु यदि उस तिल को लक्ष्मी मंत्र से अभिमंत्रित कर दिया जाता है, तो उन स्त्रियों को अच्छा पति और अच्छी संतान की प्राप्ति होती है. बात बात पर पति से और संतान से लड़ाई झगड़े बंद हो जाते हैं, वहीं, जिन महिलाओं के पेट पर छाती के ठीक नीचे तिल होता है तो उनकी जिंदगी काफी अच्छी गुजरती है. यदि उस तिल को श्री मंत्र से अभिमंत्रित कर दिया जाए तो  जीवन में धन, ऐश्वर्या और संपत्ति की बरसात हो जाती है, बिगड़े हुए कार्य बनने लगते हैं, राजकीय क्षेत्र में भारी सफलता मिलती है.

नाभि के ऊपरी हिस्से पर तिल

जिस इंसान के नाभि के ऊपरी हिस्से पर तिल होता है, वे खाने-पीने के काफी शौकीन होते हैं. नाभि के अंदर या नाभि के आसपास तिल होना, धन-संपत्ति प्राप्ति का संकेत देता है. यदि स्थान के तिल को नारायण कवच से अभिमंत्रित कर दिया जाता है ,तो ऐसे लोग जिंदगी में ऊंचाईयों को छूते हैं और बड़ा मुकाम हासिल करते हैं. इनके पास पैसों की कभी कमी नहीं रहती और पूरा जीवन सुखमय कटता है.

नाभि के नीचे तिल

वहीं, जिस इंसान के नाभि के थोड़ा नीचे तिल होता है. वह भविष्य में अनेक बीमारियों को जन्म देता है और घर परिवार में भी लड़ाई झगड़े रख पाता है. परंतु यदि इस तिल को अमोघ मंत्र से अभिमंत्रित कर दिया जाता है, तो यह काफी शुभ माना जाता है. ऐसे लोगों को फिर जिंदगी में कभी धन की कमी कभी नहीं रहती है. शुरुआती जिंदगी भले ही साधारण बीते, लेकिन भविष्य में कई बड़े कार्यों को करके काफी धन-संपत्ति एकत्रित कर लेते हैं. इसके साथ ही ऐसे लोग काफी अच्छे और भरोसे के लायक इंसान होते हैं.

आंख के ठीक नीचे तिल

जिस इंसान के दोनों आंखों में से किसी के भी नीचे तिल होता है उसकी जिंदगी में आंसू ही होते हैं रोग और शोक से घर परिवार पीड़ित रहता है. इसलिए उसका भी ज्योतिष से उपचार समय पर करा देना चाहिए.

पीठ पर तिल

स्त्रियों की पीठ पर तिल होता है वह अपने भाइयों के लिए बहुत शुभ होती हैं परंतु यदि वह तिल पीठ से थोड़ा नीचे कमर की तरफ को है, तो वह मायके की तरफ से पीड़ादायक हो जाता है. उसको गौरी मंत्र से अभिमंत्रित करके ठीक किया जा सकता है.

कंधे पर तिल

जिन लोगों को दाएं कंधे पर तिल होता है तो वह बड़े खुशमिजाज होते है. जबकि अगर बांए कंधे पर तिल वाले लोग मस्तमौला वाले होते है. इन्हें पूरी जिंदगी एडवेंचर में बिताने की इच्छा होती है.

माथे पर तिल

अगर किसी के माथे पर दाईं और बाईं ओर तिल का निशान होता है तो वे खूब धन कमाते हैं लेकिन कुछ पाने की चाहत में धन की हानि कर बैठते हैं. कई बार इन्हें आर्थिक परेशानियों का सामना भी करना पड़ जाता है. वहीं जिन लोगों के माथे के बीच में तिल होता है, वे बहुत भाग्यवान होते हैं. ये लोग जिस भी क्षेत्र में प्रयास करते हैं, उनमें भाग्य इन्हें सहयोग करता है और ये जीवन में सफल होते हैं.

होंठों पर तिल होना

होंठ पर तिल बेहद खास होता है. यदि स्त्री या पुरुष के होंठों पर दाएं तिल का निशान होता है तो उनका उनके जीवनसाथी के साथ प्रेमपूर्ण रिश्ता रहता है. दोनों के बीच बेहद मधुर संबंध बना रहता है. लेकिन इसके विपरीत होंठ के बाएं ओर तिल का निशान होने पर जीवनसाथी के साथ हमेशा मतभेद होते रहता है. वहीं जिन लोगों के निचले होंठों पर तिल होता है, वे खाने-पीने के बड़े शौकीन होते है.

हथेली पर तिल

अगर किसी की हथेली पर अंगूठे के नीचे तिल होता है तो वह जीवन में अपार सफलता हासिल करता है. अगर अंगूठे पर तिल हो तो व्यक्ति कितना भी अच्छा काम क्यों न करे, उसे कीर्ति नहीं मिलती है.

आचार्य डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल

निवास स्थान- 56 / 1 धर्मपुर देहरादून, उत्तराखंड।