Nag Panchami 2024: हमारी भारतीय ज्योतिष शास्त्र की अपनी अनूठी व अद्भुत विशेषता देखने को मिलती है। यहां हर समस्या का समाधान बडे ही सरल व सटीक तरीके से देखने को मिलता है। आज सामान्यतः हर जातक किंकर्त्ब्य बिमूढं की स्थिति के दौर सै गुजर रहा है। जिसके फलस्वरूप जीवन में अशान्ति”’ नकारात्मकता’ ‘गुस्सैल व हिसंक प्रवृत्ति”’ जीवन के हर पहलू में असफल होना” ये सारी स्थितियां जातक की कुन्डली में कालसर्प दोष के कारण आती हैं।
कुन्डली में राहू और केतु के ही कारण काल सर्प दोष होता है। यदि कुन्डली में राहु की स्थिति नीच की है तो काल सर्प दोष माना जाता है। राहू का मूल देवता काल को और केतु का मूल देबता सर्प को माना जाता है। इन दोनों के बीच कुन्डली में जितने भी ग्रह होते हैं वे काल सर्प दोष की परिधि में आ जाते हैं। राहू केतु वक्री चलते हैं। ज्योतिष शास्त्र में 12 प्रकार के काल सर्प दोषों की मान्यता देखने को मिलती है।
‘काल सर्प दोष’ पितृ दोष तथा क्रूर जनित ग्रहों का समाधान नाग पंचमी के पुनीत अवसर पर किया जाता है। इस वर्ष यह पर्व 9 अगस्त शुक्रवार को है।
नाग पंचमी के सन्दर्भ में शास्त्रों में अनेक प्रकार की पौराणिक कथा ओं का विवरण देखने को मिलता है। कहा जाता है कि पान्डवों के पौत्र और राजा परीक्षित के पुत्र जन्मेंजय ने नागों के बंश को नष्ट करने के लिए एक यज्ञ का आयोजन किया। उनके इस यज्ञ को ऋषि जरत्कारू के पुत्र आस्तिक मुनि ने रोककर नागों के प्राणों की रक्षा की। उस दिन श्रावण मास की पंचमी तिथि थी। सांपों को शीतलता देने के लिए उन्होने उनके शरीर पर दूध की धार डाली। तब नागों ने आस्तिक मुनि से कहा श्रवण मास की पंचमी को जो भी जातक तन्मयता से हमारी पूजा अर्चना करेगा’। वह सभी मूलभूत समस्याओ से मुक्त हो जायेगा। इस दिन शिबालय में रूद्राभिषेक कराना बहुत ही शुभ कारी माना जाता है।
शिब भगवान सबसे ज्यादा प्रेम नागो से करते हैं’। इस कारण नागों को पल भर के लिए भी अपने से अलग नही करते। इस दिन की पूजा बडी ही प्रभाव कारी मानी जाती है। बड़ी श्रद्वा व आस्था से शिव भगवान पर चांदी का नाग नागिन जोडा अर्पित करने से क्रूर जनित ग्रहों से मुक्ति मिल जाती है। महामृत्युंजय जाप के बराबर मन्त्र का महात्म्य मिल जाता है।
जातकों को चाहिए कि इस पुनीत अवसर पर उपवास लेकर शिव भगवान में जलाभिषेक करके नागो के 12 नागो का स्मरण करना चाहिए। ये नाम जीवन में रामबाण की औषधी का कार्य करते है। वे नाम इस प्रकार से है शंख, पदम, अनन्त, तृक्षक, कंवल, पिंगल, वासुखि, धृतराष्ट, अस्ववर, कालिया, शंखपाल, कर्मोटक आदि। इसके बाद हाथ जोड़कर इस मन्त्र से प्रार्थना करें।
ये च हेलिमरीचिस्था ये न्तरे दिवि संस्थिता।
ये नदीषु महानागा ये सरस्वतिगामिनः।
ये च वापीतद्रा गेषु तेषु सर्वेषु वै नमः।
अर्थात सम्पूर्ण आकाश, पृथ्वी, स्वर्ग, सरोवर, तालाबों, नलकूप, सूर्य की किरणें आदि जहां भी नागदेव बिराजमान हैं। वे हमारे दुःखो को दूर करके हमें सुख शान्तिपूर्वक जीवन दें। उन सभी को हमारी ओर बार बार प्रणाम। इस प्रकार से पूजन करने से जीवन में उत्साह का संचार पैदा हो जाता है। सुखद सन्देश मिलने शुरू हो जाते है।
नाग पंचमी पर बना दुर्लभ संयोग
इस वर्ष नाग पंचमी के दिन कई तरह के दुर्लभ योग बन रहे हैं। आपको बता दें कि इस बार नाग पंचमी पर 5 तरह के दुर्लभ संयोग बनने जा रहे हैं। नाग पंचमी के दिन सुख-वैभव प्रदान करने वाले ग्रह शुक्र ग्रह और बुधदेव मिलकर लक्ष्मी नारायण योग बनाएंगे। इसके अलावा नाग पंचमी पर शनिदेव अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में रहते हुए शश राजयोग का निर्माण करेंगे। चंद्रदेव कन्या राशि में होंगे और राहु के साथ समसप्तक योग का निर्माण करेंगे। ग्रहों के अलावा नागपचंमी पर शुभ और सिद्ध योग भी बनेगा। नागपंचमी पर एक साथ कई तरह के योग बनने के कारण इसका प्रभाव सभी राशियों के जातकों पर पड़ेगा। जिसमें से कुछ राशि के लोगों के लिए नाग पंचमी का त्योहार बहुत ही शुभ और तरक्की दिलाने वाला होगा। नाग पंचमी पर किन-किन राशि वालों को मिलेगा भाग्य का साथ देखिये।
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए नाग पंचमी के दिन 5 तरह के राजयोग का बनना बहुत ही शुभ फलदायी साबित हो सकता है। भाग्य का अच्छा साभ आपको मिलेगा। आपकी आय में जबरदस्त इजाफा देखने को मिल सकता है। बिगड़े काम जल्द ही पूरे होंगे। नौकरी पेशा जातकों को कोई नई जिम्मेदारी मिल सकती है। भाग्य का अच्छा साथ आपको मिल सकता है। नई योजनाओं में आपको अच्छी सफलता और अनुभव का लाभ आपको मिलेगा। सभी तरह की इच्छाएं पूरी होंगी और समाज में मान-सम्मान की प्राप्ति होगी।
वृषभ राशि
मेष राशि के अलावा वृषभ राशि के जातकों को भी नाग पंचमी पर बने पांच राजयोग का फायदा मिलेगा। आपकी आय में अच्छा इजाफा देखने को मिल सकता है। धन लाभ के बेहतरीन मौके आपको मिलेंगे। नौकरीपेशा जातकों को नई नौकरी में अच्छे प्रस्ताव आपके सामने मिल सकते हैं। आपकी पारिवारिक जीवन पहले से बेहतर रहेगा। आपको भाग्य का अच्छा साथ मिलेगा जिससे रुके हुए काम जल्द से जल्द पूरे होंगे। छात्रों को शिक्षा के क्षेत्र में कुछ शुभ समाचार की प्राप्ति हो सकती है।
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए नाग पंचमी पर बना दुर्लभ और शुभ योग बहुत ही फलदायी साबित हो सकता है। आपकी लोकप्रियता में अच्छा खासा इजाफा देखने को मिल सकता है। नौकरीपेशा जातकों को मेहनत का फल मिलेगा और आय में दोगुने से ज्यादा वृद्धि देखने को मिल सकती है। जो जातक किसी व्यापार से संबंधित हैं उनको कोई अच्छी डील हासिल हो सकती है जो आने वाले दिनों में बहुत ही लाभ दिलाएगा।
तुला राशि
नाग पंचमी से तुला वालों को धन दौलत की प्राप्ति होगी। सुख समृद्धि में वृद्धि पाएंगे। नई योजनाओं पर काम करेंगे। दांपत्य जीवन अच्छा रहेगा। तुला वालों का यह समय सफलता भरा रहेगा।
कुम्भ राशि
नाग पंचमी से कुंभ वाले बिजनेस में ऊंचाइयां प्राप्त करेंगे। भाग्य का साथ प्राप्त होगा। साथ ही सहयोगियों का भी साथ मिलेगा। किसी नए कार्य की शुरुआत कर सकते हैं।
पूजा का सबसे शुभ मुहूर्त:
- 9 अगस्त को सुबह 05:47 मिनट से लेकर 08:27 मिनट तक।
- पूजा का दोपहर का शुभ मुहूर्त: 9 अगस्त को दोपहर 12:13 मिनट से लेकर 1:00 बजे तक का।
- प्रदोष काल में भी पूजा का शुभ महूर्त: 9 अगस्त को शाम 06:33 मिनट से रात को 08:20 मिनट तक।
लेखक: अखिलेश चन्द्र चमोला, श्रीनगर गढवाल।