व्यक्ति के जीवन पर 9 ग्रह और 12 राशियों का विशेष प्रभाव देखने को मिलता है। ग्रहों के राशि परिवर्तन से व्यक्ति के जीवन पर अच्छे बुरे प्रभाव पड़ते हैं। विशेष रूप से राजनीति और इससे जुड़े लोगों को ग्रह बहुत अधिक प्रभावित करते हैं। इनमें से एक प्रभावशाली ग्रह है शनि देव।

उत्तराखंड ज्योतिष रत्न आचार्य डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल का कहना है कि शनि देव नवग्रहों में जहां न्याय के देवता कहलाते हैं, वहीँ वे जनता के कारक भी हैं। न्यायपालिका के पूर्ण रूप से कारक है। राजा को रंक और रंक को राजा बनाने की सामर्थ रखने वाले शनिदेव आज 22 जनवरी को अस्त होकर 24 फरवरी 2022 को फिर उदय होंगे। शनि देव के अस्त होने की ये अवधि कुल 33 दिन की होगी। इसी बीच 14 फरवरी को उत्तराखंड में मतदान होना है। शनिदेव लोकतंत्र के भी कारक माने जाते हैं। उनके सूर्य के प्रभाव में अस्त होने के समय पर चुनाव होने से अप्रत्याशित चुनाव परिणाम आएंगे। कन्या, धनु, मिथुन राशि के लोगो के लिये यह समय अवधि कुछ कष्टकारी साबित हो सकती है।

ज्योतिष जगत में बड़े हस्ताक्षर आचार्य चंडी प्रसाद घिल्डियाल गणना करते हुए आगे बताते हैं कि सौर मंडल में नवग्रहों में सेनापति के नाम से जाने जाने वाले मंगल ग्रह 16 जनवरी को राशि परिवर्तन कर चुके हैं और अपनी वृश्चिक राशि से निकलकर देव गुरु बृहस्पति की धनु राशि में संचरण कर रहे हैं। चुनाव संपन्न होने तक वह देव गुरु की राशि में ही रहेंगे। सेनापति मंगल यहां पर रहकर 5 राशियों के जातकों के जीवन में मंगल ही मंगल करेंगे। पहली भाग्यशाली राशि मेष राशि है। दूसरी भाग्यशाली राशि मिथुन राशि है, तीसरी कन्या, चौथी धनु, पाँचवी मीन राशि है।

29 जनवरी 2022 से राजकुमार बुद्ध उदय होंगे और दैत्य गुरु शुक्र मार्गी होंगे। इस प्रकार के  संयोग को ज्योतिष में लक्ष्मी नारायण योग से जाना जाता है। क्योंकि बुध और शुक्र दोनों शनि ग्रह के मित्र ग्रह है। यह लक्ष्मी नारायण योग लोकतंत्र के लिए शुभ माना जाता है। इसलिए जनता धैर्य पूर्वक अपने बुद्धि और विवेक का प्रयोग करके ही मतदान करने के लिए प्रेरित होगी। राजनीतिक दलों के लोकलुभावन नारों के प्रभाव में जनता नहीं आएगी। क्षेत्रवाद, जातिवाद, धर्म की आड़ में राजनीति करने वालों को जनता सबक सिखाएगी। किसी प्रकार के बहकावे में जनता इस बार के चुनाव में नहीं आएगी। इसलिए सभी दलों और प्रत्याशियों के लिए अप्रत्याशित परिणाम सामने आएंगे।

राजगुरु के नाम से प्रसिद्ध डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय भावना से सभी राजनीतिक दलों से चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों को जनहित के मुद्दों को लेकर वोट मांगने की सलाह देते हुए कहते हैं कि जिन भी प्रत्याशियों की जन्म कुंडली में शनि ग्रह कमजोर स्थिति में है वह नामांकन करने से पूर्व और बाद में “श्री नीलांजन समाभासं, रवि पुत्रं यमाग्रजम। छाया मार्तण्ड सम्भूतं, तं नमामि शनैश्चरम ।।” इस मंत्र के जाप से अपना प्रचार और प्रसार का कार्य प्रारंभ करेंगे तो उन्हें सफलता मिलेगी।

स्मरणीय है कि उत्तराखंड ज्योतिष रत्न आचार्य डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल के दरबार में विगत 6 माह पूर्व से ही चुनावी दंगल में उतरने वाले राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों ने ज्योतिषीय सलाह लेनी प्रारंभ कर दी थी। उनकी सलाह को अत्यंत महत्वपूर्ण मानते हुए कुछ बड़े नेताओं ने चुनाव लड़ने से किनारा भी कर लिया है। और कुछ नए लोग उत्साह पूर्वक दंगल में भी उतरे हैं। समय बताएगा कि उनकी भविष्यवाणी एवं ज्योतिषीय उपचार को पाकर कितने लोग चुनावी वैतरणी पार करके विधानसभा में पहुंचते हैं।