प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 5 अप्रैल 2020 की रात्रि 9:00 बजे पूरे देश में एक साथ ज्योति जलाने के आवाहन से कोरोनावायरस के संक्रमण पर काफी हद तक रोक लगेगी. उस कालखंड में महामृत्युंजय सिद्ध शुक्र ग्रह के स्वामित्व वाला तुला लग्न एवं शुक्र ग्रह के ही पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में चंद्रमा के संचरण से लोगों की जीवनी शक्ति बढ़ेगी. 5 अप्रैल 2020 की रात्रि 9:00 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विपत्ति विनाशक सद्बुद्धि दायक प्रकाश जलाने के आवाहन को उत्तराखंड ज्योतिष रत्न आचार्य डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल ने ज्योतिषीय दृष्टि से बहुत सकारात्मक पहल बताया है. उन्होंने उस कालचक्र की लग्न कुंडली का विश्लेषण करते हुए कहा कि सौरमंडल में उस समय काल पुरुष के शरीर का स्वामी शुक्र ग्रह जिसे महामृत्युंजय सिद्ध दैत्य गुरु शुक्राचार्य का रूप माना जाता है स्वयं काल पुरुष के मृत्यु स्थान में रहकर अल्पकालीन सामूहिक प्रार्थना कर रहे साधकों की आयु में अप्रत्याशित वृद्धि करेगा.
वैदिक एस्ट्रो साइंस के विशेषज्ञ डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल अंक ज्योतिष की व्याख्या करते हुए कहते हैं कि प्रधानमंत्री ने जो समय चुना है रात 9:00 बजे और 9 मिनट के लिए ही प्रकाशमय करना तो 9 अंक मंगल का अंक है मंगल पराक्रम है मंगल नव ग्रहों में सेनापति है और भारतवर्ष की कुंडली में मंगल पराक्रम भाव में है उससे मंगल ग्रह मजबूत होगा इसलिए उचित समय को चुना गया है साथ ही 22 मार्च को जनता कर्फ्यू के दौरान शंख घंटी आदि बजाने के लिए प्रधानमंत्री ने कहा था वह ध्वनि विज्ञान था और ध्वनि के बाद सौरमंडल में प्रकाश का स्थान है इसलिए उन्होंने प्रकाश को चुना है कहा जा सकता है कि प्रधानमंत्री पूर्ण रूप से अध्यात्म और विज्ञान जो भारत की प्राचीन विरासत रही है उसी के अनुरूप देश को ले चलने का पूर्ण प्रयास कर रहे हैं और यहीं से भारत के विश्व गुरु बनने की दिशा तय होगी सौरमंडल में ध्वनि और प्रकाश के बाद चुंबकत्व का स्थान आता है क्योंकि पूरी पृथ्वी और सितारे गुरुत्वाकर्षण चुंबकीय शक्ति से जुड़े हुए हैं इसलिए इसको कोरोना वायरस से छुटकारा पाने के लिए चुंबकत्व संबंधी कोई सामूहिक प्रयोग यदि प्रधानमंत्री द्वारा करवाया जाता है तो इसमें आश्चर्य नहीं होना चाहिए बल्कि उसका विधिवत पालन करना चाहिए