aap national party

AAP got national party status : भारत निर्वाचन आयोग ने अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (AAP) को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दे दिया है। इसके साथ ही निर्वाचन आयोग तीन राष्ट्रीय पार्टियों और दो क्षेत्रीय पार्टियों से दर्जा वापस लिया है। निर्वाचन आयोग ने शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस (NCP), ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (TMC) और भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी (CPI) का राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा वापस ले लिया है। इसके अलावा क्षेत्रीय दलों में निर्वाचन आयोग ने भारत राष्ट्र समिति (BRS) से आंध्र प्रदेश में और राष्ट्रीय लोक दल (RLD) से UP में क्षेत्रीय दल का दर्जा वापस लिया है।

आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलने पर पार्टी नेताओं ने खुशी और शुभकामनाओं के ट्वीट किए। केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि यह किसी चमत्कार से कम नहीं है। सबको बहुत बहुत बधाई। देश के करोड़ों लोगों ने हमें यहां तक पहुंचाया है। लोगों को हमसे बहुत उम्मीद है। आज लोगों ने हमें ये बहुत बड़ी जिम्मेदारी दी है।

आप को क्यों मिला राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा

चुनाव आयोग ने बताया कि आम आदमी पार्टी को चार राज्यों- दिल्ली, गोवा, पंजाब और गुजरात में उसके चुनावी प्रदर्शन के आधार पर राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिया गया है। अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी दिल्ली और पंजाब में सत्ता में है। बता दें कि गुजरात चुनाव के बाद आम आदमी पार्टी ने दावा किया था कि वो राष्ट्रीय पार्टी बन गई है। लेकिन अभी तक चुनाव आयोग की तरफ से ये दर्जा नहीं दिया गया है। इस देरी की वजह से पार्टी ने नाराजगी जताई थी और उसने कर्नाटक हाई कोर्ट का रुख किया था। AAP कर्नाटक के संयोजक पृथ्वी रेड्डी की तरफ से कर्नाटक हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। याचिका में कहा गया था कि आम आदमी पार्टी राष्ट्रीय पार्टी बनने की सभी शर्तें पूरी करती है, लेकिन इसके बावजूद दर्जा मिलने में देरी हो रही है। इस तर्क को सुनने के बाद कोर्ट ने चुनाव आयोग को 13 अप्रैल तक का वक्त दिया था। कर्नाटक हाई कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा भी था कि 13 अप्रैल तक ये फैसला कर लिया जाए कि AAP राष्ट्रीय पार्टी बनती है या नहीं।

3 दलों से क्यों छिना राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा?

चुनाव आयोग के मुताबिक इन दलों को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिया गया था लेकिन ये दल उतना रिजल्ट नहीं ला पाए इसलिए यह दर्जा वापस लिया गया है। इन्हें 2 संसदीय चुनावों और 21 राज्य विधानसभा चुनावों के पर्याप्त मौके दिए गए थे। इसके बाद इन दलों के प्रदर्शन को रिव्यू किया गया और फिर राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा वापस ले लिया गया। हालांकि ये पार्टियां आगे के चुनावी चक्र में प्रदर्शन के आधार पर राष्ट्रीय पार्टी होने का दर्जा वापस हासिल कर सकती हैं।

इन पार्टियों को मिला राज्य स्तर के दल का दर्जा

  1. नगालैंड में लोक जनशक्ति पार्टी
  2. त्रिपुरा में टिपरा मोथा
  3. पश्चिम बंगाल में रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी
  4. मेघालय में वॉइस ऑफ द पीपुल पार्टी
  5. नगालैंड में राकांपा
  6. मेघालय में तृणमूल कांग्रेस

कैसे मिलता है राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा?

चुनाव आयोग के नियम के मुताबिक किसी भी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने के लिए कुछ प्रमुख शर्तों को पूरा करना होता है। अगर कोई भी पार्टी उन शर्तों को पूरा करती है तो इलेक्शन कमीशन (EC) उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा देता है।

  1. अगर किसी दल को 4 राज्यों में क्षेत्रीय दल का दर्जा प्राप्त है तो उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल जाता है।
  2. अगर कोई दल 3 राज्यों को मिलाकर लोकसभा की 3 फीसदी सीटें जीतती है तो उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल जाता है।
  3. अगर कोई पार्टी 4 लोकसभा सीटों के अलावा लोकसभा चुनाव या विधानसभा चुनाव में 4 राज्यों में 6 फीसदी वोट हासिल करती है तो उसे राष्ट्रीय पार्टी माना जाता है।
  4. अगर कोई भी पार्टी इन तीनों शर्तों में से किसी एक शर्त को पूरा करती है तो उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल जाता है।

राष्ट्रीय पार्टी होने के फायदे

  1. राष्ट्रीय पार्टी को विशिष्ट चुनाव चिन्ह का आवंटन किया जाता है। राष्ट्रीय पार्टी के चुनाव चिन्ह को पूरे देश में किसी अन्य पार्टी के द्वारा प्रयोग नहीं किया जा सकता है।
  2. मान्यता प्राप्त `राज्य और राष्ट्रीय’ दलों को नामांकन दाखिल करने के लिए केवल एक प्रस्तावक (proposer) की आवश्यकता होती है।
  3. मान्यता प्राप्त `राज्य ‘और` राष्ट्रीय’ दलों को चुनाव आयोग की तरफ से (मतदाता सूची के संशोधन की दशा में) मतदाता सूची के दो सेट मुफ्त में दिए जाते हैं। साथ ही इन पार्टियों से चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को आम चुनावों के दौरान मतदाता सूची की एक प्रति मुफ्त मिलती है।
  4. इन दलों को अपने पार्टी कार्यालय स्थापित करने के लिए सरकार से भूमि या भवन प्राप्त होते हैं।
  5. राज्य और राष्ट्रीय दल चुनाव प्रचार के दौरान 40 स्टार प्रचारक तक रख सकते हैं जबकि अन्य पार्टियाँ ’20 स्टार प्रचारकों’ को रख सकतीं हैं। स्टार प्रचारकों का यात्रा खर्च उनकी पार्टी के उम्मीदवारों के चुनाव खर्च के हिसाब में नहीं जोड़ा जाता है।
  6. चुनाव के कुछ समय पहले उन्हें राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर टेलीविजन और रेडियो प्रसारण करने की अनुमति देना ताकि वे अपनी बात को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहंचा सकें।

देश में अभी कितनी राष्ट्रीय पार्टी?

  1. भारतीय जनता पार्टी (BJP)
  2. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC)
  3. बहुजन समाज पार्टी (BSP)
  4. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) (CPM)
  5. नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP)
  6. आम आदमी पार्टी (AAP)