केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट पेश करने के बाद भाजपा के नेता खूब सराहना कर रहे हैं। विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने इलेक्शन स्पीच कहकर आलोचना की। ‌वहीं दूसरी ओर सोशल मीडिया पर भी बजट को लेकर प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो गया है।

राजधानी दिल्ली के संसद भवन में आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश कर दिया है। जैसा कि साल की तरह बजट आने के बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं की प्रतिक्रियाएं देखने को मिलती हैं। जहां इस बजट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत तमाम भाजपा के केंद्रीय मंत्रियों नेताओं ने सराहना की, वहीं विपक्षी नेताओं ने इसे फैंसी बजट बताया।

बजट के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित करते हुए कहा कि यह बजट विकसित भारत के विराट संकल्प को पूरा करने के लिए एक मजबूत नींव का निर्माण करेगा। ये बजट आज की आकांक्षी समाज, गांव, गरीब, किसान, मध्यम वर्ग सभी के सपनों को पूरा करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ये बजट, सहकारिता को ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास की धुरी बनाएगा। सरकार ने को-ऑपरेटिव सेक्टर में दुनिया की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना बनाई है। बजट में नए प्राइमरी को-ऑपरेटिव्स बनाने की एक महत्वकांक्षी योजना का भी एलान हुआ है।

पीएम ने कहा, वर्ष 2014 की तुलना में इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश पर 400% से ज्यादा की वृद्धि की गई है। इस बार इंफ्रास्ट्रक्चर पर 10 लाख करोड़ रुपये का अभूतपूर्व निवेश होगा। यह निवेश युवाओं के लिए रोजगार और एक बड़ी आबादी के लिए आय के नए अवसर पैदा करेगा। उन्होंने कहा, आज जब मिलेट्स पूरे विश्व में लोकप्रिय हो रहा है तो उसका सर्वाधिक लाभ भारत के छोटे किसानों के नसीब में है। अब इस सुपर फूड को श्री अन्न के नाम से एक नई पहचान दी गई है। श्री अन्न से हमारे छोटे किसानों और किसानी करने वाले आदिवासी भाई-बहनों को आर्थिक सबल मिलेगा।

पीएम मोदी ने कहा, ये बजट आज की आकांक्षी समाज, गांव, गरीब, किसान, मध्यम वर्ग सभी के सपनों को पूरा करेगा। देश इस बजट में पहली बार अनेक प्रोत्साहन योजना लेकर आई है। ऐसे लोगों के लिए ट्रेनिंग, टेक्नोलॉजी, क्रेडिट, और मार्केट सपोर्ट की व्यवस्था की गई है। पीएम-विकास से हमारे करोड़ों विश्वकर्माओं के जीवन में बहुत बड़ा बदलाव आएगा। गांव से लेकर शहर तक में रहने वाली हमारी महिलाओं के जीवन स्तर में बदलाव लाने के लिए कई बड़े कदम उठाए गए हैं, उन्हें अब और ताकत के साथ आगे बढ़ाया जाएगा।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, आज प्रस्तुत हुए आम बजट 2023-24 में ‘नए भारत’ की समृद्धि का संकल्प है,130 करोड़ देश वासियों की सेवा का लक्ष्य है। वर्तमान केंद्रीय बजट गांव, गरीब, किसान, नौजवान व महिलाओं समेत समाज के हर वर्ग की आशाओं और राष्ट्र के समग्र उत्थान की अपेक्षाओं को पूरा करने वाला है। निःसंदेह, यह बजट भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, पीएम मोदी के नेतृत्व में वित्त मंत्री सीतारामन ने जो बजट पेश किया है वो अमृत काल में एक नए भारत की नींव रखेगा और 130 करोड़ भारतवासियों का जीवन बेहतर और खुशहाल करेगा। ‘सबका साथ, सबका प्रयास’ के जरिए ‘जनभागीदारी’ की जरूरत को समझते हुए अमृत काल के लिए मजबूत वित्तीय क्षेत्र के साथ एक तकनीक-संचालित और ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था को दिशा देने वाला यह बजट है। केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने कहा कि इस बजट में पिछले बजट को आधार बनाकर काम किया गया है। उन्होंने कहा कि इस बजट ने देश के अगले 25 सालों की नींव रखने का काम किया है।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह देश की जनता के साथ विश्व की उम्मीदों को भी पूरा करने वाला बजट है। ये गरीबों का बजट है, नए भारत का संकल्प इस बजट में दिखाई देता है। भारत की अर्थव्यवस्था आज 5वें नंबर की अर्थव्यवस्था बनी है। इस बजट में मध्यम वर्ग, जनजातीय वर्ग, रोजगार सृजन आदि की चिंता की गई है। यह बजट भारत के गरीब लोगों को समर्पित है। ये सबका साथ, सबका प्रयास, सबका विश्वास, सबको साथ लेकर चलने वाला बजट है।

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि अमृत काल का पहला बजट लोक कल्याणकारी है, यह गरीब किसानों, आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों, वंचितों, आर्थिक रूप से पिछड़े तथा मध्यम वर्ग को सशक्त और सक्षम बनाने वाला बजट है। यह बजट बच्चों की पढ़ाई, मध्यम वर्ग की कमाई और बुजुर्गों की भलाई पर बल देने वाला है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा- यह बजट पूरी तरह से संतुलित है

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज बजट पेश करने के बाद अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इस बजट में उन्होंने संसाधनों और खर्चों के बीच संतुलन बिठाने की कोशिश की है। कैपिटल एक्सपेंडीचर से लेकर आम जनता खासकर मिडिल क्लास के लिए टैक्स के नियमों में छूट दी है। देश डायरेक्ट टैक्स के नियमों के आसान होने का इंतजार कर रहा था और सरकार ने इस बजट के जरिए ऐसा कर दिखाया है। पब्लिक सेक्टर इंवेस्टमेंट को हमारी सरकार संतुलित करने की कोशिश कर रही है और इसके साथ ही टैक्स के नियमों को आसान बनाने के लिए भी प्रयास लगातार जारी हैं।

इसके साथ ही साथ एमएसएमई सेक्टर को बड़ा कर्ज देने के जरिए उनकी आर्थिक स्थिति सुधारने की कोशिश की जा रही है। वित्त मंत्री ने कहा कि ये एक ऐसा बजट है जो पूरी तरह संतुलित है। हम बिना किसी कर छूट के नई टैक्स व्यवस्था बनाना चाहते हैं। हमारा फोकस ग्रीन ग्रोथ पर है। आयकर स्लैब में बदलाव से मध्यम वर्ग को लाभ होगा। हम एक भविष्यवादी फिनटेक को देख रहे हैं। सरकार विभिन्न क्षेत्रो में डिजिटल अर्थव्यवस्था को खोलने की कोशिश कर रही है।

सरकार ने इस बार जो कैपिटल एक्सपेंडीचर में इजाफा किया है वो पहली बार दहाई अंकों में किया गया है। 10 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत निवेश परिव्यय के जरिए सरकार की प्राथमिकता देश के आर्थिक विकास को तेज करने पर है। सरकार का ध्यान रोजगार को बढ़ाने पर हैं और साथ ही इसमें तेजी लाने के प्रयासों पर हैं।

विपक्षी पार्टी के नेताओं को केंद्र सरकार का बजट नहीं आया पसंद

कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि बजट 2-4 राज्यों के चुनाव को देखते हुए पेश किया गया है। यह बजट नहीं इलेक्शन स्पीच है। उनकी जो भी बातें उन्होंने बाहर कही है वैसे जुमले इस बजट में डालकर इसे पेश कर दिया गया। बजट में महंगाई और मुद्रा स्फ़ीति में इज़ाफा है जिसपर ध्यान देना चाहिए था। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि यह बजट देश की वास्तविक भावना को संबोधित नहीं कर रहा है जो कि महंगाई और बेरोजगारी है। इसमें केवल फैंसी घोषणाएं थीं। जो पहले भी की गई थीं, लेकिन कार्यान्वयन के बारे में क्या? पीएम किसान योजना से सिर्फ बीमा कंपनियों को फायदा हुआ किसानों को नहीं।

बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि ये बजट निल बट्टे सन्नाटा है। तेजस्वी ने कहा कि बजट में बिहार के लोगों के लिए कुछ नहीं है। राजद नेता ने कहा कि केंद्र में जितने बिहार के सांसद हैं उन्हें शर्म से डूब जाना चाहिए क्योंकि किसानों और रेलवे के लिए बजट में कुछ नहीं है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने बजट में दिल्ली के लोगों के साथ घोर अन्याय होने की बात कही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली वालों ने पिछले साल 1.75 लाख करोड़ से ज़्यादा इनकम टैक्स दिया, लेकिन केंद्र ने मात्र 325 करोड़ रुपये दिल्ली के विकास के लिए दिये।

पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि बजट में आम लोगों को लाभ पहुंचाने के बजाय कल्याणकारी योजनाओं और सब्सिडी को खत्म करने का काम किया गया है। उन्होंने कहा कि जो लोग गरीबी के स्तर से ऊपर उठ गए थे, वे फिर से गरीबी के स्तर से नीचे आ गए हैं। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि बजट में कुछ अच्छी चीजें हैं लेकिन मनरेगा, गरीब ग्रामीण श्रम, रोजगार और महंगाई का कोई जिक्र नहीं है। उन्होंने कहा कि कुछ बुनियादी सवालों के जवाब बजट में नहीं दिए गए।

कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा कि बजट का एक बड़ा हिस्सा राष्ट्रपति के अभिभाषण और आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट की पुनरावृत्ति है। उन्होंने कहा कि टैक्स में किसी भी तरह की कटौती अच्छा कदम है। कार्ति ने कहा कि लोगों के हाथ में पैसा देना अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने का सबसे अच्छा तरीका है। लेकिन जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्लाह ने इस बजट की तारीफ की।‌ उन्होंने कहा कि बजट में मध्यम वर्ग को मदद दी गई है, सबको कुछ न कुछ दिया गया है। केंद्रीय बजट को लेकर आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने भी मोदी सरकार पर तंज कसा. संजय सिंह ने ट्वीट किया—

अदाणी बचाओ बजट आया!

किसान, जवान, नौजवान…

इस बजट में किसी के लिए नहीं कोई प्रावधान,

अमृतकाल में अमृत के लिए तरस रहा है आम इंसान,

पूंजीपतियों की लूट हुई है आसान! बसपा की सुप्रीमो मायावती ने मोदी सरकार के चुनाव से पहले के आखिरी बजट को धोखा बताया है। उनका कहना है कि पहले से ही देश की पूंजी कुछ लोगों के हाथों में सिमट गई है। सरकार ने बजट से उनके हाथ और ज्यादा मजबूत कर दिए हैं। आम जनता की जेब पूरी तरह से खाली है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्रीय बजट को ‘जनविरोधी’ करार देते कहा कि इसमें गरीबों का ध्यान नहीं रखा गया। एक समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने दावा किया कि आयकर स्लैब में बदलाव से किसी की मदद नहीं होगी। उन्होंने कहा, ‘‘यह केंद्रीय बजट भविष्यवादी नहीं है। पूरी तरह से अवसरवादी, जनविरोधी और गरीब विरोधी है। यह केवल एक वर्ग के लोगों को लाभान्वित करेगा। यह बजट देश की बेरोजगारी के मुद्दे को हल करने में मदद नहीं करेगा।

इसे 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, “पिछले साल के बजट में कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, मनरेगा और अनुसूचित जाति के कल्याण के लिए आवंटन के लिए सराहना की गई थी। आज हकीकत सामने है. वास्तविक व्यय बजट की तुलना में काफी कम है। यह हेडलाइन मैनेजमेंट की मोदी की ओपीयूडी रणनीति है। वादा ज्यादा, काम कम।